सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द, अब नए सिरे से की जाएगी बहाली

punjabkesari.in Saturday, Nov 10, 2018 - 02:22 PM (IST)

पटना  : राज्य में सिपाही के 11865 पदों पर होने वाली बहाली को शुक्रवार को रद्द कर दिया गया। गृह विभाग ने परीक्षा रद्द करने की सिफारिश की थी जिसे केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने परीक्षा रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती)  द्वारा सिपाही व अग्निशमन सेवा में  इन 11865 पदों के लिए 25 नवंबर और दो दिसंबर को लिखित परीक्षा की तैयारी की जा चुकी थी। 
 
29 अक्टूबर  को  आठ लाख से अधिक अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र भी जारी कर दिए गए थे। अब यह भर्ती नए सिरे से होगी। इसके लिए दोबारा विज्ञापन निकाला जाएगा। परीक्षा रद्द करने की जानकारी पर्षद की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी गई है। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती)  ने 25 मई, 2018 को बिहार पुलिस, बिहार सैन्य पुलिस विशेषीकृत  इंडिया रिजर्व वाहिनी, बिहार राज्य औद्योगिक सुरक्षा वाहिनी एवं पुलिस की अन्य इकाइयों में सिपाही पद (वेतनमान 5200 -20200 पीबी 1, ग्रेड पे 2000 छठा वेतन आयोग के अनुसार ) में 9900 तथा समान वेतनमान में बिहार अग्निशमन सेवा में फायरमैन पद में 1965 रिक्तियों के लिए विज्ञापन (संख्या 2/2018) जारी किया था।
 
सिपाही आौर फायरमैन के लिए आवेदन की प्रक्रिया संयुक्त रूप से  28 मई 2018 से प्रारंभ हुई थी। इन पदों के लिए शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट रखी गई थी। न्यूनतम आयु 18 तथा अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष थी। आरक्षण वर्ग को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी गई थी। 23 अक्टूबर 2018 को इसका लिखित परीक्षा का कार्यक्रम जारी कर दिया गया।
 
दो पाली की  परीक्षा 25 नवंबर को सुबह नौ से 12 और दोपहर दो बजे से चार बजे संपन्न होनी थी। दो दिसंबर को तीसरी पाली की परीक्षा 10 से 12 बजे  होनी थी। 31 अक्टूबर को उन आवेदकों की सूची भी चयन पर्षद की वेबसाइट पर अपलोड कर दी  गई जिनके आवेदन खारिज कर दिए थे। इनकी संख्या 14 हजार से अधिक है।
 
आवेदकों को लेकर होगा विचार 
सिपाही बहाली की प्रक्रिया रद्द करने से आठ लाख से अधिक युवाओं के अरमानों पर पानी फिर गया है। वह महीनों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। फार्म भरने में ही हजारों रुपए खर्च हो गए। सूत्रों के अनुसार सिपाही के 9900 तथा फायरमैन के 1965 पदों के लिए जब भी आवेदन मांगे जाएंगे। इन आवेदकों को कुछ राहत मिल सकती है। चयन पर्षद पात्र आवेदकों से आवेदन शुल्क न ले अथवा राहत देने का कोई अन्य रास्ता  भी निकाल सकती है।
 
 


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Sonia Goswami

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