Review: दे दे प्यार दे 2 हर पिता और बेटी को ज़रूर देखनी चाहिए। सभी ने बेहतरीन अभिनय किया है

punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 10:15 AM (IST)

फिल्म: दे दे प्यार दे 2 (De De Pyaar de 2)
स्टारकास्ट : अजय देवगन (Ajay Devgn) , आर माधवन (R. Madhavan) , राकुलप्रीत सिंह (Rakul Preet Singh) और जावेद जाफरी (Javed Jaffrey)
निर्माता : भूषण कुमार (Bhushan Kumar) और कृष्ण कुमार (Krishan Kumar)
निर्देशक : अंशुल शर्मा (Anshul Sharma)
कथा- पटकथा : लव रंजन(Luv Ranjan), तरुण जैन (Tarun Jain) 
रेटिंग:4*

दे दे प्यार दे 2 : भारतीय सिनेमा में रोमांटिक-कॉमेडी दर्शकों में एक ख़ास महत्व रखती है बासु चटर्जी की कल्ट क्लासिक 'बातों बातों में' और हृषिकेश मुख़र्जी की कल्ट क्लासिक  'गोलमाल ' इसी श्रेणी की फिल्में हैं जिन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार मिला और आज की जेनरेशन में भी ये फिल्में उतनी ही लोकप्रिय हैं। फिल्मकारों ने इस जॉनर में अनेकों फिल्में दी हैं और अब इस कड़ी में एक और फिल्म “दे दे प्यार दे-02”  जुड़ने जा रही है जो 14,नवंबर जो सिनेमाघरों  में रिलीज हो रही है। यह दे दे प्यार दे का सीक्वेल  है जो काफी सफल रहा था। लव रंजन और तरुण जैन द्वारा लिखित और अंशुल शर्मा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में उम्र के गैप का प्यार, पारिवारिक टकराव और हास्य का मिश्रण देखने को मिलेगा।

कहानी 
फिल्म की कहानी घूमती है एनआरआई आशीष मेहरा (अजय देवगन) और उनसे उम्र में काफी छोटी आयेशा (रकुल प्रीत सिंह) के इर्द-गिर्द। दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन कहानी मोड़ लेती है जब आयेशा के पिता (आर माधवन) इस रिश्ते को स्वीकार करने से इंकार कर देते हैं। इसके बाद शुरू होती है भावनाओं, गलतफहमियों, हास्य और पारिवारिक तकरारों की हल्की-फुल्की यात्रा। फिल्म में मौजूद ट्विस्ट-एंड-टर्न्स कहानी को रोचक बनाए रखते हैं और दर्शक पूरी तरह से जुड़ाव महसूस करते हैं। यह रोमांस, कॉमेडी और फैमिली इमोशंस का अच्छा संतुलन बनाकर पेश करती है।

एक्टिंग
अजय देवगन बहुदा अनुभव के साथ अपनी भूमिका में सहज लगते हैं उनका किरदार चतुर, मजाकिया और भावनात्मक संतुलन के साथ चलता है। रकुल प्रीत सिंह इस बार भी आकर्षक और आत्मविश्वासी नजर आती हैं उनके पात्र में विकास दिखता है, और उनकी केमिस्ट्री अजय के साथ प्लस प्वाइंट है। आर. माधवन ने पिता-किरदार में वो उतार-चढ़ाव लाये  है, जो फिल्म को केवल कॉमेडी तक सीमित नहीं रहने देता, बल्कि भावनात्मक गहराई भी देता है।

डायरेक्शन
फिल्म का हास्य काफी हद तक स्वाभाविक लगता है लेकिन कहीं न कहीं फिल्म थोड़ी खींची हुई लगती है। कहानी-लेखन में उम्र-पारिवारिक टकराव को हल्के अंदाज में पेश करने की कोशिश हुई है जिससे फिल्म बहुत “सीरियस” नहीं होती बल्कि एक मनोरंजन-पैक्ड अनुभव बन जाती है। एज-गैप वाले रिश्ते और पारिवारिक स्वीकृति जैसे विषय अभी भी बोल्ड माने जाते हैं , इस फिल्म ने इन्हें मुख्य धारा में लाने की कोशिश की है। डायलॉग और सीन-स्क्रिप्ट में कुछ ताज़गी है खासकर पिता-बेटी/प्रेमी-पिता के बीच की तकरारों में हास्य का अच्छा इस्तेमाल हुआ है। अंशुल शर्मा ने काफी सधा हुए निर्देशन किया है। कलाकारों  के चयन से लेकर एडिटिंग तक  सब कुछ परफेक्ट है। अगर आप एक हल्की-फुल्की, मनोरंजक हिंदी-रोमांटिक-कॉमेडी देखने का मूड में हैं जिसमें उम्र-गैप, पारिवारिक तकरार, मजेदार संवाद और काफी कॉमेडी-मोह से लदी पिक्चर हो तो “दे दे प्यार दे 2” आपके लिए अच्छा विकल्प है।


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Content Editor

Jyotsna Rawat