तालिबान का पाकिस्तान को झटका, ईरान के चाबहार पोर्ट में 35 मिलियन डॉलर निवेश का ऐलान

Monday, Mar 04, 2024 - 11:56 AM (IST)

तेहरान: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद अफगानिस्तान-ईरान के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। लेकिन अब तालिबान द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहा है। तालिबान  ने पाकिस्तान को झटका देते हुए ईरान के चाबहार बंदरगाह में 35 मिलियन डॉलर के निवेश के लिए प्रतिबद्धता जताई है। तालिबान सरकार के निवेश के इस रणनीतिक कदम में वाणिज्यिक, आवासीय और प्रशासनिक परियोजनाओं का विकास शामिल है। काबुल में ईरानी विशेष दूत हसन काजमी कोमी ने निवेश के बारे में ऐलान किया है। 

 

उन्होंने इसे पड़ोसी देशों के साथ अपने पारंपरिक संबंधों से परे अपने व्यापार और आर्थिक साझेदारी में विविधता लाने के लिए अफगान सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम कहा है।  बता दें कि गत वर्ष  ईरान और अफगानिस्तान के बीच  हिरमंद नदी जल वितरण पर दोनों देशों के बीच झड़प भी हुई थी। ऐसे में तालिबान सरकार के इस कदम ने कई लोगों को आश्चर्यचकित किया है। ईरान अफगानिस्तान के मुख्य आर्थिक साझेदारों में से एक होने और तालिबान द्वारा फरवरी 2023 में अपना दूतावास फिर से खोलने के बावजूद तेहरान ने आधिकारिक तौर पर तालिबान को देश की वैध सरकार के रूप में मान्यता नहीं दी है।

 
ईरान पहुंचे अफगान सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने चाबहार बंदरगाह में निवेश के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें अफगान सरकार ने चाबहार पोर्ट में 35 मिलियन डॉलर के निवेश का फैसला लिया है। तालिबान सरकार चाबहार बंदरगाह और चाबहार मुक्त आर्थिक क्षेत्र में वाणिज्यिक, आवासीय और सरकारी परियोजनाओं में 35 मिलियन डॉलर का निवेश कर रही है। तालिबान के निवेश का इस्तेमाल 25 मंजिला ऊंची इमारत फखर निर्माण परियोजना में किया जाएगा। इस निवेश से दोनों देशों के पड़ोसी पाकिस्तान को भी झटका लगेगा। पाकिस्तान के हालिया समय में तालिबान से संबंधों में जबरदस्त तनाव देखा गया है।

Tanuja

Advertising