Interview: ''ऊप्स! अब क्या? एक्सीडैंटल प्रेग्नैंसी के बारे में यह सशक्त निर्णय लेना और स्वतंत्र सोच दर्शती है

punjabkesari.in Saturday, Mar 08, 2025 - 05:40 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। ओटीटी प्लेटफआर्म आनो के बाद से फिल्मों और सीरीजों में विषयों और कॉन्टेट का दायरा सीमित नहीं रहा है। अलग अलग तरह की सीरीज और फिल्में लोगों को आकर्षित कर रही हैं। प्यार की जटिलताओं की एक दिलचस्प सीरीज 'ऊप्स! अब क्या?' में देखने को मिल रही है। यह शो 20 फरवरी 2025 से डिज्नी + हॉटस्टार पर उपलब्ध है। सीरीज लोगों को काफी पसंद आ रही है। इस शो में श्वेता बसु प्रसाद, आशिम गुलाटी, जावेद जाफरी, सोनाली कुलकर्णी, अभय महाजन, अपरा मेहता और एमी ऐला अहम भूमिका में हैं। सीरीज के बारे में सोनाली कुलकर्णी, अभय महाजन और श्वेता बसु प्रसाद ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश: 


सोनाली कुलकर्णी

सवाल: यह कॉन्सेप्ट बहुत ही रोचक और अनोखा है। इस विषय पर काम करने का अनुभव कैसा रहा?
यह एक लड़की गर्ल नेक्स्ट डोर का किरदार है, लेकिन साथ ही यह सशक्त और बोल्ड भी है। लेकिन यह ओवर-द-टॉप बोल्ड नहीं है। यह शो एक्सीडेंटल प्रेग्नेंसी के बारे में है, लेकिन साथ ही यह सशक्त निर्णय लेने और स्वतंत्र सोच को दिखाता है। पुरुष किरदार भी बहुत अच्छी तरह लिखे गए हैं। इस शो की खास बात यह है कि इसे हल्के-फुल्के और हास्यपूर्ण तरीके से दिखाया गया है, जिससे गंभीर विषय भी आसानी से लोगों तक पहुंच सके। यह अलग-अलग पीढ़ियों के विचारों को दर्शाता है - जैसे पहली पीढ़ी में कुछ परंपरागत मूल्य थे, और नई पीढ़ी में अपने अलग विचार हैं। हमारे माता-पिता जिस दौर में बड़े हुए, उसमें विद्रोही संगीत और सोच थी। उस समय की चीजें अलग थीं।

सवाल: क्या आपको लगता है कि आजकल कुछ कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है, खासकर महिला संरक्षण के मामलों में?
हां, कभी-कभी जो लॉज महिला की प्रोटेक्शन के लिए बनाए गए थे, उनका मिसयूज हो रहा है। जिससे पुरुषों को मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हमें रिश्तों को सम्मान और समझ के साथ मनाना चाहिए न कि एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाकर। अगर कोई महिला आत्मनिर्भर है, तो उसे कानून का गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे उन महिलाओं को नुकसान होगा जो वास्तव में इस कानून की जरूरतमंद हैं।

सवाल: शादी और तलाक पर आपके विचार क्या हैं?
मुझे लगता है कि शादी और तलाक दोनों के मामलों में हमें समझदारी और सहमति के साथ फैसला लेना चाहिए। मैं खुद अपनी डिवोर्स के बाद, किसी भी फाइनेंशियल सपोर्ट या एलिमनी क्लेम नहीं करना चाहती थी, क्योंकि मैं फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट हूं। हम दोनों ने सब कुछ पीसफुली सैटल किया, और यह काफी हेल्दी था।  


अभय महाजन

सवाल: अभय, इस किरदार को निभाने में आपके लिए क्या चुनौती थी?
मेरे किरदार का ट्रांज़िशन बहुत ही दिलचस्प था। मुझे यह स्क्रिप्ट पहली बार पढ़ते ही बहुत पसंद आई। इस शो का हर किरदार अपने आप में बहुत ही अनोखा है, और यह मेरा अब तक का सबसे रोमांचक अनुभव रहा। हर किरदार को निभाने में अपनी चुनौती होती है, लेकिन इस विशेष किरदार में मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत मजा आया। खासतौर पर भावनात्मक गहराई में जाकर काम करना, यह एक रोमांचक अनुभव था और फ्लैशबैक सीन ने तो काफी आकर्षित किया।

श्वेता बसु प्रसाद

सवाल: शूटिंग के दौरान का कोई दिलचस्प अनुभव साझा करना चाहेंगी?
मुझे अपने को-एक्टर्स से बात करना बहुत पसंद था। अभय के साथ मेरी एक अलग ही बॉन्डिंग बन गई थी। हम सेट पर बहुत बातें किया करते थे और आज भी बातचीत करते हैं। सोनाली और अपराजिता जी के साथ भी बहुत मजा आया।
और मैं प्रोडक्शन डिजाइनर, आर्ट डायरेक्टर्स और कैमरा टीम की भी तारीफ करना चाहूंगी। उन्होंने जबरदस्त काम किया। पीडी (प्रोडक्शन डिपार्टमेंट) ने भी बेहतरीन योगदान दिया।

सवाल: सेक्स एजुकेशन के बारे में आपके विचार क्या हैं?
भारत में सेक्स एजुकेशन को लेकर अभी भी बहुत संकोच है। लेकिन यह उतना ही जरूरी है जितना बाकी विषय। सेक्स एजुकेशन सिर्फ शारीरिक बदलावों के बारे में नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह जेंडर, सहमति और व्यक्तिगत अधिकारों के बारे में भी होनी चाहिए। हमें इसे घर से शुरू करना चाहिए। माता-पिता, शिक्षक और रिश्तेदारों को इस पर बात करनी चाहिए ताकि बच्चे इसके बारे में सहजता से समझ सकें।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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