Success Story: IAS बनकर गर्व से चौड़ा किया कर्जें में डूबे पिता का सीना

punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2019 - 12:26 PM (IST)

नई दिल्ली: हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर परीक्षा में 92वीं रैंक हासिल कर मिसाल कायम की। यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं।  

Image result for upsc

आज एक ऐसे शख्‍स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनके पिता के पास भले ही आईएएस जैसी परीक्षा की तैयारी कराने के लिए पैसे नहीं थे लेकिन उनके हौसलो में कहीं कोई कमी नहीं थी। इस शख्‍स के पिता ने कर्ज लेकर बेटे को आईएएस की तैयारी कराई और बेटे ने भी परीक्षा में 92वीं रैंक हासिल कर मिसाल कायम की। 

जानें कैसे की पूरी पढ़ाई 
बुलंदशहर के दलपतपुर गांव से ताल्‍लुक रखने वाले वीर प्रताप सिंह के घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। आर्थिक हालत ठीक न होने की वजह से भी  
वीर ने अपनी पढ़ाई पूरी की। स्‍कूल के दिनों में वीर पुल के अभाव में नदी पार करके स्कूल जाते थे। वीर ने प्राथमिक शिक्षा आर्य समाज स्कूल करौरा और कक्षा छह से हाईस्कूल तक की शिक्षा सूरजभान सरस्वती विद्या मंदिर शिकारपुर से हासिल की। इसके बाद उन्‍होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से 2015 में बीटेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) किया। 

PunjabKesari

पिता ने कर्ज लेकर कराई पढ़ाई
इंजीनियरिंग के बाद वे यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना चाहते थे लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। मीडिया से बातचीत के दौरान वीर ने बताया कि उनके पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे उन्‍हें पढ़ा सके, लेकिन वे बेटे की ख्‍वाहिश को हर हाल में पूरा करना चाहते थे, इसलिए उन्‍होंने एक व्‍यक्‍ति से तीन प्रतिशत महीने के ब्याज पर पैसे लेकर मेरी तैयारी शुरू करवाई। 

-कर्ज पर पैसे लेने के बाद वीर ने भी पढ़ाई में अपनी जी-जान लगा दी। वे हर दिन घंटों-घंटों पढ़ाई किया करते थे, हालांकि शुरुआत दो प्रयास में उन्‍हें सफलता नहीं मिली। इस दौरान वे हताश भी हुए लेकिन फिर भी डटे रहे। 

तीसरे प्रयास में मिली सफलता
वीर प्रताप ने तीसरे प्रयास में परीक्षा  को पास किया है। बता दें कि इसके पहले साल 2016 और 2017 में भी उन्होंने परीक्षा दी थी लेकिन वे असफल रहे, लेकिन मेहनत रंग लाई और 2018 में उन्‍हें 92वीं रैंक हासिल हुई। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Author

Riya bawa

Recommended News

Related News