केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भरे जाएंगे 6000 से अधिक पद, शिक्षा मंत्री प्रधान ने दिए निर्देश
punjabkesari.in Saturday, Sep 04, 2021 - 01:39 PM (IST)

एजुकेशन डेस्क: शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शुक्रवार को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्गो, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों आदि के 6,229 रिक्त पदों को अक्टूबर तक अभियान चलाकर भरने की आवश्यकता पर बल दिया और इसके लिए संबंधित कुलपतियों से अगले सप्ताह विज्ञापन जारी करने को कहा। प्रधान ने 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ डिजिटल माध्यम से बैठक में यह बात कही। इसमें शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, यूजीसी के चेयरमैन प्रो डी पी सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
Union Education Minister Dharmendra Pradhan, while chairing a meeting of VCs of central universities today, encouraged the universities to work on a mission mode to fill up the 6,000 vacant posts by October 2021: Eduction Ministry pic.twitter.com/GR2E3Dhste
— ANI (@ANI) September 3, 2021
रिक्त पदों का विवरण
प्रधान ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्तियों को भरा जाना एक महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा, ‘‘अक्टूबर, 2021 तक करीब 6,000 रिक्त पदों को भरने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय मिशन मोड पर काम करेंगे।'' उन्होंने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में कुल 6,229 पद रिक्त हैं, जिसमें अनुसूचित जाति के 1,012 पद, अनुसूचित जाति के 592, अन्य पिछड़ा वर्ग के 1,767 , आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 805, दिव्यांग श्रेणी के 350 तथा अन्य सामान्य वर्ग के पद रिक्त हैं।
अगले सप्ताह नोटिफिकेशन आ जानी चाहिए
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सितंबर महीना महत्वपूर्ण है। इस महीने में शिक्षक पर्व मनाया जायेगा। पांच सितंबर को राष्ट्रपति और सात सितंबर को प्रधानमंत्री का संबोधन होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस अवसर पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्तियों को अभियान के रूप में भरने की दिशा में कार्य करें। सितंबर, अक्टूबर महीने में इन छह हजार से अधिक रिक्तियों को भरें।'' प्रधान ने कहा, ‘‘ सभी रिक्तियों के संबंध में अगले सप्ताह विज्ञापन आ जाने चाहिए, तभी इस अभियान को पूरा किया जा सकेगा।''
प्रधान ने 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, खुली और ऑनलाइन शिक्षा, अकादमिक सत्र 2021-22 की शुरूआत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के शिक्षकों की बची हुई रिक्तियों को भरने एवं आजादी का अमृत महोत्सव जैसे विषयों पर चर्चा की।