संजय लीला भंसाली ने अपने पिता की अंतिम इच्छा के बारे में की बात, बोले- ''जीवन बहुत आकर्षक है...''

punjabkesari.in Thursday, May 02, 2024 - 05:53 PM (IST)

नई दिल्ली।  संजय लीला भंसाली एक ऐसे फिल्म मेकर हैं, जो शानदार फिल्में बनाते हैं और नेटफ्लिक्स पर उनका पहला वेब शो "हीरामंडी: द डायमंड बाजार" इस ​​बात को साबित करता है। नई सीरीज, "हीरामंडी: द डायमंड बाज़ार", हाल ही में 8 एपिसोड के साथ आई है। लोगों को यह इसलिए पसंद आ रही है क्योंकि इसमें SLB द्वारा बनाई गई जादुई दुनिया दिखाई गई है। शो में बड़े, खूबसूरत सेट, शानदार सीन्स, बेहतरीन डायलॉग्स, कमाल का कैमरा वर्क और शानदार म्यूजिक है। यह दर्शाता है कि भंसाली एक बेहतरीन डायरेक्टर हैं, जो भारतीय कहानियों को खास अंदाज में पेश करना जानते हैं। हालांकि भंसाली अपनी फिल्मों में भावनाओं को बखूबी दिखाने में माहिर हैं, लेकिन उनके पास अपने पिता की "हायो रब्बा" गीत सुनने की आखिरी इच्छा से जुड़ी एक खास याद भी ह

 

भंसाली के पिता नवीन भंसाली जो एक निर्माता थे, वह जब बहुत बीमार थे, तब उन्होंने अपने बेटे से कुछ खास मांगा था। वह एक ट्राइबल सिंगर का कैसेट चाहते थे, जो देश के बटवारे के बाद भारत के दूसरे हिस्से में चली गई थी, जहाँ उनका परिवार था। वह रेशमा का गाना "हायो रब्बा" सुनना चाहते थे - एक रॉ, बिना प्रशिक्षित आवाज।जब युवा संजय कैसेट लेकर वापस आए, तब उनके पिता पहले से ही बेहोश थे। संजय ने उन्हें बड़ी आँखों से देखा, एक ऐसी याद जो आज भी उनके साथ है।

 

संजय लीला भंसाली ने कहा, "वह कोमा में चले गए थे।" "मेरे पास 'हयो रब्बा' बजाने के लिए कोई जगह नहीं थी, और मेरी माँ कहे जा रही थी, 'हयो रब्बा बजाओ!'" अब ये गाना क्यों? इसका जवाब जो दे सकते थे, वह यह था कि क्योंकि उनके पिता को अपने मतिभ्रम में अपने पूर्वजों से जुड़ाव महसूस हुआ था। उन्होंने कहा, "जीवन बहुत आकर्षक है। क्या फ़िल्में कभी इसे दिखा पाएंगी?" संजय लीला भंसाली द्वारा डायरेक्ट की गई, "हीरामंडी: द डायमंड बाज़ार" एक आठ-पार्ट की सीरीज है, जो 1 मई को नेटफ्लिक्स पर 190 देशों में रिलीज़ हो चुकी है।


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Content Editor

Varsha Yadav

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