इस स्कूल में शुक्रवार होता है साप्ताहिक अवकाश

punjabkesari.in Saturday, Jul 21, 2018 - 04:00 PM (IST)

देवरियाः उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक परिषदीय सरकारी स्कूल में साप्ताहिक अवकाश रविवार की बजाय शुक्रवार को होना पाया गया है।  सलेमपुर के खंड शिक्षा अधिकारी ज्ञानचंद मिश्र को सूचना मिली थी कि प्राथमिक स्कूल नवलपुर में तैनात प्रधानाध्यापक शुक्रवार को स्कूल बंद रखते हैं। इसकी जांच के लिए उन्होंने एबीआरसी देवी शरण सिंह और एनपीआरसी हरेंद्र द्विवेदी को कल विद्यालय भेजा। दोनों अधिकारियों को स्कूल बंद मिला। यही नहीं स्कूल की इमारत पर प्राथमिक विद्यालय नवलपुर की जगह इस्लामिया प्राइमरी स्कूल नवलपुर लिखा हुआ पाया गया।  शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल के प्रधानाध्यापक खुर्शीद अहमद को फोन कर सभी पत्रावलियों के साथ बीआरसी पर बुलाया। पत्रावलियों की जांच में पाया गया कि सालों से यह विद्यालय शुक्रवार को बंद रहता है जबकि रविवार को खोला जाता है। 
 
जुमे के दिन बंद रहता है विद्यालय 

मिड डे मील एमडीएम रजिस्टर की जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है।  सूत्रों के अनुसार इस स्कूल में पंजीकृत 91 छात्रों में से करीब 95 फीसदी मुस्लिम समुदाय के हैं, इसलिए जुमे को विद्यालय बंद कर रविवार को खोलते हैं। प्रधानाध्यापक ने यह भी दावा किया कि वह 2008 में इस विद्यालय पर आए उसके पहले से ही यहां यह परंपरा चली आ रही है। 

 

इस सबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव पांडे ने कहा कि प्रधानाध्यापक ने विद्यालय की स्थापना के समय से ही इस तरह की परंपरा की बात कही है। पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। स्कूल में कुल पांच शिक्षक तैनात हैं। इसमें प्रधानाध्यापक के अलावा सहायक अध्यापक बदरुद्दीन अंसारी, शबनम आरा, शिक्षामित्र शायराबानो और शकीला खातून शामिल हैं।  

 

सूत्रों ने बताया कि इस स्कूल पर तमाम जरूरी पत्राचार भी आपस में उर्दू में ही किए गए हैं, जबकि परिषदीय स्कूल में हिन्दी माध्यम के अलावा सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से ही संचालित हो सकता है। सूत्रों की मानें तो विद्यालय से एक मुहर भी प्राप्त हुई जो प्राथमिक विद्यालय नवलपुर की जगह इस्लामिया प्राइमरी स्कूल नवलपुर के नाम से बनी है। हालांकि खंड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि विभागीय पत्राचार में विद्यालय का नाम प्राथमिक विद्यालय नवलपुर ही दर्शाया जाता रहा है। यही नहीं स्कूल से टीसी भी हिन्दी में ही जारी होती रही है।   

 

उन्होंने बताया कि स्कूल को जुमे के दिन बंद रखने की परंपरा कम से कम पिछले 10 वर्षों से चली आ रही है। हैरत की बात यह है कि मिड डे मिल योजना के तहत प्रत्येक दिन एमडीएम की रिपोर्ट आईवीआरएस पर भेजी जाती है लेकिन इसके बाद भी शुक्रवार को इस स्कूल की संख्या लगातार शून्य की रिपोर्ट के बाद भी शिक्षा अधिकारी जग नहीं सके।    

 


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Sonia Goswami

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