चिंतपूर्णी में सेवा करने वाले युवकों की भी उग्र श्रद्धालुओं ने बीच बाजार में की धुनाई

punjabkesari.in Friday, Jan 02, 2015 - 05:15 PM (IST)

चिंतपूर्णी (सुनील): धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में नववर्ष की रात्रि को मुख्य बाजार में फैली अव्यवस्था बस अड्डा में दी जाने वाली दर्शन पर्ची सबसे बड़ा कारण बनकर सामने आई है।

मुख्य बाजार में इतनी अधिक भीड़ एकत्रित हो गई कि यहां तैनात कर्मचारी भी माहौल तनावपूर्ण देख गायब हो गए। बाजार के लोग बताते हैं कि मां भगवती की कृपा दृष्टि भक्तों पर बनी रही अन्यथा जिस प्रकार मंदिर के समीप क्राऊड एकत्रित था, वहां 4 घंटे श्रद्धालु बुरे दौर से गुजरे थे।

मंदिर ट्रस्ट सदस्य केवल कृष्ण कालिया, निरंजन कालिया, सतीश कालिया, प्रधान व ट्रस्टी विनोद कालिया ने कहा कि भरवाईं यात्री निवास में नया बस अड्डा में किसी प्रकार का प्रस्ताव पास नहीं हुआ कि नया बस अड्डा में दर्शन पर्ची दी जाए। उन्होंने बताया कि 11 बजे के करीब मंदिर बंद कर दिया गया लेकिन मंदिर बंद होने के दौरान दर्शन पर्ची बस अड्डा व पुराना बस अड्डा में दी जाती रही जिस कारण हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर के आसपास बाजार में बिना व्यवस्था के एकत्रित हो गए। वहीं से अव्यवस्था का आलम शुरू हो गया।

4 घंटे तक श्रद्धालु चीखते पुकारते रहे। लोग बताते हैं कि पंजाब के कुछ युवा लडक़ों ने मोर्चा संभाला व श्रद्धालुओं के बच्चों व बुजुर्गों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया लेकिन सेवा करने वाले युवकों की भी उग्र श्रद्धालुओं ने बीच बाजार में धुनाई कर डाली लेकिन करीब 25-30 युवकों ने श्रद्धा रखते हुए हार नहीं मानी। 3 बजे के करीब युवकों ने स्थानीय दुकानदारों की मदद से व्यवस्था को काबू करके ही सांस ली।

उधर मंदिर ट्रस्ट के चारों ट्रस्टियों केवल निरंजन, सतीश तथा विनोद का आरोप है कि मंदिर ट्रस्ट की बैठकों में उनकी बात पर न्यास ध्यान नहीं देता है। मंदिर न्यास व जिला प्रशासन अपनी मर्जी से ही कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि भीड़ वाले दिनों में यहां श्रद्धालुओं की आस्था को गहरी चोट पहुंच रही है। मंदिर ट्रस्ट सदस्यों ने चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान न करने का भी आरोप लगाया है।

ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से मांग की है कि भीड़ वाले दिनों में यहां जिस प्रकार अव्यवस्था फैलती है उस पर ध्यान देते हुए कार्रवाई करे अन्यथा यहां बड़ी घटना कभी भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि लाखों रुपए सिक्योरिटी गार्डन व पुलिस पर मंदिर प्रशासन प्रतिमाह खर्च कर रहा है लेकिन कोई भी कर्मचारी जिम्मेदारी से कार्य का निर्वहन नहीं करता जिसका प्रमाण है कि सैकड़ों भिखारी, गंदगी का आलम तथा धक्केशाही यहां आम बात है।
 


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