अमरीका बन जाएगा सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक, भारत को ऐसे होगा फायदा

punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2018 - 02:43 PM (IST)

नई दिल्लीः कच्चे तेल की एक्सपोर्ट मार्केट पर अपना कब्जा बनाने के लिए पिछले 3 सालों से रूस, अमरीका और ओपेक देशों के बीच जो खींचतान चल रही है, उसके आने वाले दिनों में और बढ़ने की संभावना है। कच्चे तेल के उत्पादन के मामले में अमरीका पहले ही सबसे बड़े कच्चा तेल निर्यात सऊदी अरब को पछाड़ चुका है। पिछले साल करीब 47 वर्ष बाद अमरीका में कच्चे तेल का रोजाना उत्पादन 1 करोड़ बैरल तक पहुंचा है। IEA के मुताबिक 2018 के अंत तक अमरीका का रोजाना क्रूड ऑयल उत्पादन 1.10 करोड़ बैरल तक पहुंच जाएगा जो सबसे बड़े तेल उत्पादक रूस के उत्पादन से ज्यादा होगा।

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने अनुमान लगाया है कि अगले साल तक रूस को पछाड़ अमेृरीका दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक देश बन जाएगा। IEA के मुताबिक अमेरिका में शेल ऑयल के उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिस वजह से अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक देश बन जाएगा।

अगर अमरीका में उत्पादन बढ़ने से कच्चे तेल का निर्यात बढ़ता है तो इसका घाटा रूस और सऊदी अरब को होगा और अपना मार्कीट बचाने के लिए इन देशों को एक बार फिर से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाना पड़ेगा जिससे वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है। अगर भाव फिर से कम होते हैं तो इसका सीधा फायदा भारत को होगा।

भारत को अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए हर साल 2-2.5 करोड़ टन कच्चा तेल आयात करना पड़ता है जिसमें बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च होती है। अगर विदेशी स्तर पर अपना मार्कीट बचाए रखने के लिए रूस, सऊदी अरब और अमेरिका उत्पादन बढ़ाते हैं तो इससे कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आएगी और भारत में इससे पेट्रोल और डीजल के भाव कम हो सकते हैं।
 


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