चांद पर मिली 100 मीटर लंबी गुफा...भविष्य में वहां अंतरिक्ष यात्रियों मिल सकती है शरण: वैज्ञानिक
punjabkesari.in Tuesday, Jul 16, 2024 - 03:42 PM (IST)
केप केनवरल: वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर एक गुफा का पता लगाया है जो उस स्थान से ज्यादा दूर नहीं है जहां 55 वर्ष पहले नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन उतरे थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि वहां ऐसी सैकड़ों और गुफाएं हो सकती हैं जिनका इस्तेमाल भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के आश्रयस्थल के रूप में किया जा सकता है। इटली के वैज्ञानिकों के नेतृत्व वाली एक टीम ने सोमवार को बताया कि चंद्रमा पर अच्छी खासी बड़ी गुफा के साक्ष्य मिले हैं। यह अपोलो 11 के उतरने वाली जगह से सिर्फ 250 मील (400 किमी) दूर ‘सी ऑफ ट्रैंक्विलिटी' में है। यह गुफा लावा ट्यूब (सुरंग की आकृति का ढांचा) के ढहने से बनी है जो कि वहां पाई गई 200 से अधिक अन्य गुफाओं की तरह है।
A paper in @NatureAstronomy reports evidence of a potentially accessible, underground cave conduit originating from an open pit on the Moon. https://t.co/BrciTiS7pb pic.twitter.com/WavnQ8hEN7
— Nature Portfolio (@NaturePortfolio) July 15, 2024
शोधकर्ताओं ने नासा के लूनार रीकानिसन्स ऑर्बिटर द्वारा जुटाए गए रडार आंकड़ों का विश्लेषण किया और इसके नतीजों की तुलना पृथ्वी पर स्थित लावा ट्यूब से की। इसके निष्कर्ष ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी' पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार रडार के आंकड़ों से गुफा के शुरुआती बिंदु का ही पता है। उनका अनुमान है कि यह कम से कम 40 मीटर चौड़ी और 10 मीटर, संभवत: इससे भी अधिक लंबी है। ट्रेंटो विश्वविद्यालय के लियोनार्डो कैरर और लोरेंजो ब्रुजोन ने एक ईमेल में लिखा, ‘‘चंद्रमा की गुफाएं 50 से अधिक वर्षों से रहस्य बनी हुई थीं। इसलिए, आखिरकार उनमें से किसी एक के बारे में पता लगाना काफी रोमांचक था।''
वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकांश गुफाएं चंद्रमा के प्राचीन लावा मैदानी क्षेत्र में हैं। इसके अलावा, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भी इसी तरह की कुछ गुफाएं हो सकती हैं जहां इस दशक के अंत में नासा के अंतरिक्ष यात्री कदम रखेंगे। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बने गड्ढों में पानी जमी हुई अवस्था में मौजूद है जो पीने के साथ ही रॉकेट ईंधन के रूप में काम आ सकता है।