JEE Main और Board Exams की साथ-साथ करें तैयारी,ये हैं मूल मंत्र

punjabkesari.in Tuesday, Dec 18, 2018 - 02:44 PM (IST)

नई दिल्लीः जीवन की हर राह पर सफलता के लिए समय की कद्र करना और समय का बेहतर प्रबंधन करना जरूरी होता है। प्रतियोगी परीक्षा में सफलता का आधार ही बेहतर टाइम मैनेजमेंट को माना जाता है। जो छात्र समय का सही इस्तेमाल करना सीख जाते हैं, उनकी सफलता की संभावना भी काफी तक बढ़ जाती है। और, 12वीं की पढ़ाई के साथ जेईई की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए तो यह करना अनिवार्य है। समय की कमी इन छात्रों की आम समस्या होती है। कम समय में ज्यादा  प्रश्नों को सही हल करने का अभ्यास करना ही परीक्षा में  सफलता को सुनिश्चित करता है। 
 
बेहतर टाइम मैनेजमेंट की मदद से न सिर्फ आप तीनों विषय फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स को बराबर समय दे पाएंगे, बल्कि बोर्ड परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ रिवीजन के लिए पर्याप्त समय भी निकाल पाएंगे। सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि परीक्षा से ठीक पहले स्टूडेंट पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं रहता। कोर्स पूरा करने की चिंता उसे नहीं करनी पड़ती, बल्कि वह झटपट रिवीजन के काम में लग सकता है। आत्मविश्वास रहता है कि तैयारी सही चल रही है। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र के लिए तैयारी के दौरान यह सकारात्मक सोच होना बेहद जरूरी होती है। जेईई की बेहतर तैयारी के लिए कैसे समय प्रबंधन में महारत हासिल करें, आइए जानें: 

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तैयार कीजिए स्टडी प्लान
किसी भी चीज में सफलता प्राप्त करने के लिए स्मार्ट तरीके से काम करने की जरूरत होती है। आप दिन में 10 घंटे पढ़ते हों, पर उस पढ़ाई की अगर कोई रूपरेखा न हो, तो संभव है कि उस पढ़ाई से आपको बहुत फायदा भी न हो। जो लोग स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करते हैं, वे कम घंटे पढ़ाई करके भी न सिर्फ ज्यादा पाठ्यक्रम पूरा कर लेते हैं, बल्कि अपनी उस पढ़ाई से संतुष्ट भी होते हैं। जेईई की सही तैयारी स्टडी प्लान बनाए बिना संभव नहीं। 

 

अपने स्टडी प्लान में ब्रेक को जरूर शामिल करें। जेईई जैसी परीक्षा के लिए लंबे समय तक ऊर्जा और लगन की जरूरत होती है। नियमित अंतराल पर ब्रेक लेकर आप अपनी ऊर्जा के स्तर को लंबे वक्त के लिए बरकरार रख सकते हैं। पर, ब्रेक के दौरान ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं करें, जिससे दिमाग पर दबाव पड़े। दिमाग थकने लगे। पढ़ाई के दौरान ब्रेक का मलतब ही मस्तिष्क को आराम देना होता है।  

 

तय करें प्राथमिकता
जेईई के कोर्स की तैयारी प्राथमिकता के आधार पर करें। मसलन, जो विषय आपको सबसे ज्यादा मुश्किल लगता है, उसे सबसे पहले पूरा करें और उसे सबसे ज्यादा वक्त दें। जिन विषयों या चैप्टर पर आपकी पकड़ मजबूत है, उसे कम वक्त दें। तैयारी की यह प्राथमिकता सूची आपको हर माह तैयार करनी होगी और अपनी तैयारी की स्पीड के अनुरूप उसमें बदलाव लाने होंगे। अपनी यह लिस्ट तैयार करते वक्त आपको इस बात को भी ध्यान में रखना होगा कि आप खुद पर कोर्स जल्दी-से-जल्दी पूरा करने का ज्यादा दबाव न दे रहे हों।

 

जेईई की तैयारी के दौरान भेदभाव करने से बचें। हर स्टूडेंट का अपना कोई-न-कोई पसंदीदा विषय होता है, जिसे वह स्टूडेंट घंटों तक लगातार पढ़ सकता है। अगर आप भी ऐसा ही करते हैं, तो अपनी इस आदत पर अभी तुरंत लगाम  लगाएं। सच्चाई तो यह है कि जो विषय आपको कम पसंद हैं, उन्हें आपके ज्यादा वक्त और लगन की जरूरत है, क्योंकि जेईई में सफलता और अच्छे रैंक के लिए आपको तीनों ही विषयों में अच्छे नंबर लाने की जरूरत होगी। फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स तीनों ही विषयों की तैयारी को हर दिन पर्याप्त वक्त दें। हां, यह जरूरी है कि जिस विषय पर आपकी पकड़ थोड़ी कम है, उसे आपको दूसरे विषयों की तुलना में ज्यादा वक्त देना होगा।

 
किसी भी काम में सफलता के लिए जितना जरूरी योजना बनाना है, उतना ही जरूरी है उस योजना पर टिके रहना और उसे अमली जामा पहनाना। जेईई में अच्छे रैंक लाकर देश के टॉप इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई का सपना पूरा करने के लिए आपको भी अपने स्टडी प्लान पर टिके रहने और सही वक्त में उसे पूरा करने की जरूरत है। इस बात को ध्यान में रखें कि स्टडी प्लान में थोड़ा-सा फेरबदल करने से तय समय पर कोर्स पूरा करने की आपकी सारी योजना यूं ही बेकार चली जाएगी।   

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स्मार्ट तरीके से करें पढ़ाई
अगर आप उन लोगों में से हैं, जो जेईई के पुराने प्रश्नपत्र के मुश्किल सवालों को भी हल कर लेते हैं, तो आपको खुद पर गर्व होना चाहिए। लेकिन, तैयारी के दौरान अगर 10-12 मिनट तक कोशिश करने पर भी किसी सवाल का हल नहीं मिल रहा है, तो उसे हल करने और वक्त बर्बाद करने की गलती न करें। चतुर छात्र वही होते हैं, जिन्हें मालूम होता कि कौन-से सवाल को हल करने में उन्हें ज्यादा समय लग जाएगा।  

 

हालांकि कुछ स्टूडेंट्स की आदत होती है कि जो सवाल उन्हें मुश्किल लगते हैं, वे भविष्य में भी उसका हल तलाशने की कोशिश नहीं करते। ऐसी गलती करने से बचें। एक अच्छा विद्यार्थी वह होता है, जो मुश्किल सवालों का सम्मान करना जानता है और उसे एक चुनौती के रूप में लेता है। यूं भी अच्छे संस्थान में अपनी सीट पक्की करनी है तो आपको आसान और मुश्किल दोनों तरह के सवाल हल करने होंगे। 

खूब अभ्यास करें 
तैयारी के दौरान हर प्रश्न पर लगने वाले समय पर गौर करें। इसके लिए मॉक टेस्ट का अभ्यास करें। आप घड़ी में समय-सीमा निर्धारित करके प्रश्नपत्र हल करें। आपके सामने धीरे-धीरे स्वयं ही यह खुलता जाएगा कि किस सेक्शन में आपको अधिक समय लगता है और किसमें नहीं।        

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ये भी आजमाएं

- तैयारी के दौरान एक अलग नोटबुक में नोट्स लिखते जाएं। इसका फायदा परीक्षा से ठीक पहले झटपट रिवीजन करते वक्त आपको मिलेगा।
-  इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि जेईई की तैयारी के साथ-साथ आपको अपनी बारहवीं की परीक्षा की तैयारी पर भी पूरा ध्यान देना है। एनसीईआरटी का अपना पाठ्यक्रम जल्द-से-जल्द पूरा कर लें, ताकि अधिक से अधिक अतिरिक्त प्रश्नों को हल करने का समय मिल सके, बोर्ड परीक्षा और जेईई दोनों के लिहाज से अपनी रिवीजन कर सकें। ऐसा न करने पर अंतिम दिनों में दबाव बढ़ता चला जाएगा। 
- जब प्री-बोर्ड नजदीक आ जाए, तो उससे 15-20 दिन पहले से हर दिन तीन-चार घंटे का वक्त प्री-बोर्ड की तैयारियों को देना शुरू कर दें। इससे आपकी जेईई की तैयारी पर भी नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा और आप प्री-बोर्ड में भी अच्छे नंबर ला पाएंगे। 
- किसी सवाल का सही जवाब तलाशने के कई तरीके होते हैं। प्रतियोगी परीक्षा में सफल वही लोग होते हैं, जो वहां तक पहुंचने का शॉर्टकट तलाश लेते हैं।  
-आने वाले कुछ माह तक टीवी, फेसबुक आदि से पूरी तरह से दूरी बना लें। यह सच है कि 
पढ़ाई के दौरान ब्रेक जरूरी है, पर ब्रेक का यह समय फेसबुक, इंस्टाग्राम व ट्विटर आदि पर बिताने से आपका किसी भी तरह का भला नहीं होने वाला। 
- ब्रेक का मलतब फिर से पढ़ाई करने के लिए खुद को ऊर्जा से भर देना होना चाहिए। इस दौरान दोस्तों या परिवार वालों से पीसीएम के अलावा किसी अन्य विषय पर बातें करें। थोड़ा टहल लें। एक झपकी ले लें या फिर कोई आउटडोर गेम खेल लें।


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Sonia Goswami

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