डॉलर की बढ़ने से विदेश में स्टूडेंट्स समेस्टर की पढ़ाई लगभग 50 हजार तक महंगी

punjabkesari.in Thursday, Sep 06, 2018 - 02:22 PM (IST)

नई दिल्ली: आसमान छूते डॉलर और उसके मुकाबले कमजोर पड़ते रुपए ने विदेश में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों की हालत पतली कर दी है। एक समेस्टर की पढ़ाई लगभग 50 हजार तक महंगी पड़ रही है। अमेरिका में पढऩे वाले छात्रों के अभिभावकों पर तो यह मार पड़ ही रही है, अन्य देशों में जहां अमेरिकी डॉलर में फीस ली जाती है, वहां पढऩे वाले बच्चों के मां-बाप भी चढ़ते डालर से पस्त हो गए हैं। 

बाहर पैसा भेजने के लिए आरबीआई ने तीन करेंसी स्वीकृत की है। यूएस डॉलर सबसे ऊपर है। भारतीय रुपया पहले यूएस डॉलर में बदला जाता है, इसके बाद जिस देश में भेजने है उसकी मुद्रा में उसे बदला जाता है। अभिभावकों को एक्सचेंज चार्ज भी दो बार देना पड़ जाता है। 

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रिटायर्ड बैंक मैनेजर व सलाहकार विजेंद्र कुमार मेहता ने बताया कि उनकी बेटी आस्ट्रेलिया से पोस्ट ग्रेजुएट कर रही है। उसे पैसा अस्ट्रेलियन डॉलर में चाहिए, मगर आरबीआई के नियम के चलते पहले रुपया यूएस डॉलर में बदला जाता है फिर आस्ट्रेलियन डॉलर में। इससे दो बार एक्सचेंज चार्ज देना पड़ता है। जून में पैसा भेजा था, तब से आस्ट्रेलियन डॉलर पर नजर बनाए हूं, वह 50 से 54 रुपए के बीच चल रहा है, मगर यूएस डॉलर तब 60 के आसपास था और अब 70 पार है, जल्द ही 75 छू जाएगा। जबकि आस्ट्रेलियन और यूएस डॉलर में इतना अंतर नहीं आया है। डॉलर के मुुकाबले हमारा रुपया कमजोर हुआ है, जिसका खामियाजा हजारों-लाखों अभिभावकों को भुगतना पड़ेगा। पिछली बार जून मेें 7 लाख 80 हजार के करीब रुपए भेजे थे, अबकि बार डॉलर के बढऩे के चलते सवा आठ लाख भेजने पड़ेंगे। जबकि बेटी को आस्ट्रेलियन डॉलर में उतना ही मिलेगा, जितना तब मिला था। इस तरह डॉलर बढऩे से एक सेमेस्टर पर लगभग 50 हजार रुपए अधिक फीस देनी होगा। 

एसआरसीसी में अर्थशास्त्र के प्रो.अनिल कुमार का कहना है कि ट्रंप सरकार बनने के बाद वीजा रूल कड़े करने के चलते बाहर पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों में यूरोप का के्रेज बढ़ा है। अब ज्यादातर छात्र यूरोप में मैनेजमेंट की पढ़ाई करने जा रहे हैं। जो छात्र हावर्ड या कोलम्बिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए जा रहे हंै, उनका एक करोड़ से ज्यादा खर्च आता है। ऐसे में उनकी उनका खर्च 10 प्रतिशत तक बढ़ गया है। 
अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या करीब दो लाख है। करीब सात अरब डॉलर इन छात्रों की तरफ से वहां जमा किए जाते हैं। करीब 50,000 करोड़ रुपए प्रति समेस्टर वहां पर भारतीय छात्रों की तरफ से जमा किए जाते हैं। वहां पढ़ाई कर रहे अधिकतर विद्यार्थियों की फीस लोन लेकर जमा की जाती है।


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pooja

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