Trailer Out: देश की एकता के जज्बे को और भी मजबूत करता है अर्शद वारसी और मेहर विज स्टारर "Banda Singh Chaudhary"!

punjabkesari.in Tuesday, Oct 01, 2024 - 03:27 PM (IST)

मुंबई। 1971 के इंडो-पाक वॉर के बाद, एक नया संघर्ष शुरू हुआ जो इंडिया के फैब्रिक को खतरे में डाल रहा था।  पंजाब सांप्रदायिक तनाव का केंद्र बन गया, जहां हिंदू और सिख समुदायों के बीच हिंसा ने उन्हें अलग कर दिया।  इसके साथ ही, पाकिस्तान का ISI इन दरारों को और बढ़ाते का काम कर रहा था। "बंदा सिंह चौधरी" सिर्फ एक राजनीतिक उथल-पुथल की कहानी नहीं है;  ये वफ़ादारी और एक राष्ट्र की आत्मा को बचाने की लड़ाई की एक दिल को छूने वाली कहानी है। ये फिल्म खंडित समुदायों की कहानी बताती है जो उथल-पुथल के बीच एकता ढूंढ रही है, और इसका ट्रेलर इमोशनल तौर से सभी को छूने वाला है।

अरशद वारसी, जो एक ऐसे इंसान की भूमिका निभा रहे हैं, जो एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहा है, जिसके बारे में बात करते हुए वह कहते हैं, “यह फिल्म उन लोगों के गहरे जज्बातों को समझती है जो दंगों और डर के तूफान में डाल दिए गए थे। मेरा किरदार एक ऐसे इंसान का है जो यह दिखता है की सबसे अंधेरे वक्त में भी इंसानी जज्बे में सब कुछ से ऊपर उबरने की हिम्मत होती है।"

सांप्रदायिक दंगों ने कई परिवारों को प्रभावित किया और हजारों लोगों को अपने घरों से बेघर कर दिया। इस मुश्किल समय में, बंदा सिंह चौधरी ने उन्हें अपनी मानवीय आवाज दी। इस दर्दनाक स्थिति में एक महिला का किरदार निभाने वाली मेहर विज कहती हैं, “यह एक निजी कहानी है। यह उस पल की बात करती है जब हमें बिखरे हुए हालात में उम्मीद और प्यार की तलाश होती है। यह उस साहस के बारे में है जो हमें तब मिलता है जब चारों ओर की दुनिया बिखर जाती है।”

इस फिल्म में किरदारों के जरिए समुदाय और देश के बीच का टकराव दिखाया गया है। यह फिल्म एकता की लड़ाई को भावनाओं और इरादों की परीक्षा के रूप में पेश करती है। ऐसे में फिल्म के बाते में बात करते हुए डायरेक्टर अभिषेक सक्सेना कहते हैं, "यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षण पर गहरी नजर डालता है। यह हमारे अतीत को दर्शाता है, लेकिन साथ ही हमें वर्तमान की भी याद दिलाता है कि एक देश को किस चीज़ ने एक साथ रखा है।”

अरबाज खान के लिए, फिल्म का मूल संदेश एकता का है। वह कहते हैं, “"बंदा सिंह चौधरी" एक संघर्ष की कहानी नहीं, बल्कि एक ऐसे राष्ट्र की ताकत की पहचान है जो बंटवारे की ताकतों से नहीं टूटता। यह फ़िल्म मजबूत, भावनात्मक और आज के युग में बेहद जरूरी है।”

प्रोड्यूसर मनीष मिश्रा कहते हैं,“यह फिल्म आपके सोचने के तरीके को बदल देगी, आपको महसूस कराएगी और गर्व से भर देगी। यह हमें याद दिलाती है कि हमारी असली ताकत हमारे बीच की एकता में है।”

बेहतरीन परफॉर्मेंस और जोरदार कहानी के साथ, बंदा सिंह चौधरी एक अनोखा अनुभव देने वाला है। जब यह फिल्म 25 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी, तो तैयार हो जाइए एक ऐसी कहानी के लिए जो इतिहास से परे जाती है, जो यह बताती है कि एकता और राष्ट्र के दिल के लिए संघर्ष करने का असली मतलब क्या है।

बंदा सिंह चौधरी को अरबाज खान प्रोडक्शन द्वारा प्रेजेंट किया गया है, जो सीमलेस प्रोडक्शंस एलएलपी और अक्स मूवीज एंड एंटरटेनमेंट के सहयोग से बनी है। फिल्म को अरबाज खान और मनीष मिश्रा ने प्रोड्यूस किया है।


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Content Editor

Diksha Raghuwanshi

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