6 साल की बच्ची निकली आतंकी, आर्मी चीफ की हत्या... 16 लोग गिरफ्तार
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 05:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: म्यांमार की राजधानी यंगून में एक बेहद हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक 6 साल की बच्ची को आतंकवादी बताकर गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में बच्ची सहित कुल 16 लोगों को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि यह बच्ची एक ऐसे संगठन से जुड़ी है, जिसने हाल ही में एक रिटायर्ड आर्मी जनरल की हत्या की है। यह खबर म्यांमार के राजनीतिक और सामाजिक हालात की गंभीरता को दर्शाती है। बच्ची को 15 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया है। यह आरोप लगाया गया है कि बच्ची का संबंध उस विद्रोही संगठन से है, जिसने 22 मई को एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल चो तुन आंग की हत्या की थी। यह घटना दिनदहाड़े, यंगून की सड़कों पर हुई थी। इस बच्ची को हत्या के मुख्य आरोपी की बेटी बताया गया है, इसलिए इसे भी गिरफ्तार किया गया है।
हत्या की घटना और उसकी जिम्मेदारी
22 मई को यंगून में 68 वर्षीय रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल चो तुन आंग की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह सड़क पर थे जब उनपर हमला हुआ। इस हत्या की जिम्मेदारी गोल्डन वैली वॉरियर्स नाम के विद्रोही संगठन ने ली है। यह संगठन म्यांमार की सेना के विरोध में सक्रिय है और वे कहते हैं कि चो तुन आंग सेना के दमनकारी अभियानों का समर्थन करते थे। खासकर आम लोगों के खिलाफ उनके कदमों के कारण उन्हें निशाना बनाया गया। म्यांमार की सेना ने इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।
सेना का आरोप और निर्वासित सरकार का खंडन
म्यांमार की सेना ने आरोप लगाया है कि इस हत्या के पीछे देश की निर्वासित सरकार, नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (NUG) का हाथ है। सेना का कहना है कि हत्या करने वाले को लगभग 200,000 क्यात (लगभग 95 अमेरिकी डॉलर) दिए गए थे। लेकिन NUG ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज किया है। उनके प्रवक्ता का कहना है कि वे किसी भी हिंसा का समर्थन नहीं करते और सेना के ये आरोप झूठे हैं।
म्यांमार की राजनीतिक स्थिति और तख्तापलट के बाद हालात
2021 में म्यांमार में एक सैन्य तख्तापलट हुआ था। इस तख्तापलट में सेना ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया। इसके बाद देश में विरोध और हिंसा बढ़ गई है। सिविल युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। आम नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को भी जेल में डाल दिया जाता है। एक स्वतंत्र संस्था, AAPP, के अनुसार अब तक 600 से अधिक बच्चे गिरफ्तार हो चुके हैं और लगभग 6,700 नागरिक मारे जा चुके हैं।
मानवाधिकारों की अवहेलना
म्यांमार की सेना बार-बार कहती है कि उसका उद्देश्य देश में शांति और स्थिरता लाना है। लेकिन हकीकत में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। एक 6 साल की बच्ची को आतंकवादी बताकर जेल में डालना इस बात का बड़ा सबूत है कि सेना कितनी सख्ती और हिंसा पर उतारू है। यह घटना पूरी दुनिया में म्यांमार की सेना की छवि को और खराब कर रही है।