बच्चों को 12 साल की उम्र के बाद विशिष्ट क्षेत्रों में भेजना चाहिए : सद्गुरु

punjabkesari.in Thursday, Feb 07, 2019 - 12:18 PM (IST)

नई दिल्ली: आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए बच्चों को 12 साल की उम्र के बाद विशिष्ट क्षेत्रों में भेजने की वकालत की है। देशभर से केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए सद्गुरु ने देश में शिक्षा प्रणाली को बदलने का आह्वान किया। सद्गुरु के अनुसार मौजूदा शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य सिर्फ क्लर्क पैदा करना है।      

 

कार्यक्रम में सद्गुरु ने कहा, ‘‘सचिन तेंदुलकर की शिक्षा के बारे में कोई बात नहीं करता। वह अपने बल्ले से सिर्फ एक के बाद एक गेंद मारते गये और आपने उन्हें भारत रत्न बना दिया। यह इसलिए है क्योंकि कोई सिर्फ गेंद को मारने के लिये सर्मिपत रहा। कोई गणित, कोई रसायनशास्त्र, कुछ नहीं।’’ कार्यक्रम में स्कूलों के 1,800 प्रमुख शामिल हुए थे।   सद्गुरु ने कहा, ‘‘12 साल तक बच्चों को विभिन्न विषयों से अवगत कराना चाहिए लेकिन इसके बाद वे खुद को समर्थ बनाने के लिए विशिष्ट क्षेत्र की दिशा में आगे बढऩा शुरू करें।’’ सद्गुरु ने पूछा, ‘‘क्या हमें अपने देश में विभिन्न क्षेत्रों से और रत्न की जरूरत नहीं है।’’      

 

उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासकों द्वारा स्थापित देश की शिक्षा प्रणाली सिर्फ क्लर्क पैदा करने के लायक है। उन्होंने कहा, ‘‘समय आ गया है कि हम बदलाव शुरू करते हुए कला, संगीत, थिएटर और खेल-कूद के लिये आदर्श स्थितियों का निर्माण करें। सिर्फ क्लर्क ही नहीं बल्कि शिक्षक, प्रबंधक और वैज्ञानिक भी हैं जो देश का निर्माण करते हैं। एक राष्ट्र सभी तरह की प्रतिभाओं से बनता है।’’     

 

शिक्षकों के महत्व पर जोर देते हुए सद्गुरु ने कहा कि शिक्षण का कार्य एक महान राष्ट्र और विश्व के निर्माण के लिये लोगों को प्रेरित करने और उनके जीवन को सुधारने का एक असाधारण जरिया है।  कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा ले रहे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव (स्कूल शिक्षा) आर सी मीणा ने कहा कि सम्मेलन से प्रधानाध्यापकों को शिक्षण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली और नवीन विचारों को साझा करने में मदद मिलेगी।  दो दिवसीय सम्मेलन बृहस्पतिवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के संबोधन के साथ संपन्न होगा।     
 


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pooja

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