पीठ दर्द में आराम दिलाएंगे ये योगासन, वर्कआउट में करें शामिल

punjabkesari.in Saturday, Aug 30, 2025 - 06:06 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बढ़ती उम्र के साथ पीठ में दर्द होना एक समस्या हो जाती है जिससे आराम पाने के लिए हम कई तरह के तरीके अपनाते हैं। योग एक प्रभावी और समग्र तरीका है, जो पीठ दर्द को केवल अस्थायी रूप से ठीक नहीं करता, बल्कि इसके मूल कारणों को भी दूर करता है। यह शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक रूप से शरीर को संतुलित करता है, जिससे लंबे समय तक राहत मिलती है। इसलिए, यदि आप पीठ दर्द से राहत पाने के लिए कुछ स्थायी उपाय चाहते हैं, तो योग आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

योग से ठीक होगा पीठ दर्द
पीठ दर्द का सामना करना आजकल एक सामान्य समस्या बन गई है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि योग न केवल पीठ दर्द के लक्षणों को दूर करता है, बल्कि इसके कारणों को भी ठीक करता है? नियमित योगाभ्यास से रीढ़ की हड्डी को सहारा देने वाली मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है, लचीलापन बढ़ता है, और सही मुद्रा में सुधार होता है। ये सभी चीज़ें दर्द को कम करने और भविष्य में चोट से बचाव में सहायक होती हैं। योग पीठ दर्द के कारणों को समझने और उन पर काम करने में मदद करता है, जिससे शरीर को अधिक स्वस्थ और संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है।

योग और अन्य फिजिकल थेरेपीज़ में अंतर
कई लोग पीठ दर्द से राहत के लिए पारंपरिक फिजिकल थेरेपी का सहारा लेते हैं, लेकिन योग एक होलीस्टिक (समग्र) दृष्टिकोण प्रदान करता है। इसमें शारीरिक आसन (पोज़), श्वास पर नियंत्रण (प्राणायाम), और ध्यान (मेडिटेशन) शामिल होते हैं। योग के माध्यम से न केवल शारीरिक असंतुलन को सुधारा जाता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक तनाव को भी कम किया जाता है, जो कि दर्द को और बढ़ा सकते हैं। यही कारण है कि योग अधिक लंबी और स्थायी राहत प्रदान करता है।

योग से पीठ दर्द में राहत
यदि आप नियमित रूप से योग अभ्यास करते हैं, तो कुछ ही सत्रों में आपको राहत महसूस होने लग सकती है। हालांकि, 6 से 12 सप्ताह का निरंतर अभ्यास करने के बाद पीठ दर्द में स्पष्ट सुधार देखने को मिलता है। अगर आप योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो यह पीठ दर्द को दोबारा होने से भी रोक सकता है।

क्या सभी उम्र के लोग योग कर सकते हैं?
योग हर आयु वर्ग के लिए उपयुक्त है, खासकर उन लोगों के लिए जो पीठ दर्द से परेशान हैं। हालांकि, प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योग के अभ्यास में बदलाव किए जाते हैं। उम्र, शरीर की बनावट, और पीठ दर्द के प्रकार के अनुसार आसनों और श्वास-प्रणाली में कुछ बदलाव करना पड़ सकता है। योग को हर किसी के लिए सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए उसे उचित तरीके से कस्टमाइज़ किया जा सकता है।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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