ओबामा के भारत आगमन का जताया विरोध

punjabkesari.in Monday, Jan 26, 2015 - 05:57 AM (IST)

फतेहाबाद (पंकेस): परमाणु विरोधी मोर्चा के आह्वान पर कई सामाजिक, राजनीतिक संगठनों के पदाधिकारियों ने पपीहा पार्क में एकत्रित होकर अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत आगमन का विरोध किया। विरोध जता रहे संगठन पदाधिकारियों के अनुसार अमरीका, जापान जैसे तमाम देश अपने देशों में तो सभी परमाणु संयंत्रों को बंद कर रहे हैं लेकिन भारत के साथ द्विपक्षीय परमाणु समझौते करके देश की जनता पर मौत के परमाणु संयंत्र थोपने का काम कर रहे हैं। संगठन पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक आबादी वाले क्षेत्र में प्रस्तावित गोरखपुर परमाणु संयंत्र के निर्माण पर रोक नहीं लगाई जाती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

पपीहा पार्क में हुई बैठक को इनैलो नेत्री विद्या रत्ति, महिला विंग जिला प्रधान सरोज सांगा, सवेरा आर्ट सोसायटी अध्यक्ष शम्मी रत्ति, समाजसेवी प्रेम रत्ति, हरियाणा किसान मंच जिला संयोजक सुनील बिश्नोई, महासचिव रमेश बैनीवाल आदि ने अपने विचार रखे। बैठक के दौरान मोर्चा संयोजक सुभाष पूनिया ने कहा कि बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के परमाणु रिएक्टरों व तकनीकों को बेचने के लिए भारत के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के सभी विकसित देशों ने इन रिएक्टरों व तकनीकों का प्रयोग बंद कर दिया है। यही नहीं जापान भी अपने देश में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बंद करवा रहा है। इसलिए परमाणु ऊर्जा विरोधी मोर्चा ने सरकार से सभी प्रस्तावित नए परमाणु संयंत्रों को रद्द करने व सभी द्विपक्षीय परमाणु समझौतों को रद्द करने की मांग समय-समय पर उठाई है।

उन्होंने बताया कि यह एक कटू सत्य है कि अपने देश में 1973 के बाद से कोई परमाणु संयंत्र स्थापित न करने वाला अमरीका, भारत देश में उन्हीं संयंत्रों को आबादी वाले इलाकों में लगाने का भी समर्थन करता रहा है। उन्होंने कहा कि परमाणु संयंत्र रूपी विनाश क्षेत्र के लोगों को न पहले किसी सूरत में मंजूर था न आगे इस तरह की किसी मानव अहितकारी परियोजना को क्षेत्र में बर्दाश्त किया जाएगा। वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि आंदोलन जिला फतेहाबाद व आसपास के अन्य जिलों में रह रहे लोगों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। इस परियोजना के शुरू होने के बाद क्षेत्र में गंभीर रूप लेने वाले जल संकट से जुड़ा है और इसके लगने के बाद होने वाली तबाही से जुड़ा है, इसलिए जब तक इसके निर्माण पर रोक नहीं लग जाती, वे अपने आंदोलन को हर बड़े से बड़ा स्वरूप देने का प्रयास करेंगे, ताकि प्रदेश में कहीं भी इस तरह की जनविरोधी परियोजना का निर्माण न हो सके।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News