जिस गांव में था सिर्फ बिल्लियों का राज वहां 30 साल बाद पहली बार गूंजी किलकारी, दूर हुआ सन्नाटा
punjabkesari.in Saturday, Dec 27, 2025 - 01:43 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क। इटली के एब्रुज़ो पर्वतमाला की ऊंचाइयों पर बसा एक छोटा सा गांव पगलियारा देई मारसी इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। दशकों से वीरान पड़ी इस गांव की गलियों में जहां सिर्फ बिल्लियों का राज हुआ करता था वहां करीब 30 साल बाद एक बच्चे के जन्म ने नई उम्मीद जगाई है। लारा नाम की इस छोटी सी बच्ची का जन्म केवल एक परिवार की खुशी नहीं बल्कि इटली के गहरे होते जनसंख्या संकट (Demographic Crisis) के बीच एक बड़ी खबर है।
बिल्लियों का गांव और सन्नाटा
पगलियारा देई मारसी की स्थिति इटली के कई ग्रामीण इलाकों की कहानी बयां करती है। यहां की आबादी इतनी कम हो गई थी कि इंसानों से ज्यादा बिल्लियां नजर आती थीं। ये बिल्लियां खाली घरों की दीवारों और सुनसान गलियों में आजादी से घूमती थीं। दशकों से यहां न तो किसी बच्चे के खेलने की आवाज सुनाई दी और न ही स्कूलों की रौनक दिखी। गांव में ज्यादातर बुजुर्ग ही बचे थे।
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इटली का गंभीर जनसंख्या संकट
इटली इस समय यूरोप के सबसे खराब 'बर्थ रेट संकट' से जूझ रहा है। नेशनल स्टैटिस्टिक्स एजेंसी के आंकड़े चौंकाने वाले हैं:
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सबसे कम जन्म दर: 2024 में इटली में केवल 3,69,944 बच्चे पैदा हुए, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है।
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फर्टिलिटी रेट: इटली में प्रति महिला प्रजनन दर गिरकर 1.18 रह गई है जो यूरोपीय संघ में सबसे कम है।
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2025 की स्थिति: शुरुआती आंकड़ों के अनुसार 2025 के पहले सात महीनों में जन्म दर में पिछले साल की तुलना में 10.2% की और गिरावट आई है। एब्रुज़ो क्षेत्र इस संकट का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है।
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मेयर की उम्मीद और चुनौतियां
गांव की मेयर ग्यूसेपिना पेरोज़ी, जो खुद बच्ची के घर के पास रहती हैं ने इसे एक ऐतिहासिक पल बताया। उन्होंने कहा:
"हमने पीढ़ी दर पीढ़ी अपने लोगों को खोया है। बुजुर्ग चले गए और उनकी जगह लेने वाला कोई नहीं बचा। लारा का आना हमारे लिए एक चमत्कार जैसा है लेकिन हम जानते हैं कि आर्थिक और सामाजिक कारणों से आज के समय में परिवार बढ़ाना लोगों के लिए कितना मुश्किल फैसला हो गया है।"
सिकुड़ते समुदाय और खाली होते क्लासरूम इटली की सार्वजनिक सेवाओं पर भारी दबाव डाल रहे हैं क्योंकि वहां की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है।
