तेहरान पर मंडराया युद्ध का साया, इजरायली सेना ने दी चेतावनी, तुरंत खाली करो शहर, G7 छोड़ भागे Trump
punjabkesari.in Tuesday, Jun 17, 2025 - 10:59 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच 'पूर्ण युद्ध' छिड़ने की संभावना लगातार बढ़ती जा रही है। तनाव इस कदर बढ़ गया है कि अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों ने अपने नागरिकों को तत्काल तेहरान (ईरान की राजधानी) छोड़ देने की सलाह दी है। उधर इजरायली सेना ने सीधे सोशल मीडिया के ज़रिए तेहरान के लोगों को सैन्य अड्डों के पास से तुरंत जगह खाली करने की चेतावनी दी है। इजरायली सेना ने तो यहाँ तक दावा किया है कि उसने ईरानी वायु सीमा पर कब्ज़ा कर लिया है और तेल रिफाइनरियों, गैस भंडारों और सैन्य ठिकानों पर हमले भी किए हैं।
G7 समिट छोड़कर अमेरिका लौटे ट्रंप
ईरान-इजरायल सैन्य संघर्ष का असर वैश्विक मंच पर भी साफ दिख रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कनाडा में चल रही G7 समिट को बीच में ही छोड़कर वापस अमेरिका लौट गए हैं। व्हाइट हाउस ने बताया कि मध्य पूर्व में बढ़ते सैन्य तनाव को देखते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने यह अहम फैसला लिया है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा, ईरान को परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए। ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता है। मैंने यह बार-बार कहा है। सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।
चीनी नागरिकों को इजरायल छोड़ने का निर्देश
केवल अमेरिका ही नहीं चीन भी इस बढ़ते तनाव से चिंतित है। तेल अवीव (इजरायल की राजधानी) में मौजूद चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों को जल्द से जल्द इजरायल छोड़ने का निर्देश दिया है। चीन ने अपने नागरिकों से सड़क के रास्ते जॉर्डन की ओर रवाना होने को कहा है। चीनी दूतावास ने हवाई क्षेत्र बंद होने और हिंसा में वृद्धि का हवाला देते हुए नागरिक हताहतों की संख्या में वृद्धि और सुरक्षा में गिरावट की चेतावनी भी दी है।
ईरान ने NPT से हटने की दी धमकी
इस बीच, ईरान ने एक बड़ा कदम उठाते हुए परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से हटने की धमकी दी है। ईरान ने कहा है कि वह सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है और सामूहिक विनाश के हथियार बनाने का विरोध करते हुए भी NPT से बाहर निकलने के लिए एक बिल तैयार कर रहा है जिसे जल्द ही ईरानी संसद में पेश किया जाएगा। यह धमकी दर्शाता है कि क्षेत्र में तनाव किस चरम पर पहुँच गया है।
मध्य पूर्व में बढ़ती यह सैन्य तनातनी विश्व शांति के लिए एक बड़ा खतरा बनती जा रही है जिस पर दुनिया भर की नज़रें टिकी हुई हैं।