लिंगवाद से निपटने में महिलाओं की सहायता करेगा ट्वीट

punjabkesari.in Sunday, Feb 01, 2015 - 09:53 PM (IST)

टोरंटो: लिंगवाद के मामले में सार्वजनिक रूप से ट्वीट करने से महिलाओं का भला हो सकता है, क्योंकि यह उन्हें खुद को अभिव्यक्त करने की क्षमता प्रदान करता है जिससे परिवर्तन लाया जा सकता है। यब बात एक अध्ययन में सामने आई है।

विलफ्रिड लैरियर विश्वविद्यालय, कनाडा की मिंडी फोस्टर ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि लिंगवाद महिलाओं को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है और इसका सार्वजनिक रूप से जवाब देना तनावपूर्ण और जोखिम भरा हो सकता है।’’ फोस्टर ने कहा, ‘‘इस अध्ययन में हालांकि यह दर्शाया गया है कि कैसे सार्वजनिक रूप से ट्वीट करने में महिलाओं का भला करने की क्षमता है।’’ तीन दिनों तक किए गए इस शोध में 93 महिला स्नातक छात्रों को बेतरतीब ढंग से तीन में से एक स्थिति पर ट्वीट करने के लिए कहा गया।

सभी प्रतिभागियों को तीन दिनों तक राजनीति, मीडिया और विश्वविद्यालयों में लिंगवाद के सामयिक मुद्दों पर सूचना मिलती रही, ताकि वे उन पर ट्वीट करती रहें। एक समूह को सार्वजनिक रूप से ट्वीट करने के लिए कहा गया, दूसरे समूह को निजी तौर पर ट्वीट करने के लिए कहा गया जबकि तीसरे समूह को ट्वीट ही नहीं करना था।

ट्वीट करने के बाद सभी प्रतिभागियों ने अपनी मनोदशा से संबंधित प्रश्नोत्तरी को पूरा किया और बेहतरी के उपायों पर अपना मत दिया। विश्लेषण से पता चला कि महिलाओं के जिस समूह ने सार्वजनिक रूप से ट्वीट किया था, उनमें तीसरे दिन तक भलाई की भावना बढ़ गई। अन्य दो समूहों के सदस्यों में कोई भी परिवर्तन नहीं दिखाई दिया। यह अध्ययन ब्रिटिश जर्नल ऑफ सोशल साइकॉलोजी में प्रकाशित हुआ है।


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