यहां बकरे की मौत तय करती है इंसान की सजा!

punjabkesari.in Saturday, Feb 07, 2015 - 03:38 PM (IST)

शिमला: शायद आपको भी यकीन नहीं होगा लेकिन ये सच है। शायद आपको भी यकीन नहीं होगा मगर ये सच है। भारत में एक गांव ऐसा भी है जहां आज भी देश का कानून नहीं माना जाता। यहां लोग खुद को सिकंदर के वंशज बताते हैं और अपना कानून खुद बनाते हैं।

यह गांव हिमाचल के जिला कुल्‍लू में स्थित मलाणा है। लोग मलाणा के जमलू देवता के मंदिर के बाहर लकड़ी की दीवारों पर की गई नक्काशी दिखाते हैं। इस गांव की खास बात तो यह है कि भारत का हिस्सा होने के बाद भी यहां के लोगों को भारतीय कानून से कोई मतलब नहीं है। इतना ही नहीं यहां पर फैसले लेने और उसका पालन कराने की अलग परंपरा है।

यहां पर लोग किसी भी अपराध की सजा खुद तय करते हैं। देश आज भले ही तरक्की कर रहा हो लेकिन हिमाचल का ये गांव न तो तकनीक को इस गांव में आने की अनुमति देता है और न ही ऐसा कोई कानून लागू होने देता है जो यहां के लोगों को पसंद न हो।

यहां दोनों पक्षों से एक-एक बकरा मंगाया जाता है। इसके बाद दोनों बकरों की टांग चीरकर उसमें निर्धारित मात्रा में जहर भरा जाता है। अगर इस घटना में जिस पक्ष का भी बकरा पहले मर जाता है उसे आरोपी मान लिया जाता है। इसके बाद उस पक्ष को सजा भुगतनी पड़ती है।


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