शिक्षा विभाग की लापरवाहीः दो साल पहले कोर्स के लिए मांगी  छुट्टी , पूरा होने पर मिली अनुमति

punjabkesari.in Saturday, Oct 06, 2018 - 04:35 PM (IST)

चंडीगढ़:  बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी संभालने वाले शिक्षा विभाग की लचर और लापरवाही का एक और उदाहरण सामने आया है। गुड़गांव के राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में पीजीटी कॉमर्स टीचर रविंद्र कुमार की ओर से दो साल पहले बीएड करने के लिए अवकाश की स्वीकृति को लगाई गई एप्लीकेशन पर अब शिक्षा विभाग की ओर से अनुमति दी गई है।


दो साल तक ठंडे बस्ते में डाल दी गई और शिक्षक रेगुलर कोर्स करके वापस आ गया है। अब उसे जब शिक्षक के अवकाश के दो दिन बचे तो उसकी छुट्टियां स्वीकृत की गई है। खास बात यह है कि स्वीकृति के आदेशों में यह भी लिखा गया है कि उनकी छुट्टियां स्वीकृत की जाती हैं, लेकिन उसके कोर्स के दौरान यदि कोई अर्जेंट ड्यूटी आती है तो उसके कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए। यदि अवकाश के दौरान दूसरी जगह काम करेगा तो उसके अवकाश रद्द कर दिए जाएंगे। बता दें कि विभाग ने पिछले दिनों एक जेबीटी टीचर का भी कृषि विभाग में डेपुटेशन किया है। 

 

पीजीटी टीचर रविंद्र कुमार ने शिक्षा विभाग में अवकाश की एप्लीकेशन दी थी। जिसमें अवकाश की वजह बीएड कोर्स बताया। एक अक्टूबर, 2016 से एक अक्टूबर, 2018 तक अवकाश चाहिए। वह गुड़गांव के राष्ट्रीय विद्या एजुकेशन कॉलेज से दो वर्ष का रेगुलर बेसिस पर बीएड का कोर्स करेगा।

 

शिक्षा विभाग में पहुंची एप्लीकेशन को देखा ही नहीं गया। जबकि उसके अवकाश अवधि के दो साल पूरे हो चुके हैं। 5 सितंबर को अब इस फाइल को शिक्षा विभाग की एसीएस धीरा खंडेलवाल के कार्यालय से स्वीकृति दी गई। इसके बाद 28 सितंबर को विभाग के निदेशालय ने इस पास किया है।

 

गुड़गांव के डीईओ दिनेश कुमार शर्मा का कहना है कि जिन टीचर्स ने बीएड का कोर्स नहीं किया हुआ था, उन्हें दो साल का वक्त दिया था। ऐसे में इस टीचर को भी बीएड करने का वक्त दिया था। हालांकि उन्होंने कहा कि अवकाश दो साल बाद स्वीकृत किया जा सकता है। ऐसा विभाग में नियम भी है।

 

जुलाई में किया था जॉइन, अवकाश अक्टूबर तक का स्वीकृत : पीजीटी टीचर रविंद्र कुमार का कोर्स जुलाई में पूरा हो चुका है। वह ड्यूटी भी ज्वाइन कर चुका है, लेकिन शिक्षा विभाग को पता ही नहीं। ऐसे में रविंद्र अब शिक्षा विभाग में पहुंचे हैं। उनका कहना है कि अवकाश अब स्वीकृत हुआ है। जबकि उसका कोर्स जुलाई में पूरा हो चुका है। इतने दिन किसी ने कुछ नहीं पूछा।


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Sonia Goswami

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