जान-माल की सुरक्षा के लिए सेना को तैनात किया गया: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना

punjabkesari.in Wednesday, Jul 24, 2024 - 02:28 AM (IST)

ढाकाः बांग्लादेश में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों के बाद कर्फ्यू लगाने और देखते ही गोली मारने के आदेश देने के अपने फैसले का बचाव करते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को कहा कि लोगों की जान और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए गए। 

हसीना की यह टिप्पणी बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रदर्शनकारियों की एक प्रमुख मांग को स्वीकार करते हुए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा में कटौती करने के एक दिन बाद आई है। देश में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। 

प्रदर्शनकारी 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम लड़ने वाले (पूर्व) सैनिकों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। कम से कम चार स्थानीय समाचार पत्रों में बताया गया है कि हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। अधिकारियों ने हिंसा में हुई मौतों के आधिकारिक आंकड़े अब तक साझा नहीं किए हैं। 

बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने रविवार के अपने फैसले में कहा कि 93 प्रतिशत सरकारी नौकरियां योग्यता आधारित प्रणाली के आधार पर आवंटित की जाएं, पांच प्रतिशत 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भाग लेने वालों के परिजनों तथा अन्य श्रेणियों के लिए दो प्रतिशत सीट आरक्षित रखी जाएं। हसीना ने एक बयान में कहा कि ‘‘पूर्ण बंदी'' लागू होने और आरक्षण आंदोलन से संबंधित हाल की घटनाओं के कारण पूरे देश के आम लोगों का जीवन और आजीविका प्रभावित हुई है। 

उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने संगठित तरीके से मेट्रो रेल, एक्सप्रेसवे, सेतु भवन, आपदा प्रबंधन भवन, विभिन्न सरकारी एवं निजी भवनों और घरों में आगजनी और तोड़फोड़ की। हसीना ने हिंसा के लिए मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और जमात-ए-इस्लामी तथा उनकी छात्र शाखाओं को जिम्मेदार ठहराया है। हसीना ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा जनजीवन को सामान्य स्थिति में लाने के लिए अस्थायी रूप से कर्फ्यू लगाया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Pardeep

Related News