B'' Day SPL: ईशा कोप्पिकर के जन्मदिन पर जानें उनकी तंदुरुस्ती का मंत्र

punjabkesari.in Friday, Sep 19, 2025 - 02:38 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। ईशा कोप्पिकर अपना जन्मदिन मना रही हैं, ऐसे में उनके वेलनेस के सफ़र पर विचार करना बिलकुल सही लगता है, जिसे वे न केवल स्वयं अपनाती हैं, बल्कि दुनिया के साथ साझा भी करती हैं। आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी, जिसमें ज़्यादा समय, ज़्यादा सफलता और ज़्यादा पहचान की होड़ लगी होती है, ऐसे में ईशा संतुलन की एक ताज़गीभरा प्रतीक बनकर उभरती हैं। वह अपने वीडियो के ज़रिए सिर्फ़ बातें ही नहीं करतीं, बल्कि उसे अपनाती भी हैं। मेंटल स्ट्रेंथ, फिजिकल फिटनेस और सोलफुल क्लेयरिटी का सुंदर समन्वय उनके जीवन को सच्चे अर्थों में वेलनेस की परिभाषा बनाता है।

 

 

 

 

 

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दृढ़ संकल्प के साथ लक्ष्य-निर्धारण: 2025 की शुरुआत
ईशा ने 2025 की शुरुआत एक बड़े बदलाव के संकल्प के साथ की। अपने इंस्टाग्राम के एक जिम वीडियो में उन्होंने कड़ी मेहनत, अनुशासन और फिटनेस का प्रदर्शन किया। उनका संकल्प सतही बदलाव के बारे में नहीं है, बल्कि चुनौतियों को स्वीकार करने, कंटिन्यू बने रहने और सपनों को उपलब्धियों में बदलने के बारे में है। उनका संदेश, "2025 पूरी तरह से बदलाव का वर्ष है चुनौतियों को अपनाकर उन्हें अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में बदलना।” यह याद दिलाता है कि फिटनेस सिर्फ शरीर की नहीं होती, बल्कि यह मानसिकता और दृढ़ता का भी प्रतीक है।

 

 

 

 

 

 

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डर स्वाभाविक है... लेकिन कर्म शक्तिशाली होती है
नई शुरुआतें चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं, और इस वीडियो में ईशा उस डर को खुलकर बयां करती हैं। वह मानती हैं कि कैसे अनजानी बातें हमें रोक सकती हैं, चाहे वह काम में हो, रिश्ते में हो, या कुछ नया शुरू करने में। उनका संदेश बेहद प्रभावशाली है: जब सब कुछ अस्त-व्यस्त या अनिश्चित लगता है, तब भी ईमानदारी और साहस के साथ पहला कदम उठाने से स्पष्टता और आत्म-विश्वास बढ़ता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक सशक्त संदेश है डर को पार कर आगे बढ़ना ही सच्ची मानसिक दृढ़ता है।

 

 

 

 

 

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स्पॉटलाइट से ज़्यादा आत्म-मूल्य महत्वपूर्ण है: मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवाज़ उठाना
इस भावपूर्ण पोस्ट में ईशा ने प्रसिद्धि के दबाव और सफलता के साथ अक्सर छिपे हुए चुनौतियों के बारे में खुलकर बात करती हैं। वह एक सार्वभौमिक सत्य को उजागर करती हैं: "मैं नहीं जानती थी कि यह कहना ठीक है 'मैं ठीक नहीं हूं।'" वे कहती हैं कि सच्ची ताकत सब कुछ पर नियंत्रण रखने में नहीं, बल्कि वास्तविक और ईमानदार बनने में है — खुद के प्रति दयालु होने और यह समझने में कि संवेदनशील होना कोई कमजोरी नहीं है।
इस वीडियो के माध्यम से वे मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत को प्रोत्साहित करती हैं और बताती हैं कि परिपूर्णता में नहीं, बल्कि प्रामाणिकता में आत्म-मूल्य होता है।

 

 

 

 

 

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आज़ादी भीतर से शुरू होती है
स्वतंत्रता दिवस पर, ईशा ने सच्ची आज़ादी के बारे में एक प्रभावशाली विचार साझा किया, कि सच्ची आज़ादी केवल बाहरी नहीं, बल्कि भीतरी होती है। वे बात करती हैं डर, अहंकार और पुरानी मान्यताओं से मुक्त होने की, दिल को खोलने की और सिर्फ अस्तित्व में नहीं, बल्कि पूर्ण रूप से जीने की। उनकी बातों में आत्मा को जगाने वाला संदेश है कि हमारी मानसिक और आत्मिक स्वतंत्रता ही हमारे जीवन की गुणवत्ता तय करती है। यह पोस्ट हमें जोश, अनुशासन और एकता को बढ़ाने और अपनी आत्मा और राष्ट्र, दोनों के लिए आंतरिक प्रकाश को चमकने देने के बारे में है।

 

 

 

 

 

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शांति जो उपचार है: योग के माध्यम से वेलनेस
इस वीडियो में ईशा को योगाभ्यास करते हुए, श्वास और गति का समन्वय करते हुए दिखाया गया है। उनका कैप्शन, "जब शरीर लय में चलता है, और श्वास सहजता से बहती है तब अस्तित्व खिलने लगता है।" योग केवल शरीर के स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक जागृति के लिए भी है। यह दिखाता है कि वेलनेस हमेशा इंटेंसिटी में नहीं, कभी-कभी मौन, प्रवाह, और भीतर की लय में होती है।

 

 

 

 

 

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केवल प्रयास, कोई बहाना नहीं
यहाँ ईशा अपने वर्कआउट वीडियो में सीमाओं को तोड़ती दिख रही हैं - HIIT, बैटल रोप्स, स्लैम बॉल्स। यह कठिन, अथक और पसीने से लथपथ है, लेकिन यह हमें यह भी याद दिलाता है कि ताकत शॉर्टकट से नहीं बनती। यह बार-बार खुद को निखारने से बनती है। इसमें, वह न केवल शरीर को, बल्कि हमारी मानसिक दृढ़ता को भी प्रेरित करता है।

 

 

 

 

 

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अंदर के योद्धा को जगाना
ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट के रूप में ईशा का प्रशिक्षण इस वीडियो में झलकता है। उनका संदेश बहुत स्पष्ट है - ताकत केवल शारीरिक नहीं होती यह मानसिक अनुशासन, साहस और अपनी शक्ति को पुनः प्राप्त करने की प्रक्रिया है।
उनकी पंक्ति "ताकत सिर्फ एक शब्द नहीं है - यह एक वापसी की कहानी है जिसे बताया जाना बाकी है।" 
वह हमें अपने अंदर के योद्धा को पहचानने के लिए प्रेरित करती हैं जो बाधाओं को तोड़ने और विपरीत परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता रखता है।

ईशा कोप्पिकर के काम से जो बात साफ़ तौर पर उभर कर आती है, वह यह है कि वेलनेस कोई एक-आयामी लक्ष्य नहीं है। यह शारीरिक फिटनेस, मानसिक दृढ़ता, भावनात्मक ईमानदारी और आत्मिक स्वतंत्रता का सुंदर संतुलन है।
वह न तो डर से रुकती हैं, न ही परिपूर्णता की दौड़ में फंसती हैं। वे ईमानदारी, अनुशासन और आत्म-सहानुभूति के साथ अपने जीवन में उपस्थित रहती हैं और यही सबको प्रेरणा देता है। 

तो, संदेश सीधा और सरल है: कदम उठाओ, अपनी सच्चाई बोलो, शरीर को गतिशील रखो, मन का पोषण करो, आत्मा को मुक्त करो। सच्ची वेलनेस भीतर से शुरू होती है और ईशा की जीवन-यात्रा उसी प्रकाश की दिशा दिखाती है।

 


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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