फर्जी डिग्री लेकर वकालत करने वाले वकीलों की अब खैर नहीं

punjabkesari.in Sunday, Mar 26, 2017 - 10:36 AM (IST)

नई दिल्ली : राज्य में फर्जी डिग्री लेकर वकालत करने वाले वकीलों की अब खैर नहीं है। बता दें कि लॉ कमिशन ने ऐडवोकेट ऐक्ट,1961 में बदलाव के लिए सिफारिशें की हैं। इसके जरिए फर्जी डिग्री के आधार पर प्रैक्टिस करने वाले वकीलों पर लगाम लगाने का भी प्रावधान है। लॉ की फर्जी डिग्री या फिर बिना डिग्री के वकालत करने वाले लोगों पर लगाम के लिए बार काउंसिल से प्रावधान करने के लिए कहा है।बता दें कि लॉ कमिशन ने लॉ मिनिस्ट्री को भेजी अपनी सिफारिशों में फर्जी डिग्री के आधार पर काम करने वाले वकीलों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने सिफारिशें की है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया वकीलों के सर्टिफिकेट के वेरिफिकेशन के लिए रूल बनाए और ये समय-समय पर हो। इतना ही नहीं साथ ही वकीलों के लिए डेटा बेस्ड वेब पोर्टल बनाया जाए।

प्री एनरोलमेंट ट्रेनिंग की व्यवस्था
ग्लोबलाइजेशन को देखते हुए लीगल एजुकेशन को स्ट्रक्चर्ड किए जाने की भी सिफारिश की गई है। नए लॉ ग्रैजुएट के लिए प्री एनरोलमेंट ट्रेनिंग की जरूरत पर जोर दिया है। कमिशन ने कहा है कि कई बार मिला है कि नए लॉ ग्रेजुएट कोर्ट में पेश हो जाते हैं और निचली अदालत में कई बार इसको लेकर परेशानी दिखती है। लिटिगेंट जब वकील को अपने केस के लिए रखते हैं तो कई बार वकील नए लॉ ग्रेजुएट को भेज देते हैं। ऐसे में ये जरूरी है कि इनके लिए पंजीकरण से पहले ट्रेनिंग हो।

मिस कंडक्ट को परिभाषित किया जाए
कमिशन ने साथ ही मिस कंडक्ट को परिभाषित करने की भी सिफारिश की है। इसके अलावा रेग्युलेटरी मैकेनिजम को भी रिव्यू करने की जरूरत है। इसके तहत कहा गया है कि जब तक परिस्थितियां मजबूर न करे तब तक वकीलों का कामकाज से बहिष्कार नहीं होना चाहिए। संबंधित राज्य बार काउंसिल के अप्रूवल के बाद एक दिन का सांकेतिक हड़ताल हो सकता है। दरअसल, वकीलों के लिए ऐडवोकेट ग्रिवांस रेड्रेसल कमिटी बनाए जाने की सिफारिश की है। इसके तहत कहा गया है कि प्रत्येक जिले के जिला जज कमिटी बनाएं और इसके लिए हाई कोर्ट को सर्कुलर जारी करना चाहिए। इस कमिटी में ऐडवोकेट की शिकायत को सुना जाना चाहिए ताकि उनकी क्षमता में बढ़ोतरी हो सके।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News