Earthquake: 15 मिनट में दो बार भूकंप के तेज छटकों से कांपी धरती, डर के मारे घरों से भागे लोग

punjabkesari.in Saturday, Feb 22, 2025 - 01:47 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: अफगानिस्तान में शनिवार की तड़के एक जबरदस्त भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। इन झटकों से अफगानिस्तान के कई हिस्सों में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपने घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए। यह घटना अफगानिस्तान के लिए कोई नई नहीं है, क्योंकि इस देश में अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं। लेकिन इस बार 15 मिनट के अंतराल में दो भूकंप के झटकों ने वहां के लोगों को घबराहट में डाल दिया। आइए, जानते हैं इस घटना के बारे में और क्या थी इन भूकंपों की तीव्रता।

शनिवार तड़के करीब सुबह 4:20 बजे (आईएसटी) अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में पहला भूकंप महसूस हुआ। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 थी। इसका केंद्र अफगानिस्तान के 36.21 N अक्षांश और 71.22 E देशांतर पर था। भूकंप की गहराई 100 किलोमीटर थी, जिससे यह मध्यम तीव्रता का भूकंप था। इस भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और इमारतों के अंदर से भागने लगे। लेकिन इससे पहले की लोग पूरी तरह से सुरक्षित स्थानों पर पहुंच पाते, ठीक 15 मिनट बाद यानी 4:33 बजे (आईएसटी) दूसरा भूकंप महसूस हुआ। इस बार भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई थी और यह अफगानिस्तान के 36.44 N अक्षांश और 70.90 E देशांतर पर आया था। इस भूकंप की गहराई 150 किलोमीटर थी, जो पहले वाले भूकंप से अधिक गहरी थी। दोनों भूकंप के झटकों ने लोगों को फिर से डर के साये में डाल दिया।

अफगानिस्तान में भूकंप की सामान्य स्थिति

अफगानिस्तान का इलाका विशेष रूप से भूकंप के लिए संवेदनशील है। यह देश भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित है, और यहां कई महत्वपूर्ण भूकंपीय Fault Lines मौजूद हैं। इन Fault Lines की वजह से यहां समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं। रेड क्रॉस और संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओसीएचए) के अनुसार, अफगानिस्तान में भूकंप की घटनाएं लगातार होती रहती हैं। हालांकि इन भूकंपों की तीव्रता अलग-अलग होती है, लेकिन उनके कारण देश की कमजोर और संघर्ष से जूझ रही आबादी पर गंभीर असर पड़ता है। खासकर जब प्राकृतिक आपदाओं का सामना पहले से ही इन लोगों को करना पड़ रहा हो।

पूर्व में भूकंप की घटनाएं और अफगानिस्तान की स्थिति

इससे पहले मंगलवार को भी अफगानिस्तान में 4.3 तीव्रता का भूकंप महसूस हुआ था। और यह किसी कारण से चौंकाने वाला नहीं था, क्योंकि अफगानिस्तान में भूकंप का इतिहास बहुत पुराना है। हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला, जो अफगानिस्तान में स्थित है, भूकंपों के लिए एक सक्रिय क्षेत्र मानी जाती है। यहां के इलाके में हर साल कई बार भूकंप आते हैं, और इनका प्रभाव कई बार काफी गंभीर होता है।

किसी भी संकट से निपटने के लिए तैयार रहना जरूरी

अफगानिस्तान जैसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील देशों में लोगों को लगातार आपदाओं से बचने के उपायों के बारे में जागरूक करना जरूरी है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, इस प्रकार के भूकंप अक्सर बिना किसी पूर्व चेतावनी के आते हैं, और ऐसे समय में लोगों का धैर्य और सूझ-बूझ सबसे महत्वपूर्ण होती है।
साथ ही, यह भी जरूरी है कि सरकार और अन्य एजेंसियां भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयार रहें और जरूरी उपायों को लागू करें, ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके। भूकंप के बाद राहत कार्यों को तुरंत शुरू करना और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना बहुत जरूरी है।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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