अभिषेक बच्चन और दैविक भगेला ने भोपाल में किया ‘कालिधर लापता’ का खास प्रमोशन
punjabkesari.in Friday, Jun 27, 2025 - 06:46 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। झीलों का शहर, इन दिनों बना यादों, उम्मीदों और स्टार पावर का हॉटस्पॉट! ZEE5 की अपकमिंग फिल्म कालिधर लापता के प्रमोशन के लिए पहुंचे अभिषेक बच्चन, निर्देशिका मधुमिता, और भोपाल के अपने दैविक भगेला – और शहर ने दिल खोलकर स्वागत किया। फिल्म का ट्रेलर पहले ही लोगों के दिलों में हलचल मचा चुका है, और अब जब फिल्म का हिस्सा बनी लोकेशन्स की गलियों में सितारे खुद लौटे, तो भोपाल का हर कोना फिर से जीवंत हो उठा।
भोपाल का बेटा बना बॉलीवुड का नया हीरो
दैविक भगेला, जो कभी भोपाल के थिएटर मंच पर एक्टिंग सीख रहे थे, अब बड़े पर्दे पर अभिषेक बच्चन के साथ नज़र आएंगे। अपने ही शहर में अपनी पहली फिल्म का प्रमोशन करना दैविक के लिए सिर्फ एक इवेंट नहीं, बल्कि एक इमोशनल होमकमिंग था।
सूरज ढला, दीये जले… और पानी पर उभरा 'कालिधर लापता'!
भोपाल के ऊपरी झील पर हुई शाम की एक खास फोटो-सेशन में अभिषेक, दैविक और मधुमिता ने मिलकर जलाए तैरते दीये। जैसे-जैसे दीये पानी पर बहते गए, उन्होंने फिल्म का नाम लिखा—कालिधर लापता। यह सिर्फ एक फोटो ऑप नहीं था, बल्कि फिल्म के थीम को दर्शाने वाला जादुई पल था—छुपी हुई अधूरी ख्वाहिशों की रोशनी में बदलती उम्मीद।
इस मौके पर मौजूद थे डॉ. इलैयाराजा टी (आईएएस), सचिव मुख्यमंत्री और मैनेजिंग डायरेक्टर, मध्यप्रदेश स्टेट टूरिज़्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, जिन्होंने फिल्म को भरपूर समर्थन दिया।
कहानी जो दिल को छू जाए…
Zee Studios और Emmay Entertainment द्वारा निर्मित यह फिल्म एक ऐसे अधेड़ उम्र के आदमी की कहानी है जो मेमोरी लॉस और परिवार की बेरुखी से जूझ रहा है। जब उसे पता चलता है कि उसके अपने भाई-बहन उसे कुम्भ मेले में छोड़ने की साजिश कर रहे हैं, वह खुद ही ‘लापता’ होने का फैसला करता है।
तभी उसकी मुलाक़ात होती है बल्लू (दैविक भगेला) से एक आठ साल का सड़कछाप बच्चा, जो ज़िंदगी से भिड़ना जानता है। फिर शुरू होती है दोनों की जर्नी—बचपन और अधेड़ उम्र के बीच की, अधूरी ख्वाहिशों को पूरा करने की, और रिश्तों को फिर से परिभाषित करने की।
अभिषेक बच्चन बोले: 'यह कहानी दिल से निकली है' 'भोपाल आना मेरे लिए हमेशा खास होता है। यहां सिर्फ शूटिंग नहीं की, बल्कि बचपन की ढेर सारी यादें जुड़ी हैं। कालिधर लापता की शूटिंग ने उन सबको फिर से जगा दिया,” अभिषेक ने कहा। 'झील किनारे दीयों से बना फिल्म का टाइटल—वो लम्हा मेरे दिल के बहुत करीब है। फिल्म भी ऐसी ही है—जो बताती है कि ज़िंदगी के सबसे अंधेरे मोड़ पर भी उम्मीद की रोशनी मिल सकती है।'
निर्देशिका मधुमिता की सोच: “भूले नहीं, धीरे-धीरे खुद को फिर से पाना' 'मैं ऐसी कहानी कहना चाहती थी जो सच्ची लगे, और हर किसी को अपना सा महसूस हो। भोपाल की शांति और अपनापन इस फिल्म में रचा-बसा है। इसमें बड़े-बड़े डायलॉग्स नहीं, छोटे-छोटे पल हैं जो दिल को छू जाते हैं,” मधुमिता ने कहा। दैविक भगेला बोले: 'भोपाल से बॉलीवुड तक का सफरऔर वो भी बच्चन सर के साथ! 'ये मेरी पहली फिल्म है और मेरा पहला प्रमोशन अपने ही शहर में हो रहा है, वो भी अभिषेक बच्चन सर के साथ क्या कहूं, ये किसी सपने से कम नहीं!' दैविक बोले।
“मैंने सिर्फ एक्टिंग ही नहीं सीखी, बल्कि ज़िंदगी के वो सारे सबक सीखे जो स्कूल में नहीं मिलते—दूसरा मौका, अधूरे सपने, और पल में जीने की कला। ये फिल्म मेरा दिल है, और उम्मीद करता हूं कि भोपाल भी इसे उतने ही प्यार से देखे जितना हमने इसे बनाया है।” ZEE5 पर कालिधर लापता 4 जुलाई 2025 से स्ट्रीम होगी। एक अधूरी जर्नी की पूरी तलाश—इस कहानी को मिस मत करना!