CBSE Board Exam 2019:  विकल्प के तौर पर इस्तेमाल होगी  डबल इन्क्रिप्टेड पेपर प्रणाली

punjabkesari.in Sunday, Jan 27, 2019 - 12:33 PM (IST)

नई दिल्ली : सीबीएई बोर्ड ने 2018 में हुई पेपर लीक घटनाओं से सीख लेते हुए इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए  फैसला किया था कि परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्रों की हार्ड कॉपी भेजने के बजाय उन्हें ई-लिंक और सीडी के ज़रिए भेजा जाएगा। यह भी तय किया गया था कि प्रश्न पत्रों का प्रिंट परीक्षा सेंटरों पर ही निकाला जाएगा। लेकिन सीबीएसई ने अब तय किया है कि वह अब बोर्ड परीक्षाएं  पारंपरिक तरीके से ही आयोजित कराएगा। अह स्टूडेंट्स को  क्वेश्चन पेपर की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी।

2018 में हुआ आरंभिक परीक्षण
गौरतलब है कि बोर्ड परीक्षाएं इस बार फरवरी में ही शुरु हो जाएगी और हॉल में ही सीबीएसई ने परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए है। इससे पहले  2018 में बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक मामले के बाद  जुलाई 2018 में हुई 10वीं क्लास की कंपार्टमेंटल परीक्षा के दौरान सीबीएसई ने  डबल इन्क्रिप्टेड प्रश्न पत्रों का आरंभिक परीक्षण किया था। उन प्रश्न पत्रों को परीक्षा केंद्र पर ही प्रिंट किया गया था।
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पेपर लीक मामले के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित की गई समिति ने भी प्रश्न पत्रों की डिलिवरी में टेक्नॉलजी के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया था। उन प्रश्न पत्रों को परीक्षा से 30 मिनट पहले ही ई-मेल के ज़रिए परीक्षा केंद्रों पर उपलब्ध कराया गया था। जबकि उनके पासवर्ड अलग मेल के ज़रिए परीक्षा हॉल के निरीक्षक को भेजे थे। 

30 मिनट में 16 हजार प्रश्न पत्र प्रिंट करना संभव नहीं
एचआरडी मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के अनुसार डबल इन्क्रिप्टेड प्रश्न पत्रों का आइडिया परीक्षाओं के लिए बैकअप विकल्प के तौर पर रखा गया है। बोर्ड इस तकनीक का इस्तेमाल इस साल फरवरी के मध्य में होने वाले वकेशन कोर्स की परीक्षाओं में इस्तेमाल करने के बारे में सोचेगा, जहां छात्रों की संख्या कम होगी।
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अधिकारी ने कहा कि फिलहाल दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित कई केंद्रों पर डबल इन्क्रिप्टेड प्रश्न पत्रों की डिलिवरी संभव नहीं है क्योंकि वहां ज़रूरी सुविधाएं नहीं हैं। और जिस केंद्र पर 1 हजार छात्र होंगे वहां महज 30 मिनट में 16 हजार प्रश्न पत्र प्रिंट करना संभव नहीं होगा। 


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