Interview: तीनों इतनी नेचुरल कॉमेडी करते हैं कि समझाने की जरूरत नहीं पड़ती- मिलाप जावेरी
punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 01:07 PM (IST)
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। मिलाप जावेरी के निर्देशन में बनी मस्ती फ्रैंचाइज़ी की चौथी फिल्म ‘मस्ती 4’ 21 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है जिसमें दर्शकों को एक बार फिर मस्ती और कॉमेडी का ओवरडोज़ देखने को मिलता है। फिल्म में रितेश देशमुख, विवेक ओबेरॉय, आफताब शिवदासानी, श्रेया शर्मा, रूही सिंह और एलनाज नौरोजी मुख्य भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। फिल्म की रिलीज के मौके पर इन सितारों के साथ डायरेक्टर मिलाप जावेरी ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...
Q1. कॉमेडी को सबसे मुश्किल जॉनर क्यों कहा जाता है?
रितेश: किसी को हंसाना सबसे कठिन काम है। अगर आपको लगता है कि आप फनी हैं लेकिन सामने वाला हंस नहीं रहा तो उससे दुखद कुछ नहीं।
विवेक: कॉमेडी मेरी फेवरेट है। किसी के चेहरे पर दो पल की मुस्कान लाना आसान नहीं होता। इस फिल्म में हमने दिल से कोशिश की है।
आफताब: कॉमेडी करना जितना मजेदार है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। लेकिन 21 साल की दोस्ती ने इसे आसान कर दिया।
Q2. क्या इतने सालों बाद सेट पर ‘ऑटोपायलट मोड’ में आ जाते हैं?
रितेश: हम तीनों पहली बार 2003 में मिले थे आज 21 साल हो चुके। हमारी दोस्ती और किरदारों की लाइनें ब्लर हो चुकी हैं। लगता है असल ज़िंदगी में भी हम अमर प्रेम मीट बन गए हैं। हर पार्ट में आपको आगे की कहानी देखने को मिलेगी। इस अब हम एक फैमिली बन चुके हैं।
विवेक: केमिस्ट्री इतनी मजबूत है कि इंटरव्यू के लिए भी बिना प्लान किए तीनों एक ही रंग के कपड़े पहनकर आ जाते हैं।
आफताब: हम इतने सिंक्रोनाइज्ड हो चुके हैं कि बिना बोले भी समझ जाते हैं कि सीन में क्या करना है।
Q3. कॉमेडी सीन में जब लॉजिक न हो तब कैसे रिएक्ट करते हैं?
मिलाप जावेरी: ये तीनों इतनी नेचुरल कॉमेडी करते हैं कि मुझे समझाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती। कभी-कभी तो रोकना पड़ता है। ये लोग फ्रंट फुट पर नहीं बॉलर की क्रीज पर जाकर ही सिक्स मारते हैं। ये लोग बहुत मंझे हुए कलाकार हैं। इन सब में सबसे ज्यादा रितेश मस्ती करते हैं। हम तो साइड हो जाते हैं पर ये बहुत ही अच्छी बात है और सेट पर भी माहौल काफी पॉजिटिव हो जाता है।
Q4. फिल्म की तीनों अभिनेत्रियों के किरदारों में क्या खास ‘क्वर्क’ है?
श्रेया: मैं आंचल का किरदार निभा रही हूं जो बहुत पजेसिव पत्नी है। वो एक टेक्नोलॉजी को बार-बार चेक करती रहती है कि उसका पति कहां है। फिल्म में देखकर हंसी रुक नहीं पाएगी।
रूही: मेरा किरदार पूजा-पाठ करने वाली भगवान से जुड़ी हुई लड़की है। थोड़ी कंफ्यूज रहती है पर दिल से बहुत खुशमिज़ाज।”
एलनाज: मैं बिंदिया हूं जो प्यार के लिए भी ‘भीख’ मांग सकती है। बहुत फनी लेकिन बहुत प्यारा किरदार।
Q5. शूट के दौरान सभी की ‘कोर मेमोरी’ क्या रही?
रितेश: एलनाज की हंसी। हर तरफ गूंजती रहती थी।
विवेक: लॉन्ग ड्राइव्स। हम सब एक वैन में होते थे और मिलाप को डेढ़ घंटे तक हमारे साथ रहकर हमारी बातें झेलनी पड़ती थीं।
मिलाप: मेरी कोर मेमोरी वो है जब हम शूट की लोकेशन पर जाने के लिए लॉन्ग ड्राइव करते हुए जाते हैं। वहां जाकर ये लोग मुझे सहते थे। मेरे तीन गुरु हैं रितेश, विवेक और आफताब। मैं समझाने नहीं जाता, ये मुझे समझाते हैं कि शॉट में क्या करना चाहिए।
आफताब: मेरी यादें खाने से जुड़ी हैं। मैं हर वक़्त सोचता था खाना कब आएगा?
Q6. अभिनेत्रियों के साथ कॉमेडी का तालमेल कैसा रहा?
रितेश: कॉमेडी एक ‘सिम्फनी’ की तरह है। हर नोट सही होना चाहिए नहीं तो पंच मर जाता है। तीनों लड़कियां इतनी अच्छी थीं कि कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि सीन बिगड़ा हो। उन्होंने अपने अंदाज़ से कॉमेडी को नया फ्लेवर दिया।
मिलाप: एक सीन में ये तीनों (रितेश, विवेक, आफताब) रूही और निशांत के साथ अलग-अलग डिसगाइज में हैं पूरी पागलपंती। मैंने सिर्फ ‘एक्शन’ कहा बाकी इन्होंने बवाल मचा दिया।
