Interview : खुद को परफेक्ट बनाने का दबाव न दे बस ईमानदारी से कोशिश करते रहें: कोंकणा सेन

punjabkesari.in Saturday, Oct 25, 2025 - 05:37 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोंकणा सेन शर्मा हिंदी सिनेमा की वर्सटाइल कलाकारों में से एक हैं उन्होंने हमेशा लीग से हटकर फिल्मों में अपनी दमदार अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता है। हाल ही में आई एक्ट्रेस की वेब सीरीज सर्च- द नैना मर्डर केस को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है।  रोहन सिप्पी ने निर्देशन में बनी इस सीरीज में कोंकणा सेन शर्मा, सूर्या शर्मा, शिव पंडित, श्रद्धा दास अहम भूमिकाओं  में हैं। सीरीज के बारे में कोंकणा सेन शर्मा ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...

सवाल: ऐसी कौन-सी बात है जो आपने खुद सीखी है और अब अपने बेटे को सिखाई है जो पिछली पीढ़ियों से आपको नहीं मिली?
हां, आजकल हम हेल्दी ईटिंग हैबिट्स के प्रति ज़्यादा जागरूक हैं। हमारे बचपन में यह बात उतनी नहीं थी।
हम तो मैगी और जंक फूड भी खूब खाते थे लेकिन अब घर का खाना, हेल्दी फूड इस पर ध्यान है।
मुझे खुशी है कि मेरा बेटा भी इस चीज़ को लेकर काफी कॉन्शियस है।

सवाल: शो में आपका किरदार अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग-अलग संभालने की कोशिश करता है असल जिंदगी में आप भी ऐसा कर पाती हैं?
असल जिंदगी में मैं भी अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती हूं। मेरे डायरेक्टर रोहन और मैं अक्सर मजाक में कहते हैं हर दिन कोशिश करते हैं, और हर दिन थोड़ा कम असफल होते हैं। मेरा मानना है कि वर्क-लाइफ बैलेंस कोई परफेक्ट चीज नहीं होती। हर दिन नई चुनौती होती है  कुछ दिन बेहतर निकलते हैं, कुछ दिन नहीं। लेकिन ज़रूरी यह है कि खुद को परफेक्ट बनने का दबाव न दें और बस ईमानदारी से कोशिश करते रहें।

सवाल: Death in the Gunj के बाद आपके डायरेक्शन की काफी चर्चा रही है। दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्या आप दोबारा निर्देशन करेंगी?
हां, कह सकती हूं कि मैं उस दिशा के आसपास हूं। लेकिन डायरेक्शन एक बहुत बड़ा और सोच-समझकर लिया जाने वाला निर्णय होता है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। फिलहाल मैं अपनी एक्टिंग में काफी व्यस्त हूं और शुक्र है कि मुझे अच्छा काम मिल रहा है। इसलिए फिलहाल डायरेक्शन बैकबर्नर पर है, लेकिन मन में हमेशा यह इच्छा रहती है कि जब कुछ अच्छा लिख पाऊं, तभी उसे खुद डायरेक्ट करूं। आजकल जो फिल्में चल रही हैं, वे ज्यादातर बड़े स्केल और हाइपर-मस्क्युलिन फिल्मों की तरफ झुकी हैं, जबकि मेरी सेंसिबिलिटी थोड़ी अलग है।
मुझे सेंसिबल, मिड-बजट और ह्यूमन-ड्रिवन फिल्में पसंद हैं, जो आज के दौर में बहुत कम बन रही हैं। लेकिन अगर मैंने कुछ ऐसा लिखा जो दिल से जुड़ जाए और मुझे सही लगे, तो मैं जरूर फिर से डायरेक्शन करने के बारे में सोचूंगी।

सवाल: आजकल कई एक्टर्स अपने बॉक्स ऑफिस कलेक्शन और ओटीटी व्यूज़ को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। क्या आपको कभी ऐसा प्रेशर महसूस होता है?
नहीं, बिल्कुल नहीं। ये सारी चीज़ें हमारे कंट्रोल में होती ही नहीं। मेरा ध्यान सिर्फ इस बात पर रहता है कि मैं अपनी तैयारी पूरी रखूं, अपने को-एक्टर्स और डायरेक्टर के साथ ईमानदारी से काम करूं और वक्त पर सेट पर जाऊं बस यही मेरे हाथ में है। किसी फिल्म को ऑडियंस पसंद करती है या नहीं, ये मेरे बस में नहीं है, इसलिए उस पर सोचने का कोई मतलब नहीं। वैसे भी जब तक फिल्म रिलीज होती है, तब तक इतना टाइम गैप हो जाता है कि खुद-ब-खुद एक तरह का डिटैचमेंट आ जाता है और सच कहूं तो मुझे वो डिटैचमेंट अच्छा लगता है।

सवाल: आने वाले समय में आपको कहां देख पाएंगे?
अभी तक कोई आधिकारिक अनाउंसमेंट नहीं हुई है, इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कह सकती। मेरे पास कुछ ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं जिनको लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं,लेकिन जब तक मुझे उनका ग्रीन सिग्नल नहीं मिलता, तब तक चुप रहना ही बेहतर है।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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