कोराेना को हराने के लिए JNU भी आया आगे, वैक्सीन और दवा पर चल रहा है रिसर्च

punjabkesari.in Saturday, Apr 11, 2020 - 01:50 PM (IST)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कहर बरपाया हुआ है लेकिन अबतक कोई इलाज या दवा नहीं बन पाई है, जो इस वायरस को ख़त्म कर दे। देश में बहुत से साइंटिस्ट कोरोना वायरस से जान बचाने वाली दवा या टीका बनाने में लगे हुए है। ऐसे में दूसरी ओर जेएनयू का ये स्पेशल सेंटर भी कोरोना वैक्सीन पर काम करने लगा हुआ है। वैज्ञानिक घर से भी कर रहे  कोरोना के गहराते संकट से पार पाने के लिए मेडिकल साइंस एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है।  पूरी दुनिया में वैक्सीन और दवा के सैकड़ों ट्रायल चल रहे हैं। 

JNU CORONA VIRUS

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के Special Centre for Molecular Medicine विभाग के सीनियर प्रोफेसर वैज्ञानिक भी कर रहे हैं। Special Centre for Molecular Medicine के प्रो गोबर्धन दास ने बताया कि उनका सेंटर लगातार कोराेना को हराने के लिए काम कर रहा है।  हम कोरोना के लिए लैब के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसका बेस भारतीय लोगों की प्रतिरोधक क्षमताओं और पहले से मौजूद दवाओं का आधार है। 

JNU Admission 2020

JNU सीनियर प्रोफेसर वैज्ञानिक कहना है कि 
भारत के लोगों का बेस इम्यून रिस्पॉन्स हाइपर रहता है, इसका मतलब ये है कि हमारे शरीर में जब वायरस इंफेक्शन बाहर से आता है तो वो शरीर में एडॉप्ट करने से पहले ही मर जाता है। इसलिए कहा जा रहा है कि भारत में कोरोना के फैलने के थर्ड स्टेज में पहुंचने के चांस कम हैं। उन्होंने सरकार के तत्काल लॉकडाउन के कदम की भी तारीफ की। 

JNU coronavirus vaccine

इस आधार पर हो रहा वैक्सीन पर शोध
प्रो दास ने कहा कि हमारे देश में पहले से ही टीबी की वैक्सीन उपलब्ध है. ये बीसीजी (बैसिलस कैलमेट-गुएरिन) टीका करीब सौ साल पुराना है. इस टीके से लोगों में इम्यून सिस्टम डेवलेप होता है. अभी तक से सिर्फ अर्ली एज के बच्चों को दिया जाता है. लेकिन अब हम बीसीजी को कोरोना के प्रोटीन के साथ मिलाकर वैक्सीन तैयार करने पर काम कर रहे हैं. ये कोरोना के प्रोटीन से मिलकर एंटीबॉडी तैयार करने का तरीका है। 

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Author

Riya bawa

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