तमाम मुसीबतों, सीमाओं के बावजूद मुकाम पर पहुंचने की कहानी है श्रीकांत : राजकुमार राव
punjabkesari.in Monday, May 13, 2024 - 05:31 PM (IST)
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। हमारे समाज में नेत्रहीन व्यक्तियों को बेहद दयनीय स्थिति से देखा जाता है। उनको लगता है कि ये लोग दूसरों के सहारे ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं लेकिन श्रीकांत बोला जैसे लोग इस धारणा को न केवल गलत साबित करते हैं बल्कि इस बात का उदाहरण भी पेश करते हैं कि तमाम मुसीबतों के बाद भी आप अपने सपने को सच कर सकते हैं। विजुअली इंपेयर्ड होने के बावजूद वह 150 करोड़ की कंपनी शुरू करते हैं। तुषार हीरानंदानी के निर्दशन में बनी इस फिल्म में राजकुमार राव लीड रोल निभा रहे हैं। 'श्रीकांत' के बारे में राजकुमार राव और फिल्म की प्रोड्यूसर निधि परमार ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...
तुषार हीरानंदानी मेरे अच्छे दोस्त हैं : राजकुमार राव
Q. 'श्रीकांत' में आप पूरी तरह से नेत्रहीन का किरदार निभा रहे हैं। इसे चुनने के पीछे क्या वजह थी?
-सबसे बड़ा कारण यह था कि ये कहानी बहुत प्रेरणादायक थी और तुषार हीरानंदानी मेरे अच्छे दोस्त हैं। उनका काम मैंने देखा है। मैं जानता था कि इसमें बहुत मजा आएगा। फिल्म की कहानी जब मैंने सुनी तो मुझे बहुत प्रेरणादायक लगी। मुझे लगा कि इसे पूरी दुनिया को जानना चाहिए कि इतनी सीमाओं के बावजूद वो किस मुकाम पर पहुंचे। इसके अलावा पूरी तरह से नेत्रहीन का किरदार इससे पहले मैंने किया नहीं था तो यह भी एक वजह थी।
Q. इसके लिए आपने क्या-क्या तैयारियां की?
-मैं ब्लाइंड स्कूल गया, वहां लोगों से मिला क्योंकि मेरे पास इसका कोई रेफ्रेंस नहीं था और मैंने पहले ऐसा काम भी नहीं किया था। इसका कोई आइडिया नहीं था इसीलिए उन लोगों के बारे में बारीकी से जानना बहुत जरूरी था। मैंने श्रीकांत के साथ भी काफी समय बिताया। उन्हीं की जिंदगी को पर्दे पर दिखा रहे हैं, तो उनसे जितना हो सकता था, मैंने जानने की कोशिश की। मेरे बहुत सारे सवालों के जवाब उन्होंने दिए। अपने जीवन में उन्होंने बहुत परेशानियां झेली हैं लेकिन आज जो उनके पास है, वो बहुत कमाल की चीज है। उन परेशानियों के बारे में मुझे जानना था और यह
भी कि उस दौरान उनका क्या रिएक्शन था। फिर ये सब करने के बाद मैंने सोचा कि सेट पर भी मैं श्रीकांत की तरह ही रहूंगा क्योंकि अगर मैं एक्शन और कट के बीच श्रीकांत रहूंगा तो बहुत मुश्किल हो जाएगा मेरे लिए। जरूरी है कि मैं उसको अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लूं, फिर मुझे बिल्कुल भी सोचना नहीं पड़ेगा।
Q. राजकुमार राव और श्रीकांत में क्या-क्या समानताएं हैं?
- मेरे हिसाब से कुछ चीजें हम दोनों में मिलती-जुलती हैं। हम दोनों का बैकग्राऊंड विनम्र रहा है, जहां पैसों को लेकर तंगी रही है। दोनों का अपने काम के प्रति जुनून था। उनका पढ़ाई के प्रति, मेरा एक्टिंग को लेकर। कुछ सपने थे कि जिंदगी में ये करना, यहां पहुंचना है। हम दोनों ने वो पूरे भी किए। हां, इसी बीच काफी बुरा समय भी रहा लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी। ये चीजें हम दोनों में एक जैसी रही हैं।
Q. आपको इंडस्ट्री में 14 साल हो गए हैं। कितनी चीजें अब पहले से बदल गई हैं?
- मैं अपने प्रति बहुत जिम्मेदार महसूस करता हूं क्योंकि मुझे अपने आप से बहुत उम्मीद है कि मुझे किस तरह की फिल्में करनी है। मुझे बहना नहीं है क्योंकि यहां कोई भी चीज स्थायी नहीं है। मेरे साथ मेरा काम ही रहने वाला है इसीलिए मुझे अपने काम से बहुत प्यार भी है। चकाचौंध की दुनिया में वो कभी डैमेज नहीं होना चाहिए। मेरा ध्यान हमेशा इसी पर रहता है।
Q. 'पापा कहते हैं' सॉन्ग भी इस फिल्म में है, जो आप पर काफी अच्छा भी लग रहा है। इसे रिक्रिएट करते समय कैसा लगा?
- 'पापा कहते हैं' सॉन्ग हमारी फिल्म की थीम पर काफी अच्छा जाता है क्योंकि हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे कुछ करें, बड़ा नाम करें और खुश रहें। श्रीकांत के भी पैरेंट्स का यही सपना होता है लेकिन आस-पास लोग कहते थे कि ये कुछ नहीं करेगा। फिर भी उनमें विश्वास था कि नहीं, हमारा बेटा जरूर कुछ करेगा और श्रीकांत ने यह करके भी दिखाया।
उन्हें सम्मान, समानता और स्वाभिमान चाहिए निधि परमार
Q. आपने दृष्टिहीन लोगों के साथ काफी समय बिताया है। उन लोगों के बारे में कौन-सी चीज ऑब्जर्व की जो आमतौर पर लोग नहीं करते हैं?
- मेरे हिसाब से सबसे जरूरी है कि उन पर दया मत करो। मतलब उनके लिए हर चीज करने की कोशिश मत करो कि मैं चाय का कपल उठाकर दूंगी, हाथ पकड़कर जगह पर बिठाऊंगी। ये चीजें उन्हें नहीं चाहिए, वो आत्मनिर्भर होना चाहते हैं। सबसे पहले यही चीज है, बाद में दूसरी चीजें आती हैं। उन्हें सम्मान, समानता और स्वाभिमान चाहिए। वो अपना हर काम करना जानते हैं और उसी तरह से करते हैं, जैसे हम लोग करते हैं।
Q. '12वीं फेल' ने काफी अच्छा बिजनैस किया। इस फिल्म से आपको क्या उम्मीद है?
- मुझे लगता है कि कोई भी फिल्म जो ईमानदारी और प्यार से बनी हो, वो चल सकती है। अच्छी फिल्म बोलती है। चाहे वो एक्शन, थ्रिलर या लव स्टोरी कोई भी जॉनर हो। अगर वो लोगों से जुड़ी होती है, उनके दिलों को छूती है तो वो दिखता है। आजकल प्रेरणादायक कहानियों की वैसे भी काफी जरूरत है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि सिर्फ उन्हीं का स्पेस है, अच्छी फिल्मों के लिए हमेशा स्पेस होता है