Lafangey Interview: लफंगे 3 दोस्तों की कहानी, जो अलग-अलग सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 12:40 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अमेज़न एमएक्स प्लेयर पर 6 जून को रिलीज़ होने जा रही है नई वेब सीरीज ‘लफंगे’ जिसे अभिषेक यादव और प्रेम मिस्त्री ने डायरेक्ट किया है यह सीरीज तीन ऐसे दोस्तों की कहानी है जो अपनी-अपनी ज़िंदगियों में अलग-अलग सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।तीनों किरदार स्वभाव में एक-दूसरे से अलग हैं लेकिन दिल से गहरे दोस्त हैं। उनकी दोस्ती, संघर्ष और जीवन की उलझनों को हल्के-फुल्के अंदाज़ में पेश किया गया है। इस सीरीज के बारे में हर्ष बेनिवाल ,गगन अरोड़ा और अनुद सिंह धाका ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
गगन अरोड़ा
सवाल 1 – इस फिल्म का नाम ‘लफंगे’ ही क्यों रखा गया?
जवाब: असल में ‘लफंगे’ वो शब्द है जो हम बिना सोचे-समझे यूज़ कर लेते हैं ख़ासकर जब लड़के कुछ नहीं कर रहे होते। चाहे वो सेवा कर रहे हों या संघर्ष कर रहे हों लेकिन अगर उनके पास नौकरी नहीं है तो लोग उन्हें ‘लफंगा’ कह देते हैं। हमारा किरदार भी ऐसा ही है दिल से अच्छे लेकिन बाहर से बेरोज़गार दिखने वाले। हम सुपरस्टार बनना चाहते हैं लेकिन दुकान पर बैठना नहीं चाहते। लोग इसे भी ‘लफंगापन’ कह देते हैं।
सवाल 2 – आपका दिल्ली से खास रिश्ता है, तो आपका अनुभव कैसा रहा?
जवाब: मैं भी दिल्ली से हूं। हमने जहां शूट किया, वहां के लोग इतने अपनेपन से पेश आए कि उन्होंने खुद हमें घर बुलाकर खाना खिलाया। बच्चों का क्रेज़ ऐसा था कि वो सुबह से शूट देखने खड़े रहते थे। उनकी मां उन्हें बुलाती रहती थीं पर पर जब तक उन बच्चों ने हमारे साथ फोटोज नहीं लीं तब तक वो वहां से गए नहीं।
सवाल 3 – आपका किरदार कैसा है, उसके बारे में थोड़ा बताइए?
जवाब: मेरा किरदार ऐसा है जिसे लाइफ में कोई क्लैरिटी नहीं है। उसे लगता है कि प्यार ही जीवन में सबकुछ है, लेकिन जब धीरे-धीरे उसकी जिंदगी आगे बढ़ती है तो उसे पता चलता है कि जीवन में प्यार के अलावा पैसा भी कितना जरूरी है। सही मायनों में बताऊं तो जब ज़िंदगी हकीकत दिखाती है तो समझ आता है कि सिर्फ प्यार से पेट नहीं भरता।
हर्ष बेनिवाल
सवाल 4 – शो की कहानी दिल्ली पर आधारित है। कैसा रहा दिल्ली में शूटिंग का अनुभव?
जवाब: मैं पीतमपुरा गांव से हूं और वहीं शूटिंग करना बहुत ख़ास था। रानी बाग लेबर चौक… मेरा पूरा बचपन इन जगहों पर निकला है। मैंने जितने दिन वहां शूट किया उसे पूरी तरह से एंजॉय किया। मैं तो जब भी दिल्ली आता हूं लाजपत नगर के एक रेस्ट्रॉन्ट में जरूर जाता हूं।
सवाल 5 – अपने किरदार के बारे में बताइए?
जवाब: मेरा किरदार असल जीवन में मुझसे कुछ मिलता-जुलता है। मेरा किरदार है एक ऐसे लड़के का जो एक स्टार बनना चाहता है और दुकान पर काम नहीं करना चाहता, जिसके लिए वो कोशिश कर रहा होता है। मैंने अपने किरदार के लिए काफी मेहनत की ताकि जब मुझे स्क्रीन पर देखा जाए तो पता चले कि दिल्ली का लड़का है जो अपने आप को बहुत स्मार्ट समझता है और सोचता है कि जिम जाकर बॉडी बनाकर वो एक स्टार बन जाएगा।
अनुद सिंह धाका
सवाल 6 – आप तो दिल्ली में शूट करने के मकसद से गए थे, आपको कैसा लगा?
जवाब: दिल्ली में शूटिंग का असली मज़ा तो तब आया जब हम छत पर बैठे थे बिजली गई और हम सब बचपन के टाइम में पहुंच गए। बहुत नॉस्टैल्जिक फील आया। मैंने तो बहुत सारी चीज़ें खाने की ट्राय की थीं। मैं तो जब भी दिल्ली जाता हूं हर्ष के घर जरूर जाता हूं।
सवाल 7 – आपकी कास्टिंग कैसे हुई और आपके किरदार में क्या खास है?
जवाब: मेरी कास्टिंग यश नागर जी ने की जो कास्टिंग डायरेक्टर हैं। उन्होंने मुझे बुलाया और मेरा ऑडिशन लिया जिसके बाद मैं डायरेक्टर और प्रोड्यूसर से मिला। वहीं अगर बात करूं अपने किरदार की तो मेरा किरदार एक ज़िम्मेदार बेटे चैतन्य का है जिसकी छोटी सी ख्वाहिश है कि वो अपने घरवालों को एक बेहतर ज़िंदगी दे सके। उसे सिर्फ एक सम्मानजनक जीवन चाहिए।
सवाल 8 – सीरीज़ का सबसे इमोशनल हिस्सा क्या है?
जवाब: किरदार चाहे दिन में कुछ भी करें रात में एक साथ छत पर बैठते हैं बात करते हैं हंसते हैं र यही बॉन्ड सबसे खास है। हर लड़के के पास ऐसा ग्रुप होना चाहिए।