‘चंदू चैम्पियन’ मेरे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी और अवसर : कार्तिक आर्यन
punjabkesari.in Saturday, Jun 22, 2024 - 12:41 PM (IST)
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल । कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘चंदू चैम्पियन’ रिलीज से पहले ही सुर्खियों में बनी हुई है। फिल्म के ट्रेलर को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। ‘चंदू चैम्पियन' फ्रीस्टाइल तैराकी में भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर के जीवन पर आधारित है। कार्तिक ने फिल्म में मुरलीकांत का किरदार निभाया है। यह फिल्म 14 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म के बारे में निर्देशक कबीर खान और कार्तिक आर्यन ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...
मैं हर चीज को एक खिलाड़ी की तरह ही सोचने लगा हूं: कार्तिक आर्यन
Q ‘चंदू चैम्पियन’ एक अलग और ज्यादा मेहनत वाली फिल्म है तो इसको हां कहने का कारण क्या था?
A. कबीर सर की मूवी थी ये। इसके अलावा इसकी पटकथा एक खास वजह थी हां कहने की। इस फिल्म की जो कहानी थी, वो इतनी मजबूत थी कि मुझे यकीन नहीं हुआ कि यह एक सच्ची कहानी है। यह अगर काल्पनिक कहानी होती तो शायद कोई यकीन भी न करता। इस कहानी का यही बिंदु मुझे काफी चौंकाने वाला लगा। इसके साथ ही थोड़ा दुख भी हुआ था कि इतनी बड़ी कहानी किसी को पता ही नहीं है, इसे तो ऐतिहासिक होना चाहिए। इस कहानी से लोग प्रेरित होंगे। मेरे लिए तो यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी और अवसर है। इस फिल्म को हां कहने के लिए कोई एक नहीं, बहुत सारे कारण थे।
Q ‘चंदू चैम्पियन’ करने के बाद आप में एक अभिनेता और व्यक्ति होने के नाते क्या बदलाव आया है?
A. मेरे दाे साल इसी में लगे थे, इस वजह से यह किरदार लंबे समय तक मेरे दिमाग में रहा। वो कैसे सोचते थे, इनके क्या इमोशन होते थे या जब कोई उदास दृश्य होता था तो उन्होंने क्या अनुभव किया होगा, यह सब मेरे दिमाग में चलता रहता था। ऐसे समय में आपकी सोच उस इंसान के साथ बहुत अंदरूनी तौर पर जुड़ने लगती है क्योंकि उस किरदार में मेरा बहुत समय लगा है तो सोच आपकी है या उस किरदार की यह भी फर्क करना होता है। अब तक जो मैंने किरदार निभाए हैं, उनमें से सबसे ज्यादा समय ‘चंदू चैम्पियन’ को दिया है। इस वजह से मेरी लाइफस्टाइल भी बदली हुई है। मैं हर चीज को एक खिलाड़ी की तरह ही सोचने लगा हूं। चाहे वो खाना हो, सोना हो, जिम रूटीन हो। उन्होंने हर परिस्थिति में खुद को साबित किया। इन सारी चीजों ने मुझे बहुत प्रेरित किया। ऐसे ही कई चीजें मेरे दिल-दिमाग में रह गईं।
Q फिल्म में आपकी जबरदस्त बॉडी देखने को मिल रही है तो क्या कुछ फिटनेस टिप्स देंगे?
A. ‘चंदू चैम्पियन’ में ऐसे शरीर के लिए तो मैंने बहुत कुछ किया है। अगर आपने चीनी छोड़ दी तो वही काफी होगा। सरल टिप्स ये है कि हैवी डिनर करना छोड़ दीजिए। सोने से एक घंटा पहले खाना खा लेना चाहिए। हमारी आदतें खराब हो रही हैं।
कहानी की दुनिया को बहुत असली रखने की कोशिश करता हूं: कबीर खान
Q क्या ‘चंदू चैम्पियन’ एक जीवन से बड़ी लेकिन एक लाइट स्टोरी है?
‘A. चंदू चैम्पियन’ की कहानी लार्जर दैन लाइफ है। अगर ये एक फिक्शनल कहानी होती तो लोग इसे ओवर द टॉप स्टोरी बोलेंगे या ज्यादा ही फैंटास्टिक जोन में ले गए ऐसा कहेंगे। लेकिन ये कहानी बहुत भावुक,ड्रामा और मनोरंजक है। मेरी कोशिश यही रहती है कि कहानी की दुनिया को बहुत असली रखूं और कहीं न कहीं दर्शक मेरी कहानियों में यही चीज पसंद करते हैं। कहानी आपकी बड़ी हो सकती है लेकिन जो आप उसको ट्रीटमेंट देते हैं वह बहुत असली होनी चाहिए। चाहे वह कपड़ों की डिटेलिंग हो या लोकेशन की। जब इन सारी चीजों पर ध्यान दिया जाता है तो वो असल दिखता भी है। यह तो सच्ची कहानी है इसमें तो लगना ही चाहिए। इसमें तो हमें ज्यादा तैयारी करनी पड़ी।
Q आपकी फिल्मों का कंटेंट कभी भी बोर नहीं करता, इसका सीक्रेट फार्मूला क्या है?
A. इसका कोई सीक्रेट फार्मूला नहीं है, बस यही फॉर्मूला है कि मैं स्क्रीनप्ले पर बहुत काम करता हूं। मेरी कोशिश रहती है कि वही सीन हो, जो आपका मनोरंजन करे और कहानी को आगे बढ़ाए। अगर कोई सीन हटा दो और आगे-पीछे कहानी में फर्क न पड़े तो उस सीन का कोई मतलब नहीं बनता है। सीन अगर हटे और फिर कहानी प्रभावित हो तब मैं सीन पर फोकस करता हूं। मैं रियल रखने की कोशिश करता हूं। जब चीजें प्रवाह से चलती हैं तो कहानी मनोरंजन करती है। ह्यूमर, इमोशन सबको रियल रखने की कोशिश करता हूं।
Q आपकी फिल्मों में स्टार्स को एक अलग तरीके से दिखाया जाता है, जिसमें सिर्फ किरदार नजर आता है। क्या कहेंगे इस पर?
A. स्टार्स के साथ ये होता है कि वो किसी फिल्म के लिए दर्शकों को आकर्षित करता है। वो ऑडियंस को सिनेमाघरों तक लाता है लेकिन मेरी एक ड्यूटी है कि फिल्म शुरू होने के 10 मिनट बाद लोग भूल जाएं कि वह एक स्टार है। बस, उसका किरदार दिखे। जैसे-’बजरंगी भाईजान’ शुरू होने के बाद लोग भूल जाएं कि वह सलमान खान है, वह बस बजरंगी लगे। यह हमने ‘चंदू चैम्पियन’ में भी अचीव किया है। जब फिल्म देखना शुरू करोगे, तब आपको लगेगा कि ये कार्तिक आर्यन है लेकिन उसके बाद सिर्फ मुरलीकांत पेटकर ही नजर आएंगे। जब लोग आपको आपकी पहचान की बजाय आपके किरदार से जानें तो वह बहुत कमाल अनुभव होता है।
Q आपने फिल्म का टाइटल कैसे चुना?
A. ‘चंदू चैम्पियन’ एक फिलॉसफी है। ट्रेलर में एक लाइन है, जब कार्तिक कहते हैं कि मैं हर उस चंदू के लिए लड़ना चाहता हूं जो चैंपियन बन सकता है। कई बार लोगों के सपनों को लेकर जज किया जाता है कुछ लोग हंसते हैं। लेकिन उनमें चैम्पियन बनने की योग्यता होती है और उन्हें कोई रोक नहीं सकता है। यह एक स्पेशल स्टेटमेंट है, जो लोगों को प्रेरित भी करे कि चंदू ही चैम्पियन हैं।