UPSC Pre 2019: इतिहास और अर्थशास्त्र रहा कठिन, छात्रों को आई परेशानी

punjabkesari.in Monday, Jun 03, 2019 - 10:47 AM (IST)

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा देश के 72 शहरों में दो शिफ्टों (सुबह और दोपहर) में आयोजित कराए गए प्रीलिम्स के पेपरों में तकरीबन 10 लाख छात्रों ने भाग लिया। आयोग ने स्थानीय प्रशासन से मिलकर हर सेंटर पर कड़ी निगरानी के बीच परीक्षा संपन्न करवाई। दिल्ली में यूपीएससी सिविल सर्विस प्रीलिम्स का पेपर देकर एग्जाम सेंटर से बाहर आई अर्चना ने कहा कि इतिहास का सेक्शन काफी कठिन था।

अर्थशास्त्र में मनी मल्टी प्लायर और गरीबी रेखा पर जो सवाल थे उनमें तो छात्र को गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के पूरे आंकड़ों आदि की पूरी जानकारी होनी चाहिए थी। अगर देखा जाए तो इतिहास और अर्थशास्त्र से करंट अफेयर का सेक्शन सरल रहा। एक अन्य अभ्यर्थी राहुल ने कहा कि जीएस का पहला पेपर न ज्यादा सरल और न ज्यादा कठिन मध्यम रहा। जिसमें इतिहास और इकोनॉमिक्स के सवालों को हल करना मुश्किल हो रहा था। छात्र ने कहा कि पहले पेपर में 55 नंबर ही आ पाएंगे।

दूसरे पेपर सीसैट पर राहुल ने कहा कि पेपर-1 से पेपर-2 सरल रहा। सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करा रहे खान ने कहा कि पिछले 5 सालों में यह पेपर सबसे कठिन रहा जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। पोलिटी को छोड़कर हर सेक्शन कठिन रहा। इतिहास और इकोनॉमिक्स के सवाल कठिनता के इस स्तर के आएंगे ऐसा किसी ने सोचा नहीं था।

जनरल स्टडी का एक सेक्शन भी बेहद कठिन था। एक अन्य एक्सपर्ट ने कहा कि इस साल भी संघ लोक सेवा आयोग ने अनप्रिडिक्टेबल सर्विस कमीशन के रूप में अपना रुतबा बरकरार रखा। जनरल स्टडी के पहले पेपर में 50 से ज्यादा सवाल करंट अफेयर, ज्योग्रॉफी और पर्यावरण से पूछे गए थे। तैयारी के समय सामान्यता लोगों का ध्यान पोलिटी पर रहता है लेकिन पोलिटी पेपर के अन्य भागों से सरल थी। इतिहास और इकोनॉमिक्स के सवालों ने अभ्यर्थियों को जरूर सोचने पर मजबूर कर दिया होगा।

बता दें इस एग्जाम की तैयारी में देश के लाखों युवा अपनी जिंदगी के कई साल बिता देते हैं। क्योंकि सिविल सर्विसेज में सफलता की दर 0.2 फीसद है। दरअसल यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा सिर्फ एक स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में लेता है। इस परीक्षा से जो अभ्यर्थी मेन्स एग्जाम देने योग्य होते हैं आयोग उनको मेन्स के लिए चयनित कर लेता है। लेकिन इस परीक्षा के नंबर मेन्स के साथ नहीं जोड़े जाते न ही इस परीक्षा के अंक उम्मीदवार की योग्यता के अंतिम क्रम को निर्धारित करते हैं। क्योंकि यह परीक्षा सिर्फ मेन्स के लिए सही अभ्यर्थियों को चुनने के लिए आयोजित होती है।


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Riya bawa

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