जानें श्रेया घोषाल के लिए संजय लीला भंसाली की देवदास कैसे बनीं टर्निंग पॉइंट

punjabkesari.in Sunday, Aug 31, 2025 - 12:22 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। संजय लीला भंसाली की सोच की तुलना अक्सर गुरु दत्त और राज कपूर जैसे दिग्गजों से की जाती है। उनमें म्यूजिक, इमोशन और खूबसूरत सिनेमैटिक दुनिया को एक साथ जोड़ने की कला है। बहुत से लोग मानते हैं कि भंसाली ही वो निर्देशक हैं जो अपनी कला की विरासत को ग्लोबल लेवल पर आगे ले जा सकते हैं। उनकी फिल्मों में दिखने वाली विज़ुअल पोएट्री और यादगार गाने उनकी असली ताकत है।

श्रेया घोषाल ने बताया कि फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली ने उन्हें पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्हें भंसाली के साथ काम करने के लिए बहुत धैर्य और विश्वास की जरूरत थी, उन्होंने अपनी पहली फिल्म देवदास (2002) को भी याद किया।

श्रेया घोषाल ने कहा, “अब सच ये था कि संजय जी की फिल्म में एक नई लड़की गा रही है, ये खबर वायरल हो गई थी। बहुत लोगों ने मुझे कॉल किया कि हमारा भी एक गाना है, लेकिन मैंने संजय जी को वर्ड देकर कहा था कि जब तक ये गाना रिलीज़ नहीं होता, मैं कहीं नहीं जाऊंगी।” उन्होंने आगे बताया, “तब मैं सिर्फ 16 साल की थी और ये फैसला असल में मेरे पापा ले रहे थे, क्योंकि मैं तो पढ़ाई कर रही थी और अपना काम कर रही थी। इतनी सारी ऑफर्स आने के बावजूद, गाना रिलीज़ होने से पहले ही, उन्हें ठुकराना आसान नहीं था। लेकिन हमने अपने सिद्धांतों पर टिके रहने का फैसला किया और वही सही लगा।”

श्रेया घोषाल ने बताया कि देवदास के रिलीज़ से पहले उन्होंने कई ऑफ़र्स ठुकरा दिए थे। उनका मानना है कि यही फैसला उनकी जगह फिल्म में पक्की करने वाला साबित हुआ। उन्होंने कहा, “ये काम कर गया, अगर मैं उन सबके लिए गा देती तो शायद देवदास में नहीं होती, मुझे पूरा यक़ीन है। संजय जी इस बात को लेकर बहुत साफ थे कि वही मुझे लॉन्च करेंगे और मुझे फिल्म रिलीज़ तक सब्र रखना होगा।”

प्रोजेक्ट्स की बात करें तो संजय लीला भंसाली अब अपनी अगली बड़ी फिल्म लव एंड वॉर का निर्देशन करते दिखाई देने वाले हैं। बता दें कि इस इस फिल्म को अब तक की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक माना जा रहा है।

 


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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