प्रकाश पादुकोण का 70वें जन्मदिन: ''पादुकोण स्कूल ऑफ बैडमिंटन'' ने पहले ही साल देशभर में मचाई धूम

punjabkesari.in Tuesday, Jun 10, 2025 - 01:23 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दीपिका पादुकोण द्वारा शुरू और फंड किया गया 'पादुकोण स्कूल ऑफ बैडमिंटन' (PSB), जो पूर्व वर्ल्ड नंबर 1 और ऑल इंग्लैंड चैंपियन प्रकाश पादुकोण की मेंटरशिप में चल रहा है, ने अपने पहले ही साल में एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। इसने भारत के 18 शहरों में 75 से ज्यादा ग्रासरूट कोचिंग सेंटर्स शुरू कर दिए हैं, जिनमें बेंगलुरु, एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, जयपुर, पुणे, नासिक, मैसूर, पानीपत, देहरादून, उदयपुर, कोयंबटूर, सांगली और सूरत शामिल हैं।

"बैडमिंटन फॉर ऑल" के मिशन के साथ PSB अब इस साल के अंत तक 100 सेंटर और अगले तीन सालों में 250 सेंटर तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है।

PSB की फाउंडर दीपिका पादुकोण ने कहा, “एक ऐसे इंसान के तौर पर जिसने बैडमिंटन खेलते हुए बचपन बिताया है, मैं जानती हूं कि ये खेल इंसान की ज़िंदगी को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कितना बदल सकता है। PSB के ज़रिए मेरी कोशिश है कि हम बैडमिंटन की खुशी और अनुशासन को हर तबके तक पहुंचाएं और एक ऐसी पीढ़ी तैयार करें जो सेहतमंद हो, फोकस्ड हो और खेल से प्रेरित हो।”

PSB के मेंटर और सलाहकार प्रकाश पादुकोण ने कहा, “खेल बचपन का एक अहम हिस्सा होता है – ये अनुशासन, जज़्बा और जीतने की सोच सिखाता है, जो सिर्फ कोर्ट तक ही सीमित नहीं रहती। PSB के ज़रिए हमारा मकसद है कि हर किसी को बेहतर और सस्ती कोचिंग मिले, ताकि हम जड़ों से टैलेंट को तैयार करें और भारतीय बैडमिंटन के भविष्य की मजबूत नींव रखें।”

 

 

 

 

 

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PSB का मकसद है कि बैडमिंटन की अच्छी और सस्ती कोचिंग हर किसी तक पहुंचाई जाए, चाहे कोई भी उम्र हो या खेल का अनुभव। प्रकाश पादुकोण की देखरेख में तैयार की गई आसान और एक जैसी ट्रेनिंग के ज़रिए PSB स्कूल के बच्चों से लेकर नौकरीपेशा लोगों तक को इस खेल से जोड़ना चाहता है। इसके साथ ही नए कोचों को सिखाने और उन्हें अच्छा करियर बनाने का मौका भी देना इसका इरादा है।

PSB स्कूलों, संस्थानों और पहले से मौजूद वेन्यूज़ के साथ मिलकर ग्रासरूट अकैडमियां बनाता है, जो आगे चलकर बेंगलुरु के 3 हाई-परफॉर्मेंस सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस में चलने वाले फ्लैगशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम से जुड़ती हैं। अब तक 100 से ज्यादा कोच एक सिस्टमैटिक सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के तहत ट्रेन हो चुके हैं और उन्हें अत्याधुनिक सुविधाएं मिल रही हैं। यही वजह है कि PSB की कोचिंग में क्वॉलिटी और फ्यूचर चैंपियंस को पहचानकर तराशने की ताकत बनी रहती है।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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