उत्तरप्रदेश  में स्कूल चलो अभियान को झटका

punjabkesari.in Monday, Oct 09, 2017 - 02:46 PM (IST)

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों से स्कूलों में विद्यार्थियों के नामांकन में आ रही गिरावट से स्कूल चलो अभियान को तगड़ा झटका लगा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गत एक जुलाई से 31 अगस्त तक चलाये गये स्कूल चलो अभियान के तहत प्रदेश के बेसिक परिषद के 1,58,873 विद्यालयों में 1,53,85,541 बच्चों ने प्रवेश लिया। वर्ष 2013 -14 के दौरान कक्षा एक से आठ तक के परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश लेनेे वाले बच्चों की संख्या 1,70,26,990 थी। प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गयी। वर्ष 2016 -17 में यह संख्या 1,52,31,258 तक पहुंच गयी लेकिन इस चालू वर्ष में मामूली वृद्धि दर्ज की गयी।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ, गोरखपुर, तथा हापुड़ में स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ किया। आकड़ों के अनुसार वर्ष 2014-15 में 1,67,48,689 बच्चों ने तथा वर्ष 2015-16 मे 1,62,75,768 बच्चों ने विद्यालयों में प्रवेश लिया था

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस अभियान को तेज करने के आदेश दिये है। प्रदेश सरकार‘स्कूल चलो’अभियान को अमली जामा पहनाने के लिये हर मुमकिन कोशिश में लगी है। राजकीय, सहायता प्राप्त इण्टर कॉलेज, सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल तथा परिषदीय स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराती है। अध्यनरत सभी बच्चों को प्रतिवर्ष दो सेट में यूनिफार्म दी जाती है। इससे प्रदेश के 1.52 करोड़ बच्चे लाभन्वित होंगे। उन्होने बताया कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को नि:शुल्क बैग तथा जूता, मोजा उपलब्ध कराये जा रहे है। परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश कराये जाने के लिये हर साल घर- घर जाकर सर्वे के माध्यम से स्कूल न जाने वाले बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है। वर्ष 2017-18 के दौरान अभीतक 27,695 बच्चों को चिन्हित कराकर इसमें से 23,475 बच्चों का नामांकन कराया गया है। 

सत्रों ने बताया कि परिषदीय प्राथिमक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 5.63 लाख अध्यापक कार्यरत है। कुछ विद्यालयों में एक तथा कही कही पर दो अध्यापक तैनात है। शिक्षको की तैनाती के लिये पारदर्शी व्यवस्था की गयी है। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत सभी अध्यापकों का डेटा डिजिटल कराया जा रहा है जिससे प्रदेश में कार्यरत सभी अध्यापकों की जारकारी प्राप्त की जा सके। अब तक 5,13,7388 अध्यापको का डेटा डिजिटल कराये गये है। 


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