फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने ''दिल्ली फाइल्स'' की रिसर्च के दौरान की तस्वीरें की शेयर!
punjabkesari.in Saturday, Sep 21, 2024 - 03:46 PM (IST)
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। फिल्म मेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री अपनी अपकमिंग फिल्म "द दिल्ली फाइल्स" के लिए पूरी तरह से रिसर्च में लगे हुए हैं। वह इस विषय की हर बारीकी को खंगालने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि दर्शकों के सामने इसकी असलियत को पेश किया जा सके, जैसा कि वह अपनी सभी फिल्मों के साथ करते हैं। हाल ही में, फिल्म मेकर ने अपने रिसर्च के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा किया। ऐसे में उन्होंने अपनी यात्रा से कुछ बिहाइंड द सीन की तस्वीरें शेयर कीं हैं और सीमा के भारतीय हिस्से में लोगों से इंटरव्यू करके जो जानकारी हासिल की, उसके बारे में भी बात की है। विवेक रंजन अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर अपने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की यात्रा से BTS तस्वीरें शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है: जनवरी 2024: इंडो -बांग्लादेश बॉर्डर
छह महीने पहले, मैं अपनी अपकमिंग फिल्म #TheDelhiFiles के रिसर्च के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा के भारतीय हिस्से में लोगों का इंटरव्यू कर रहा था। मैंने पाया कि ये गांववाले भारत से ज़्यादा बांग्लादेश की राजनीति के बारे में जानते थे। उन्हें पता था कि हसीना के खिलाफ़ विद्रोह होने वाला है। और वे सभी इसके समर्थक थे। इस सीमा पर यह तय करना लगभग नामुमकिन है कि कौन इंडियन है या कौन नहीं। हिंदू संस्कृति के सभी रूप धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि भारत के भीतर अभी भी ‘दो भारत’ मौजूद हैं। ‘जबरन जनसांख्यिकी परिवर्तन’ किसी क्षेत्र के साथ यही करता है: दो राष्ट्र। दो संविधान।
January 2024: Indo -Bangladesh border:
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) September 21, 2024
Six months ago, we were interviewing people on the Indian side of the Indian-Bangladesh Border for the research of my next film #TheDelhiFiles. I found these villagers were more aware of Bangladesh politics than Indian. They knew that a… pic.twitter.com/XHJj6mcywC
पश्चिम बंगाल बहुत कमज़ोर है और मौजूदा सरकार वोट बैंक बनाकर अपने फ़ायदे के लिए ‘जनसांख्यिकी परिवर्तन’ का फ़ायदा उठा रही है। यही एक कारण है कि वह CAA और NRC के इतने ख़िलाफ़ थीं। राजनीतिक हिंसा बंगाल का मुख्य धन कमाने का उद्योग बन गया है। #TheDelhiFiles #Research
विवेक रंजन अग्निहोत्री ने लॉकडाउन के पहले दिन से ही अपनी फिल्म के लिए रिसर्च शुरू कर दिया था। उन्होंने केरल से लेकर कोलकाता और दिल्ली तक यात्रा की और लोगों से मिलकर सारी जानकारी इकट्ठा की। विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म के लिए इतनी मेहनत की है कि उन्होंने 100 से ज्यादा किताबें और 200 से ज्यादा लेख पढ़े, जो उनकी फिल्म की पटकथा को मजबूत बनाने में मदद करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने और उनकी टीम ने 20 राज्यों में यात्रा की और 7000 से ज्यादा रिसर्च पेजेज और 1000 से ज्यादा आर्काइव आर्टिकल्स की स्टडी की है, जो उनकी फिल्म को और भी प्रभावी बनाने में मदद करेंगे। यह उनकी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है कि वह अपने फिल्म को कितना महत्व देते हैं और कैसे वह अपने दर्शकों के लिए एक सच्ची और प्रभावी कहानी पेश करना चाहते हैं।
'द कश्मीर फाइल्स' को भी सभी दर्शकों ने काफी पसंद किया था। अब विवेक रंजन अपनी नई फिल्म 'द दिल्ली फाइल्स' के साथ वापस आ रहे हैं। इस फिल्म के लिए भी अभिषेक अग्रवाल फिल्म मेकर के साथ आए हैं, जिन्होंने 'द कश्मीर फाइल्स' को भी प्रोड्यूस किया था। विवेक रंजन अग्निहोत्री की यह फिल्म भी एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रकाश डालने वाली है, और उम्मीद है कि यह भी लोगों को बहुत पसंद आएगी।
Source: Navodaya Times