युवा पीढ़ी की जिंदगी में आने वाली दिक्कतों को दिखाएगा ‘क्राइम आज कल’

punjabkesari.in Thursday, Dec 28, 2023 - 12:56 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। क्राइम पर आधारित फिल्में और शोज को दर्शक शुरूआत से ही काफी पसंद करते हैं। अब ऐसे शोज को ओ.टी.टी. प्लेटफॉर्म पर भी जगह मिलने लगी है। ऐसे में पहले सीजन की जबरदस्त सफलता के बाद अमेजन मिनी टीवी पर 'क्राइम आज कल' का दूसरा सीजन भी 22 दिसंबर से स्ट्रीम हो गया है। अपराध जगत की सत्य घटनाओं पर आधारित इस शो के पहले सीजन को जहां विक्रांत मैसी ने होस्ट किया था, वहीं दूसरे सीजन को प्रतीक गांधी होस्ट कर रहे हैं। शो के बारे में प्रतीक गांधी ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...

Q. हम सभी बचपन में सोचते थे कि कभी हॉस्पिटल या पुलिस स्टेशन न जाना पड़े। आप कभी ऐसा सोचते थे? 
- बचपन में तो सभी बहुत कुछ सोचते हैं, लेकिन जब से एक्टर बने हैं हम ऐसा नहीं सोचते कि हमें कभी यहां न जाना पड़े, क्योंकि जितने नए-नए किरदार हमें करने को मिलेंगे हम बतौर एक्टर उतना ही सीखते हैं। तो कभी सोचा नहीं कि मुझे ये चीज बिल्कुल नहीं करनी या फिर यहां नहीं जाना।   

Q. एक्टर के बाद अब होस्ट के रूप में आपको कैसी फीलिंग आ रही है? 
- जब मैं एक्टर होता हूं तो मेरी अप्रोच अलग होती है, क्योंकि तब मैं उस कहानी को समझता हू्ं। फिर अपने किरदार को समझने की कोशिश करता हूं। वहीं एंकर का काम मेरे लिए थोड़ा मुश्किल इसलिए हो जाता है, क्योंकि मेरे पास ऐसा कोई आर्ट नहीं है, न ही मैं उस कहानी का हिस्सा हूं। न ही मैंने वह लिखी है और न ही मैं उसका डायरैक्टर हूं। फिर भी मैं उस कहानी को लोगों तक पहुंचा रहा हूं। तो मैं एंकर के रूप में एक सूत्रधार हूं। अब यहां इस क्राइम शो में मुझे न ही एंकर बनकर लोगों को डराना है और न ही उनकी सोच को किसी एक दिशा में मोड़ देना है। मुझे सिर्फ एक दोस्त के रूप में कहानी उन तक पहुंचानी है और अंत में एक सवाल उन्हें सोचने के लिए छोड़ देना है। इसे करने के लिए मैंने काफी कुछ सीखा और भुलाया है।   

Q. सीखते तो बहुत हैं, लेकिन इस शो के लिए आपने भुलाया क्या है?
-मेरे हिसाब से सीखने से ज्यादा मुश्किल भुलाना है। जैसे अगर हम क्राइम स्टोरी या ऐसे किसी केस की बात करें तो हम खुद से बहुत सारी चीजें सोच लेते हैं। आपका दिमाग कह देता है कि अरे यह ठीक है और यह गलत है। आप कहीं न कहीं सभी बातों को जज करने लगते हैं और क्योंकि मैं एक सूत्रधार हूं तो मुझे बिना किसी जजमैंट के लोगों तक यह कहानी पहुंचानी है। ऐसे में मुझे बहुत सारी चीजों को अनदेखा करना भी सीखना था।    

Q. यह क्राइम शो युवा पीढ़ी को किस तरह से प्रभावित करेगा? 
-यह शो आज की युवा पीढ़ी की जिंदगी में आने वाली कई तरह की दिक्कतों को दिखाएगा। वर्चुअल वर्ल्ड के अंदर भी वह किस तरह अकेले हैं। ऐसे में उनके लिए अपनी भावनाओं को कंट्रोल करना बेहद मुश्किल है, क्योंकि आजकल हर चीज इंस्टैंट हो रही है। अभी ऑर्डर किया और 30 मिनट में पिज्जा आ गया। ऐसे में उन्हें हर चीज बहुत जल्दी चाहिए। चाहे वह गुस्सा हो या प्यार, उसका रिजल्ट भी जल्दी चाहिए। इन सारी चीजों की वजह से उनकी लाइफ काफी बदल रही है। हम रोज अपने आसपास पड़ोसियों, दोस्तों और करीबियों के साथ ऐसा होते हुए भी देखते हैं। ऐसे में इन सभी विषयों पर चर्चा होनी बहुत जरूरी है। अगर शो की वजह से थोड़ी भी जागरूकता बढ़ती है तो इससे अच्छी क्या बात होगी। 

Q. आपको क्या लगता है कि सैल्फ कंट्रोल हमारी जिंदगी में कितना जरूरी है? और आप सोशल मीडिया को किस तरह देखते हैं?  
-मेरे हिसाब से सैल्फ कंट्रोल जितना मुश्किल है उतना ही जरूरी भी है। यह अकेली ही वह चीज है जो आपको बाकी सारी चीजों से बचा सकती है, क्योंकि वह आप ही हैं जो अपने दिमाग, मन और विचार को कंट्रोल कर सकते हो। लड़ते रहो, पूरी जिंदगी दुनिया को कंट्रोल करने और बदलने में लेकिन वह तो होगा नहीं। रही सोशल मीडिया की बात तो हमारे प्रोफैशन में ही यह प्लेटफॉर्म अहम भूमिका रखता है, उससे दूर हम रह ही नहीं सकते। लोगों से बात करने से लेकर उनके फीडबैक लेने तक हमारा ज्यादातर काम सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है। मैं इसे सिर्फ कम्युनिकेशन की तरह ही इस्तेमाल करता हूं। वर्चुअल वर्ल्ड को वर्चुअल ही रखना ही सही है, क्योंकि वह रियल नहीं है। सच कहूं तो मुझे अपनी वर्चुअल लाइफ से ज्यादा रियल लाइफ पसंद है। 

Q. डॉक्टर, फिर इंजीनियर के बाद आपने एक्टिंग के बारे में कैसे सोचा? 
- सबसे पहले मैंने डॉक्टर बनने के बारे में सोचा था, लेकिन जब 12वीं में 72 प्रतिशत मार्क्स आए तो सोचा कि डॉक्टरी तो छोड़ ही दो। फिर मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बारे में तो बिल्कुल क्लीयर था। फिर इसमें डिप्लोमा किया, एक साल जॉब की। फिर एक्टिंग की फील्ड में आ गए। बचपन से ही मेरा मन ऑफ लाइफ एक्टिंग में ही था और इंजीनियरिंग बाय च्वाइस थी। 

Q. आप हंसल मेहता के साथ महात्मा गांधी पर आधारित एक सीरीज पर भी काम कर रहे हैं, वह किस स्टेज पर है? 
-वह सीरीज हम अगले महीने से शूट करना शुरू करेंगे। महात्मा गांधी की यंग एज जर्नी पर सीरीज है, जो शायद हमने किताबों में तो बहुत पढ़ी है, लेकिन स्क्रीन पर कम ही देखी है। ऐसे में मेरे लिए यह बहुत बड़ा प्रोजैक्ट है।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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