कॉमेडी ड्रामा फिल्म ''शर्माजी की बेटी'' का दिल को छू लेने वाला ट्रेलर रिलीज
punjabkesari.in Wednesday, Jun 19, 2024 - 02:18 PM (IST)
नई दिल्ली,टीम डिजिटल। प्राइम वीडियो ने आज अपनी आने वाली स्लाइस ऑफ़ लाइफ कॉमेडी फिल्म शर्माजी की बेटी का एक ज़बरदस्त ट्रेलर प्रस्तुत किया। अप्लॉस एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत और एलिप्सिस एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन द्वारा निर्मित इस फिल्म को ताहिरा कश्यप खुराना ने लिखा और निर्देशित किया है और इसमें साक्षी तंवर, दिव्या दत्ता, और सैयमी खेर मुख्य भूमिकाओं में हैं, उनके साथ ही वंशिका तपारिया, अरिस्ता मेहता, शारिब हाशमी और परवीन डबास भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म अलग-अलग परिवारों से आने वाली मध्यवर्गीय महिलाओं की अनेक पीढ़ीयों की कहानी के भीतर आकांक्षाओं, सपनों और समझदार बनने के पलों को दर्शाती है। इसका प्रीमियर 28 जून को भारत और 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में प्राइम वीडियो पर किया जायेगा।
five intertwined lives,
— prime video IN (@PrimeVideoIN) June 19, 2024
five strong women,
five beautiful stories, bound by destiny 🫶#SharmajeeKiBetiOnPrime, June 28@ApplauseSocial @nairsameer @SegalDeepak @ellipsisentt @tahira_k @tanuj_garg @atulkasbekar @divyadutta25 @SaiyamiKher #SakshiTanwar @sharibhashmi @parvindabas… pic.twitter.com/BMBLgCHjDr
भावनाओं और हँसी-मज़ाक के उतार-चढ़ाव भरे सफ़र का वादा करने वाली, शर्माजी की बेटी का ट्रेलर दर्शकों को तीन ख़ास महिलाओं के जीवन का एक हिस्सा बना देता है, सभी का पारिवारिक नाम 'शर्मा' है, हर स्त्री अपनी-अपनी मुश्किल और अलग तरह की चुनौतियों का सामना करती है। ज्योति, एक मध्यमवर्गीय परिवार की होनहार औरत, एक पत्नी और माँ के तौर पर अपनी ज़िम्मेदारियों के साथ अपने काम-काज को भी संतुलित करने का प्रयास करती है। किरण, एक जिंदादिल गृहिणी, पटियाला से मुंबई पहुँचने के बाद अपनी दुनिया को उलट-पलट पाती है, फिर भी ऐसा करना उसे अपने असली स्वरूप को ढूँढने में मदद करता है। तन्वी, एक युवा क्रिकेट खिलाड़ी जो मैदान पर आसानी से छक्के मारती है, उसे अपने बॉयफ्रेंड को यह समझाने के लिए जूझना पड़ता है कि उसकी महत्वाकांक्षायें शादी से कहीं अधिक हैं। इसके अलावा, यह ट्रेलर शर्मा नाम वाली दो किशोरियों के ज़िंदगी की एक छोटी सी झलक दिखाता है जो बड़े होने की चुनौतियों — मासिक धर्म के रहस्यों से लेकर ख़ुद को समझने तक का सामना करती हैं।
इस फ़िल्म की लेखिका और निर्देशक ताहिरा कश्यप खुराना ने कहा, “शर्माजी की बेटी मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। यह फ़िल्म मेरे लिए केवल इसलिए खास नहीं है क्योंकि यह मेरे निर्देशन की पहली फिल्म है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि इसने मुझे मेरे दिल के बहुत करीब रहने वाले विषय - महिला सशक्तिकरण - को और भी बेहतर ढंग से जानने का मौका दिया है। यह हल्की-फुल्की, व्यंगात्मक कहानी मध्यम वर्ग की महिलाओं के रोज़मर्रा के संघर्षों, जीत और विविध अनुभवों को प्रस्तुत करती है। हर किरदार मेरी ख़ुद की यात्रा के एक हिस्से को दर्शाता है, जो इसे बेहद व्यक्तिगत बना देता है। मैं अप्लॉस एंटरटेनमेंट और एलिप्सिस एंटरटेनमेंट के साथ मिलकर काम करते हुए रोमांचित हूँ, जिनका सहयोग इस उद्देश्य को जीवंत करने में अमूल्य रहा है, और मैं बेहद रोमांचित हूँ कि यह फिल्म प्राइम वीडियो पर भारत और दुनिया भर के 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में प्रीमियर की जायेगी। मेरा मानना है कि जीवन के इस असल हिस्से की कहानी में दुनिया भर के दर्शकों को पसंद आने की क्षमता है, और मैं उनकी प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतजार कर रही हूँ।”
फिल्म में ज्योति शर्मा का किरदार निभाने वाली साक्षी तंवर कहती हैं, “जब मैंने पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ी, तो इसने मेरे अंदर कई तरह की भावनायें जगा दीं। बेबसी और दुख भरे पलों से लेकर गर्व और खुशी के पलों तक, यह फ़िल्म आधुनिक, नए ज़माने की महिलाओं के उत्सव के तौर पर मेरे दिल को छू गई। शर्माजी की बेटी महिलाओं के लिए एक बेहद ज़बरदस्त आह्वान है कि वे अपना अस्तित्व ऊँचा रखें और इस बात पर गर्व करें कि हम कौन हैं और हम क्या हासिल कर सकते हैं। मेरा किरदार, ज्योति, दुनिया भर की लाखों महिलाओं के जीवन को दर्शाता है, जो अपने सपनों और आकांक्षाओं के साथ सामाजिक अपेक्षाओं को संतुलित करने का प्रयास करती हैं। हालाँकि उसके साथ एक बहुत अच्छा सहयोगी जीवनसाथी है जो उसके सपनों में विश्वास करता है, लेकिन वह अपनी किशोर बेटी के नखरों और उम्मीदों से जूझती है। मेरा मानना है कि भारत और पूरी दुनिया में न केवल महिलायें, बल्कि सभी दर्शक भी लिंग-संबंधी भूमिकाओं, रिश्तों और व्यक्तिगत पहचान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर हास्यपूर्ण और अपनी ज़िंदगी से जुड़ी कोशिश को पसंद करेंगे। इन विषयों का संवेदनशील चित्रण सभी के दिलों को छू जायेगा।”
दिव्या दत्ता, जिन्होंने इस फ़िल्म में किरण शर्मा का किरदार निभाया है, कहती हैं, "मुझे लगता है कि शर्माजी की बेटी एक ताज़ातरीन कहानी प्रस्तुत करती है जो अलग-अलग पीढ़ियों से संबंधित महिलाओं की नज़र से रोज़मर्रा की जिंदगी और रिश्तों की बारीकियों पर नज़र डालती है, जिनमें से हर महिला का व्यक्तित्व और जीवन के प्रति उसका दृष्टिकोण बिल्कुल अलग होता है। जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मुझे अपने किरदार, किरण और उसकी खूबसूरत भेद्यता से प्यार हो गया। वह स्वभाव से काफी चंचल लगती है, लेकिन अपनी निजी ज़िंदगी में जिन परिस्थितियों का सामना करती है, उसके कारण गहरी भावनाओं का एक सैलाब उसके अंदर ही अंदर कहीं चलता रहता है। किरण का किरदार निभाने से मुझे अपनी अदाकरी की क्षमताओं के नए पहलुओं को तलाशने का मौका मिला, जिसका मैंने पहले इस्तेमाल नहीं किया था। इस फ़िल्म के लिए ताहिरा की सोच स्पष्ट और प्रेरणादायक थी; उनके साथ काम करना और इस कहानी को जीना वाकई रोमांचक रहा।"
तन्वी का किरदार निभा रहीं सैयमी खेर ने कहा, “शर्माजी की बेटी एक बहुत ही खास सफ़र रहा है। जब ताहिरा ने मुझे फिल्म सुनाई, तो मुझे तुरंत यह पसंद आ गई। कहानी सुनने के बाद बहुत ही ताज़ा और अच्छा महसूस हुआ था। तन्वी की भूमिका याद दिलाती थी कि सभी को अपने सपनों और जुनून को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए और सामाजिक दबाव में आकर हार नहीं माननी चाहिए। तन्वी की कहानी के ज़रिए, यह फ़िल्म इस बात पर प्रकाश डालती है कि हममें से कितने लोग ऐसी ही मुश्किलों से गुजरते हैं, लगातार व्यक्तिगत आकांक्षाओं के साथ सामाजिक अपेक्षाओं का तालमेल बिठाते रहते हैं। यह उन सभी लोगों की ज़िंदगियों से जुड़ी एक कहानी है, जिन्होंने कभी दायित्वों और सपनों के बीच ख़ुद को फँसा हुआ महसूस किया है, जो दर्शकों को अपना रास्ता खोजने के लिए प्रोत्साहित करती है। मुझे विश्वास है कि यह दिल को छू लेने वाली कहानी प्राइम वीडियो पर इसे देखने वाले भारत और 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों के सभी लोगों के साथ गहराई से जुड़ जायेगी।”