न हाथ न पैर, फिर भी बने करोड़ों लोगों के ''रोल मॉडल''

punjabkesari.in Monday, Feb 20, 2017 - 02:56 PM (IST)

नई दिल्ली : हिम्मत और काम के प्रति लगन और ऊंची बुलंदियों को हासिल करने का जज्बा आदमी को काबिल इंसान बना देता है। दुनिया में ऐसे कई लोग है जिनके पास सब कुछ़ है पर व फिर भी कुछ नहीं कर पाते, कुछ़ ऐसे भी है जिनके पास कुछ़ नहीं पर व ऊंचे मुकाम को हासिल करना चाहते है। कई ऐसे भी है जो किसी घटना का शिकार होकर अपना हाथ पांव खो बैठते है तो कई बचपन से ही अपंग पैदा होते है, अपंग होकर भी व अपना हौसला नहीं हारते और कुछ ऐसा कर जाते है जो लोगों के लिए मोटिवेशन बन जाते हैं।

निक ने की कई देशों की यात्रा
जानकारी के मुताबिक, निकोलस वुजिसिक एक 34 वर्षीय सफल प्रेरक वक्ता हैं जिनके जन्म से ही हाथ-पैर नहीं हैं। कई डॉक्टर भी उनके इस विकार को सुधारने में असफल रहे। जन्म से ही ऐसा जीवन बिताना उनके लिए चुनौतियों भरा रहा। कई बार कुछ प्रश्न भी अक्सर उन्हें परेशान किया करते थे, क्या उनके जीवन कोई उद्देश्य भी है या नहीं। लेकिन उन्होंने कभी इस जीवन से हार नही मानी और हमेशा आम लोगों की तरह जिंदगी को जीने की कोशिश करते रहे। दरअसल, 19 साल की आयु में उन्होंने अपना पहला भाषण दिया। अब तक निक कई देशों की यात्रा कर चुके हैं और अपनी प्रेरणादायी बातों से लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। विश्वभर में आज निक के करोड़ों अनुयायी हैं, जो उन्हें देखकर प्रेरित होते हैं।

निक को मिले कई पुरस्कार
बताया जा रहा है कि 2007 में निक ने ऑस्ट्रेलिया से दक्षिण कैलिफोर्निया की लंबी यात्रा की, जहां वे, लाइफ विथआउट लिम्बस के अध्यक्ष बने। अपनी इस बहादुरी के लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलियन यंग सिटीजन अवार्ड भी जीता।  उन्हें कई पुरस्कार भी मिले है। आज वे एक लेखक, संगीतकार, कलाकार हैं और साथ ही फिशिंग, पेंटिंग और स्विमिंग का भी शौक रखते हैं। वे सामान्य व्यक्ति की ही तरह गोल्फ और फुटबॉल खेलते हैं, तैराकी और सर्फिंग करते हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा प्रभावित करने वाली बात यह है कि उनका जीवन के प्रति नजरिया और खुशी दुनिया को जिंदगी जीने का तरीका सिखा रही है।


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