शर्मनाक: अमरीका के इस राज्य में लगे 700 पादरियों पर लगे यौन शोषण के आरोप

Friday, Dec 21, 2018 - 01:25 PM (IST)

शिकागो: अमरीका के इलिनोइस राज्य में करीब 700 पादरियों पर बच्चों के यौन शोषण का आरोप है, जो इससे पहले कैथोलिक चर्च की ओर से बताई गई संख्या से कहीं ज्यादा है। अमरीका के मध्य-पश्चिमी राज्य के शीर्ष अभियोजक ने यह खुलासा किया है। इलिनोइस की अटॉर्नी जनरल लीसा मैडिगन ने बुधवार को कहा कि चर्च ने ऐसे पादरियों की संख्या पहले 185 बताई थी।

कई मामलों की जांच अधूरी
अटॉर्नी जनरल के कार्यालय की ओर से जारी बयान में शोषण के आरोपों से निपटने में चर्च की असमर्थता की आलोचना की गई है। अटॉर्नी जनरल के कार्यालय का कहना है कि कई आरोपों की जांच अधूरी रही और कई मामलों में कानून का पालन नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि बाल कल्याण संस्थाओं को सूचना भी नहीं दी गई। मैडिगन ने कहा कि इस जांच के शुरूआती चरणों से पहले ही साफ  हो चुका है कि कैथोलिक चर्च अपनी निगरानी नहीं कर सकता। इसी साल अक्तूबर में पहली बार यौन शोषण के मामलों की जांच शुरू हुई थी। अगस्त में पोप फ्रांसिस ने इस मामले की जांच में असफलता के लिए चर्च की निंदा भी की थी।

300 कैथोलिक पादरियों ने किया 1000 बच्चों को यौन शोषण
सिर्फ इलिनोइस ही नहीं, अमरीका के कई राज्यों में पादरियों द्वारा बच्चों के यौन शोषण के मामले वर्षों से सामने आते रहे हैं। अटॉर्नी जनरल ऑफ पेन्सिल्वेनिया की जांच से पता चला कि राज्य में 300 कैथोलिक पादरियों ने 1000 बच्चों को यौन  शोषण  का  शिकार  बनाया।  इसे  बिशप और चर्च के उच्चाधिकारियों द्वारा छुपाया गया। अमरीका में रोमन कैथोलिक चर्च बच्चों के यौन शोषण के मामले में लगातार चर्चा में बना रहता आया है।  यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि बच्चों से यौन दुराचार करने और उनका शोषण करने वाले पादरियों को शायद ही कभी कोई सजा मिली हो। सिर्फ अमरीका ही नहीं, दुनिया के हर हिस्से में चर्चों में पादरियों द्वारा बच्चों और ननों के यौन शोषण के मामले आते ही रहे हैं। इस अपराध को बढ़ावा इसलिए मिलता है कि इसे छुपाया जाता है, ताकि चर्च पर लोगों की आस्था बनी रहे।   

क्या कहना है धर्मशास्त्रियों का
कुछ धर्मशास्त्रियों का कहना है कि इसके पीछे चर्च की वह नीति भी जिम्मेदार है, जिसके तहत पादरियों को ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करना पड़ता है। ब्रह्मचर्य का पालन कर पाना सभी पादरियों के लिए संभव नहीं हो पाता और वे यौन कुंठाओं के शिकार होकर असामान्य यौन व्यवहार करने लगते हैं। बच्चे उनके आसान शिकार होते हैं।

shukdev

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