24 गुना नहीं बढ़ाई गई एग्जाम फीस: सीबीएसई

punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2019 - 10:13 AM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को मीडिया के मुताबिक सीबीएसई ने इस वर्ष एग्जाम फीस में 24 गुना बढ़ोतरी की है का खंडन करते हुए कहा कि यह सच नहीं है। सीबीएसई ने फीस वृद्धि जरूर की है लेकिन पिछली फीस को बढ़ाकर सिर्फ दोगुना किया गया है। 24 गुना फीस वृद्धि की जो बात कही जा रही है वह सही नहीं है। बता दें 24 गुना वृद्धि पर देश की राजनीतिक पार्टियों ने भी सीबीएसई बोर्ड की आलोचना की थी। सीबीएसई बोर्ड सचिव अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि सीबीएसई से देशभर में तकरीबन 22 हजार स्कूल मान्यता प्राप्त हैं। विदेशों में बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त 225 स्कूल हैं। 

देश के 22 हजार स्कूलों में करीब 16 हजार प्राइवेट व 6 हजार स्कूल सरकारी हैं। इसी में दिल्ली के 1000 सरकारी व एडेड स्कूल भी शामिल हैं। दिल्ली में 1500 से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं। बोर्ड द्वारा दिल्ली सरकार की सहमति पर दिल्ली में दो तरह की फीस नीति लागू की गई थी जिसमें सरकारी स्कूलों के 10वीं कक्षा के छात्रों की 5 विषय की फीस 375 रुपए थी (जिसमें 50 रुपए स्कूल द्वारा ऑनलाइन माध्यम में सीबीएसई को और 325 रुपए दिल्ली सरकार द्वारा सीबीएसई को री-इम्बर्स किए जाते थे) जिसे बढ़ाकर एससी-एसटी के लिए 1200 रुपए और सामान्य वर्ग के छात्र के लिए 1500 रुपए किया गया है। 

दिल्ली प्राइवेट स्कूलों समेत देशभर के सभी 21 हजार मान्यता प्राप्त स्कूलों में सरकारी में 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए यह फीस पहले 750 रुपए थी जिसे बढ़ाकर अब सभी छात्रों एससी-एसटी, ओबीसी व जनरल के लिए 1500 रुपए प्रति छात्र कर दिया गया है। बोर्ड सचिव ने कहा कि उन्होंने एससी-एसटी के 50 रुपए को बढ़ाकर 1200 नहीं किया है। 12वीं में उनकी फीस दरअसल 600 रुपए थी। जोकि अब 1200 रुपए होगी। उन्होंने कहा कि देश के बाकी सभी स्कूलों में एससी-एसटी-ओबीसी-जनरल सभी छात्र 750 रुपए एग्जाम फीस जमा कर रहे थे वह अब 1500 रुपए एग्जाम फीस जमा करेंगे। 

दिल्ली में 50 रुपए ही देंगे एससी-एसटी छात्र
सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा के शुल्क के तौर पर राष्ट्रीय राजधानी में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र पहले की तरह ही 50 रुपए ही देंगे और बाकी बढ़ी हुई राशि दिल्ली सरकार देगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने यह घोषणा की। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देशों पर एससी और एसटी समुदाय के छात्रों को राहत देने के लिए फैसला किया गया। सीबीएसई ने हाल ही में सभी श्रेणियों के लिए बोर्ड परीक्षा के शुल्क में वृद्धि की घोषणा की। त्रिपाठी ने मंगलवार को कहा कि बोर्ड ने स्कूलों से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एससी और एसटी छात्रों से 50 रुपए ही लेने की प्रक्रिया को बहाल करने का फैसला किया है।

बढ़ी फीस तुरंत वापस लेने की मांग
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) की दिल्ली राज्य कमेटी नेे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा फीस में वृद्धि की निंदा करते हुए बढ़ी फीस तुरंत वापस लेने की मांग की है। इस फीस में हुई अभूतपूर्व अमानवीय बढ़ोतरी का सबसे बुरा असर दिल्ली की गरीब और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं पर पड़ेगा। अभी तक इन्हें परीक्षा फीस के रूप में 50 रुपए देनी पड़ती थी, अब उन्हें 1200 रुपए देनी होगी। हद यह कि बढ़ी फीस देने में सक्षम नहीं, उन्हें परीक्षा में भाग लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। 


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Riya bawa

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