मुरथल टोल प्लाजा : अभी 15 दिन और आफत

punjabkesari.in Thursday, Nov 02, 2017 - 01:10 PM (IST)

सोनीपत (संजीव दीक्षित/प्रवीन कुमार): 12 दिन से मुरथल टोल पर परेशानी झेल रहे वाहन चालकों के लिए अभी 15 दिन और आफत है। राहत की बात यह है कि सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक ने फिर दावा किया है कि 15 दिन में इसे हटवा देंगे। शुरू से ही यह टोल वाहन चालकों के लिए आफत बना हुआ है। सांसद कौशिक ने टोल की स्थापना के हफ्तेभर में ही दावा किया था कि वह इसे हटवाने जा रहे हैं और इसके लिए उन्होंने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से सहमति भी ली है। 

 

दूसरी ओर बुधवार को टोल प्लाजा से तंग आए व्यापारिक व सामाजिक संगठनों ने टोल हटाओ संघर्ष समिति के बैनर तले एक दिन का सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया। समिति ने चेतावनी दी कि यदि वायदा पूरा नहीं किया तो वह बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। वहीं, पानीपत, करनाल या अन्य क्षेत्रों से रोजाना हाईवे से दिल्ली में व्यापार व अन्य कार्यों के लिए आवागमन करने वालों के लिए भी टोल बड़ी आफत बना हुआ है, क्योंकि उनका रोजाना करीब 200 रुपए का खर्च बढ़ गया है।


 

1-2 घंटे बाद फ्री करना पड़ता है टोल
मुरथल टोल के पास हाईवे पर जाम के हालात ऐसे हो जाते हैं कि लंबी कतारों को देखते हुए हर 1 या 2 घंटे बाद वाहनों को टोल फ्री करना पड़ता है। यह भी अफसोस की बात है कि बहुत से वाहन चालकों को जाम में लगने के बावजूद टोल देना पड़ता है और फ्री होने पर बहुत से वाहन चालकों को बिना टोल दिए ही निकलने का मौका मिल जाता है। ऐसे में तंग होने वाले लोग लगातार आवाज उठा रहे हैं। कई बार वाहन चालक अपनी आपत्तियां दर्ज करवा चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। टोल प्लाजा पर इंतजाम पहले दिन से ही आधे-अधूरे हैं।

 

कम्पनी अब भी अड़ी, नहीं हट सकता टोल
सांसद दूसरी बार दावा कर रहे हैं कि वह हर हाल में टोल को हटवा देंगे, वहीं कम्पनी के अधिकारी जिद पर अड़े हैं कि टोल आगे या पीछे हो सकता है, हट नहीं सकता। जबकि सांसद का कहना है कि कम्पनी अधिकारियों को तो केवल आदेश मानने हैं। फैसला सरकार लेगी। कम्पनी के कहने से कुछ नहीं होगा।

 

घंटों का नहीं, साइड का वसूल रहे टोल
सामान्य तौर पर नियम है कि टोल टैक्स घंटे के हिसाब से लिया जाए, लेकिन कम्पनी की पर्ची पर घंटे की बजाय रिटर्न व वन साइड लिखा आता है। इस पर वाहन चालकों ने कई बार आपत्ति भी जताई लेकिन समाधान नहीं हुआ। टोल टैक्स एक तरफ 12 घंटे के लिए मान्य होता है। इन 12 घंटों में चाहे वाहन चालक 2 बार आए तो उससे एक तरफ  का ही टोल टैक्स लिया जाता है, लेकिन ऐसा न करके वाहन चालकों का आॢथक शोषण किया जा रहा है। टोल प्लाजा लगने से वाहन चालक परेशान हैं, कभी जाम की समस्या तो कभी टोल टैक्स के नाम पर अधिक पैसे वसूलना। इतना ही नहीं टोल के ढोल ने वाहन चालकों को बजाकर रख दिया है।


 

टोल से औसतन 40 लाख रुपए प्रतिदिन की हो रही कमाई
मुरथल टोल प्लाजा से औसतन 40 लाख रुपए रोजाना की कमाई हो रही है। कम्पनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि पहले दिन से रोजाना 35 से 40 या फिर 42 लाख रुपए की आमदनी हो रही है। 8-8 घंटे की 3 शिफ्टें प्रत्येक दिन में होती हैं। एक शिफ्ट में 12 से 14 लाख रुपए की कमाई हो जाती है। कम्पनी प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि कम्पनी को एन.एच.ए.आई. को रोजाना के हिसाब से 40 लाख रुपए देने होते हैं। ऐसे में इसी हिसाब से टोल के रेट रखे गए थे कि रोजाना करीब 40 लाख रुपए की कमाई हो जाए।


 

3 मिनट से ज्यादा जाम में फंसे तो नहीं लिया जा सकता टोल
टोल प्लाजा के संबंध में लगाई एक आर.टी.आई. के जवाब में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) ने बताया कि यदि 3 मिनट से ज्यादा तक जाम में फंसे हैं तो टोल नहीं दिया जाना चाहिए व ऐसे वाहन को टोल-फ्री निकाले जाने का प्रावधान है। एन.एच.ए.आई. ने यह भी बताया कि एक वाहन को 2 से अढ़ाई मिनट तक कतार में इंतजार करने तक ही टोल लिया जाना चाहिए। इससे ज्यादा समय तक यदि जाम में फंसे हैं तो टोल न दें, लेकिन कम्पनी के लिए शायद नियम-कायदे कोई मायने नहीं रखते। मुरथल के टोल प्लाजा पर 10 से 15 मिनट और कई बार तो आधे घंटे तक भी वाहनों का जाम में फंसे रहना आम बात है, लेकिन टोल में कोई राहत नहीं दी जाती। साथ ही जागरूक नहीं होने के कारण वाहन चालक भी जाम में फंसे होने के बावजूद टोल टैक्स देते हैं।

 

3 मिनट गाड़ी रुकने के बाद फ्री जाने का प्रावधान नहीं : जैन
एन.एच. 1 के प्रोजैक्ट निदेशक आशीष कुमार जैन का कहना है कि टोल प्लाजा पर शौचालय बना दिया गया है। टोल हटने को लेकर अभी उनके पास कोई सूचना नहीं है। हालांकि टोल कम्पनी को जाम व कम्पनी कारिंदों के अच्छे व्यवहार के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। 3 मिनट गाड़ी रुकने के बाद फ्री जाने का कोई प्रावधान नहीं है।


 

वीरान हो गए मुरथल के ढाबे
पूरे भारत में मुरथल के ढाबे अपने स्वाद व सर्विस के लिए प्रसिद्ध हैं। एक बार जो मुरथल के परांठों का स्वाद चख गया, उसकी तमन्ना रहती है दोबारा से वह यही स्वाद चखे, लेकिन टोल प्लाजा लगने से ये ढाबे भी वीरान हो गए हैं। इक्का-दुक्का ढाबे को छोड़कर अधिकतर ढाबे ग्राहकों की राह ताकते नजर आ रहे हैं। ढाबा एसोसिएशन की तरफ से टोल प्लाजा हटाने का ज्ञापन भी प्रदेश के मंत्रियों को सौंपा जा चुका है।


 

मुश्किल से गुजरे 12 दिन
टोल प्लाजा पर बीते 12 दिन में विवाद की सूई वहीं पर घूम रही है, जैसे पहले दिन थी। पहले दिन से वाहन चालकों की टोल टैक्स को लेकर कम्पनी कारिंदों के साथ बहस हो रही है। आज भी हालत वही हैं। आज भी एम्बुलैंस जाम में फंस कर खड़ी हो जाती हैं। इन 1२ दिन में अनेक वी.आई.पी. जाम में फंसे। दूसरी तरफ वाहन चालक कम्पनी कारिंदों पर बुरे बर्ताव का आरोप लगा रहे हैं।


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