स्नातक की अंतिम वर्ष परीक्षाओं को लेकर टेंशन में छात्र, एग्जाम होगें या नहीं?

punjabkesari.in Sunday, Jul 12, 2020 - 10:53 AM (IST)

नई दिल्ली- देशभर में परीक्षाएं आयोजित करवाने को लेकर बहुत सी चर्चाएं हो रही है। लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाने का फैसला ले लिया है। यूजीसी के मुताबिक सितंबर तक स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा अनिवार्य है। लेकिन महाराष्ट्र समेत बहुत से राज्य हैं जो परीक्षाओं करवाने के लिए तैयार नहीं है। बहुत से राज्यों में बिना परीक्षा के ही छात्रों को उत्तीर्ण घोषित करने का फैसला ले लिया गया है। जबकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्पष्ट तौर पर सितंबर महीने में परीक्षा कराने का फैसला किया है।

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वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार आमने-सामने है। पहले यूजीसी ने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर की परीक्षा रद्द न करने का फैसला लिया है। लेकिन अब यूजीसी की ओर से जारी निर्देश में फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं जो जुलाई के महीने में होनी थीं, अब सितंबर, 2020 के अंत तक आयोजित की जाएंगी।

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ये है जरुरी दिशानिर्देश 
#इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर होगा।
#टर्मिनल सेमेस्टर/ फाइनल ईयर के छात्रों का मूल्यांकन परीक्षा के माध्यम से ही होगा। ये परीक्षा पहले जुलाई में होनी थी, जो अब सितंबर में होगी।
#फाइनल ईयर/सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन ऑफ लाइन/ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर ही किया जाना चाहिए।
#बाकी परीक्षाएं जैसे, बीए प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष/प्रथम सेमेस्टर या द्वितीय सेमेस्टर के लिए 29 अप्रैल, 2020 को यूजीसी की ओर से जारी की गई गाइडलाइन्स ही मान्य होंगी।

जानिए छात्रों के एग्जाम के लेकर बयान
तारीख आगे बढ़ाए जाने को लेकर कई विश्वविद्यालयों के छात्र और छात्र संगठन अपनी चिंता ज़ाहिर कर रहे हैं। बहुत से छात्र प्रमोट करने और कई ऑनलाइन परीक्षाएं तो कई स्टूडेंट्स परीक्षाएं रद्द करने के लिए कह रहे है। 

आइए जानते है परीक्षाओं के लेकर क्या है इनके विचार----

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-"यूजीसी ने इस फैसले पर एक का कहना है कि अगर किसी छात्र को प्रमोट किया जाता है तो उसकी डिग्री पर मास प्रमोटेड लिखा रहे तो वह जीवनभर के लिए हो जाएगा। इससे आगे नौकरी या हायर एजुकेशन में भी समस्या होगी।अभिवावकों के लिए भी यह ठीक नहीं होगा। दूर-दराज से आने वाले स्टूडेंट्स अगर मेहनत करते हैं तो उन्हें एग्जाम देने का मौका दिया जाना चाहिए।"

"जो छात्र हॉस्टल में रहते है ओर वह सब घर गए है उनका कहना है कि हमारी किताबें और स्टडी मटेरियल तो हॉस्टल में ही हैं। हमने पीडीएफ से जो भी पढ़ाई की है उसके सहारे एग्जाम देना संभव ही नहीं है और बीएचयू में एंट्रेस एग्जाम अगस्त में होना है जबकि नई गाइडलाइन के मुताबिक, सेमेस्टर एग्जाम सितंबर में होगा यह तो सुनने में ही अजीब लग रहा है, ऑफलाईन जा कर दे पाना कैसे पॉसिबल हो पाएगा? "

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"फाइनल सेमेस्टर के स्टूडेंट्स से प्रमोट करने के नाम पर 8 से 10 असाइनमेंट लिए गए हैं। कई कोर्सेज में तो सब्जेक्ट के यूनिट का भी। अब जब यूनिट वाइज़ स्टूडेंट्स ने असाइनमेंट दिया है इसके बाद यूजीसी का यह फैसला बिना लॉजिक का है। यूजीसी का कहना है कि ऑफलाईन भी एग्जाम ले सकते हैं। ऐसे में जो छात्र देश के दूसरे हिस्सों से पढ़ने आते हैं उनका क्या? "


 


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Author

Riya bawa

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