स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर, आईआईटी में बढ़ेगी एक हजार सीटें

punjabkesari.in Tuesday, Oct 03, 2017 - 02:46 PM (IST)

नई दिल्ली : आईआईटी के अगले एकेडमिक सेशन के लिए करीब एक हजार सीटों की बढ़ोतरी की जा सकती है। पिछले साल भी 450 सीटें बढ़ाई गई थी। इस साल ज्वॉइंट काउंसलिंग के सातवें राउंड के करीब 121 सीटें खाली रह गई थी। मानव संसाधन मंत्रालय ने ज्वॉइंट एडमिशन बोर्ड को पत्र लिखकर नई आईआईटी की टॉप ब्रांच में सीटें बढ़ाने को कहा है। नए आईआईटी संस्थानों की सीनेट अतिरिक्त सीटें बढ़ाने के इस नए प्रस्ताव को जल्द ही आईआईटी के ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (जेएबी) के पास मंजूरी के लिए भेजेगा, जो इस मामले पर फैसला लेने के लिए अधिकृत है।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बढ़ी हुई अधिकतर सीटें आईआईटी मंडी, हैदराबाद, रोपड़, जोधपुर, भुवनेश्वर, इंदौर और गांधीनगर जैसे नए कैंपसों में होगी। लेकिन आईआईटी दिल्ली, मुंबई, कानपुर और खड़गपुर जैसे पुराने कैंपसों में भी सीटें बढ़ने की संभावना है, हालांकि इन संस्थानों में सीटों का इजाफा मामूली होगा। आईआईटी के नए कैंपसों में कंस्ट्रक्शन का काम काफी तेजी से चल रहा है, जिससे अगले सत्र से अधिक छात्रों को इन संस्थानों में दाखिला मिल पाएगा। एक हजार अतिरिक्ट सीटें बढ़ाने से आईआईटी में पढ़ने वाले कुल छात्रों की संख्या बढ़कर करीब 12 हजार हो जाएगी। अभी कुल 10,998 छात्र देशभर के 23 आईआईटी में पढ़ते हैं। आईआईटी में 14 और एनआईटी में 20 प्रतिशत सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित किए जाने पर अभी भी अधिकारिक मुहर लगना बाकी है। जेईई एडवांस के ब्रोशर में इसकी अधिकारिक पुष्टि हो पाएगी। इसी प्रकार अभी भी नई आईआईटी को नए कैंपस में शिफ्ट में किया जाना बाकी है। 

छात्राओं के लिए स्पेशल सीटें
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले अकादमिक सत्र से आईआईटी में लड़कियों के लिए स्पेशल सीटें चिन्हित की जाएंगी। इससे आईआईटी में लड़कियों की उपस्थिति बढ़ेगी। अभी आईआईटी में पढ़ने वाले कुल विद्यार्थियों के अनुपात में लड़कियों की संख्या केवल 8 फीसदी है। इस साल आईआईटी के ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (जेएबी) में लड़कियों को आवंटित सीटों में 14 फीसदी यानी 600 सीटें बढ़ाने का फैसला किया गया था। इससे आईआईटी में लड़कियों के लिए आवंटित सीटों की संख्या 1440 हो गई। अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसमें और अधिक इजाफा करना चाहती है। 

अलोकप्रिय पाठ्यक्रमों को खत्म करने का विकल्प
इस अकादमिक सत्र में देशभर के आईआईटी संस्थानों में करीब 400 सीटें बढ़ीं थीं। हालांकि सात राउंड की काउंसिलिंग के बावजूद इनमें 121 सीटें खाली रह गईं। जबकि पिछले अकादमिक सत्र में 96 सीटें खाली रही थीं। वहीं 2015 में सिर्फ 50 सीटें खाली थीं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि खाली सीटें भरने के लिए आईआईटी के पास अलोकप्रिय पाठ्यक्रमों को खत्म करने का विकल्प मौजूद है। इसके बदले लोकप्रिय और अधिक स्कोप वाले पाठ्यक्रमों की सीटें बढ़ाई जा सकती हैं। हालांकि इस संबंध में अभी कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। 


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