वर्ल्ड बुक फेयर ,आखिरी दिन दिखी भारी भीड़

punjabkesari.in Monday, Jan 15, 2018 - 01:13 PM (IST)

नई दिल्ली : प्रगति मैदान में 6-14 जनवरी तक चलने वाले नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के 26 वें संस्करण का रविवार को समापन हो गया। ‘पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन’ की थीम ने मेले में आने वाले लोगों को पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। मेले में सम्मानित अतिथि यूरोपीय संघ रहा। साहित्य के महाकुंभ के आखिरी दिन लगभग 1.5 लाख से दो लाख की संख्या में पाठकों की भारी भीड़ देखी गई। युवाओं ने मेले में किताबों की जमकर खरीददारी की । इस बार मेले में 1500 से ज्यादा स्थानीय और 40 विदेशी प्रकाशकों ने हिस्सा लिया। मेले में हर वर्ग के लिए किताबें उपलब्ध थीं। मेले में इस बार हिंदी  अंग्रेजी के अलावा देश की बांग्ला, उडिय़ा, पंजाबी, कन्नड़, संस्कृत, उर्दू, तमिल, तेलगू, सिंधी, मराठी, गुजराती, असमिया व मैथिली सहित सभी भाषाओं में पुस्तकें पाठकों के लिए उपलब्ध रहीं। मेले में धार्मिक, ज्योतिष, तकनीक, फिल्मी, राजनीति, साहित्यिक गद्य-पद्य व काव्य आदि हर विषय के लिए पुस्तकों को स्टॉल पर सजाया गया था। लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के 50 से अधिक मेट्रो स्टेशनों पर मेले के टिकट बेचे गए।


किताबों की जमकर हुई खरीददारी 
इस बार मेले में 1500 से ज्यादा स्थानीय और 40 विदेशी प्रकाशकों ने हिस्सा लिया। मेले में हर वर्ग के लिए किताबें उपलब्ध थीं। मेले में इस बार हिंदी  अंग्रेजी के अलावा देश की बांग्ला, उडिय़ा, पंजाबी, कन्नड़, संस्कृत, उर्दू, तमिल, तेलगू, सिंधी, मराठी, गुजराती, असमिया व मैथिली सहित सभी भाषाओं में पुस्तकें पाठकों के लिए उपलब्ध रहीं। मेले में धार्मिक, ज्योतिष, तकनीक, फिल्मी, राजनीति, साहित्यिक गद्य-पद्य व काव्य आदि हर विषय के लिए पुस्तकों को स्टॉल पर सजाया गया था। लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के 50 से अधिक मेट्रो स्टेशनों पर मेले के टिकट बेचे गए।

आखिरी दिन ये रहा खास 
हॉल नंबर-7 में ही यूरोपीय संघ के सदस्य देशों का विशेष मंडप भी लगाया गया था। मेले में थीम आधारित एक कैलेंडर का भी विमोचन किया गया। पुस्तक मेले में लेखक राजीव रंजन प्रसाद की किताब ‘प्रगतिशील कृषि के स्वर्णकार’ पर चर्चा भी की गई।

हॉल नंबर-8 में कुशाभााऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय एवं नील नारायण प्रकाशन की ओर से ‘मूल्यानुगत मीडिया-समय की आवश्यकता’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें भारतीय जनसंचार विश्वविद्यालय के निदेशक केजी सुरेश, लोकसभा टीवी से डॉ. आशीष जोशी, आनंद पांडेय व डॉ. सच्चिदानंद जोशी और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा आदि मौजूद रहे। 

थीम मंडप में पर्यावरण पर केंद्रित गुजराती सांस्कृतिक गीत व नृत्य नाटिका आयोजित की गई।

हॉल नंबर-12 ए में सिंधी साहित्यकार विषय पर सिंधी भाषा साहित्य परिचर्चा आयोजित की गई। जिसमें अनंत विजय मौजूद रहे।

हंसध्वनि थिएटर में संगीत व नाटक प्रभाग द्वारा संस्कृति उत्सव में गायन व नृत्य प्रस्तुतिकरण कार्यक्रम किया गया। गायिका शर्मिला पांडेय ने अपने भोजपुरी शैली के गायन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
 


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