प्रथम लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड पर जानिए हुआ क्या क्या ! पीएम मोदी की लता भक्ति से लेकर आशा भोसले की लता दीदी वाली मिमिक्री! आदिनाथ मंगेशकर से लेकर जैकी श्रॉफ और आशा पारेख को दिया गया सम्मान। तो वही

punjabkesari.in Monday, Apr 25, 2022 - 01:28 PM (IST)

रविवार का दिन , कभी न भूलनेवाला एक यादगार लम्हा बन गया जब पीएम नरेंद्र मोदी जी प्रथम लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड लेने खुद साक्षात मुंबई के संमुखानंद हॉल में उपस्थित हुए। बड़े ही विनम्रता और कृतज्ञता से पीएम ने अपनी बड़ी बहन लता दीदी के स्मृति में स्थापित किए हुए पुरस्कार को ग्रहण किया । और दीदी को याद किया और कहा कि " मंगेशकर परिवार के लिए उनका दायित्व हैं और इस अवॉर्ड को लेना उनका सबसे बड़ा कर्तव्य हैं। इस अवॉर्ड को उन्होंने हर हर देशवासियों के समक्ष समर्पित किया । और अपने भाव, शब्दो से लता दीदी को अद्भुत श्रद्धांजलि दी । 

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वही बहन भारत रत्न स्वर्गीय लता मंगेशकर को याद कर एक बार फिर आशा भोंसले की आंखे नम हुई। लेकिन अपने भावनाओं को काबू में करते हुए आशा भोसले ने दीदी के बारे में इतने नायब किस्से कहे जिसे शायद ही कोई जानता हैं। आशा जी ने लता दीदी के आवाज की मिमिक्री बड़ी ही कुशलता से की जिसे देखकर पूरा हाल मानो तालियों से गूंज उठा । आशा भोंसले ने ये बताया कि दीदी बहुत सिंपल दिखती तो थी लेकिन गुस्से वाली भी काफी थी और बड़ी की चालाकी से अपनी बात मनवाती भी थी। एक बार लता मंगेशकर और आशा भोसले को कहा गया की उन्हे 1मिलियन डॉलर लेंगे लेकिन शादी में आकर गाना गाना होगा तो लता जी ने मना कर दिया था कि वो कभी किसी की शादी में गाना नहीं गाएंगी और उन्होंने आशा भोसले को कहा ना गाने के लिए। 

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आशा भोंसले ने ये भी बताया की कैसे लता दीदी गायकों के नाम और उनके सम्मान के लिए लड़ाई की ताकि गाने की क्रेडिट में प्लेबैक सिंगर का नाम आए न की एक्टर का। उन्होंने ये भी बताया कि लता दीदी ने सिंगर के रॉयलेटी के लिए भी लड़ाई लड़ी, जिसमें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा लेकिन अंत में जीत हमारी ही हुई। इतना ही नहीं लता दीदी ने  लंदन और ब्रिटेन, न्यूयार्क और विदेशो के तमाम बड़े से बड़े म्यूजिक ऑडोटोरियम में ,जहा सिर्फ गोरे लोगो को ही गाने दिया जाता था, दीदी ने हर जगह हाउस फुल शोज किए। आशा भोंसले ने बताया कि लता दीदी की  मेहनत और समर्पण ने आगे की पीढ़ी के सिंगर्स के लिए रास्ते आसान कर दिए । संगीत और उसके हक के लिए उसने जी लड़ाई लड़ी और नए आयाम बनाए वो कोई नही कर सकता था । 

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आशा भोसले ने ये भी बताया कि हमेशा संगीत और परिवार को सर्वोपरि रखनेवाली लता मंगेशकर को हर रंग अच्छे लगते थे, लेकिन उसने सफेद रंग ही चुना, और उसे हर परिधान खूबसूरत लगता था लेकिन वो हमेशा साड़ी में ही रही। इतनी बड़ी ख्याति हासिल करके, इतना पवित्र आचरण और चरित्र रख पाना आसान नहीं होता। पर उसने अपनी सादगी से सभी का मन मोह लिया। आई और बाबा के लिए उसका अटूट प्यार आज के पीढ़ी में कहा देखने मिलता हैं। 

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आशा भोसले ने एक बहुत ही खूबसूरत किस्सा बताया ," मैं 6 साल की थी और दीदी मुझे 4 साल बड़ी थी। और मैं उसकी चमची थी। वो जैसा बोलती थी मैं वैसा करती थी। एक दिन उसने मुझसे कहा की तुझे जिंदगी में बड़ा बनना हैं ।मैंने कहा हां। उसने कहा कि जो लोग मां बाप के चरणों का पानी पीते हैं वो हमेशा जीवन में बहुत आगे जाते हैं। आई बाबा रात में सो रहे थे । हम दोनो उनके पैर के यहाँ खड़े हो गए। और नीचे दीदी ने थाली लगा दी। और पानी उनके पैरों पर डालने लगी और हमने वो पानी पिया। तो मां बाप की लिए दीदी की इतनी भक्ति थी और आज के जमाने में बच्चो को पानी दे तो बोलेंगे पहले अच्छे से हाथ धोकर आओ। 

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आशा भोंसले ने ये भी बताया की 13 साल की उम्र में दीदी ने काम करना शुरू कर दिया था और उसे 104 डिग्री बुखार था , मां के मना करने के बावजूद भी ,वो शूटिंग के लिए गई ।और अपना दायित्व निभाया। ऐसी तमाम बातें हैं जो आशा भोंसले ने पहली बार लोगो के सामने बताई।  परिवार के लिए लता दीदी का समर्पण और उसकी भक्ति को पूरा देश सलाम करता हैं। 

मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की 80वी पुण्यथिति पर मायानगरी में अपना अमूल्य योगदान देने के लिए एक्ट्रेस आशा पारेख और एक्टर जैकी श्रॉफ को सम्मानित किया गया । सिंगर राहुल देशपांडे  भारतीय संगीत के लिए और मुंबई डब्बा वालो को भी उनके सामाजिक कार्यों के लिए दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड से नवाजा गया। पंडित हृदयनाथ के पुत्र आदिनाथ मंगेशकर ने इस इवेंट की कार्यकारिता बहुत ही सहजता से संभाली। मंगेशकर परिवार की तरफ से उन्होंने पीएम मोदी जी का सम्मान किया और उनके आने का आभार प्रकट किया। 

उसके बाद सिंगर हरिहरन और रूप कुमार राठौड़ ने लता दीदी के स्वरंजलि प्रस्तुत की जहा उन्होंने दीदी के साथ गाए हुए कुछ नायब गानों को स्टेज पर जिंदा करने की कोशिश की। लता दीदी के पुराने गानों को भी वहा याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।


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